एक ऐसा गांव जहां युवाओं की नस-नस में दौड़ता है खेल, विश्वभर में बनाई पहचान
खिलाड़ी हॉकी कुश्ती कबड्डी पंचक-सिलाट हैंडबॉल तीरंदाजी के खेल ग्राउंड में पसीना बहाते हैं। कुश्ती तीरंदाजी व हॉकी में दर्जनों खिलाड़ी वर्ल्ड चैंपियनशिप में सोना जीत चुके हैं
हांसी/हिसार [मनप्रीत सिंह] हांसी से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित उमरा गांव पूरी तरह से खेल गांव बन चुका हैं। इस गांव की मिट्टी से निकले दर्जनों खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय पटल पर देश का नाम रोशन कर चुके हैं। खास बात ये है कि गांव में ऐसे खेलों का क्रेज बढ़ता जा रहा है जो देश में हाशिये पर हैं।
सीमित सुविधाओं के बीच ग्राउंड पर पसीना बहाकर इस गांव के खिलाड़ी अपनी प्रतिभा को निखारने में जुटे हुए हैं। गांव में भविष्य के खिलाडिय़ों की पौध तैयार करने में विभिन्न खेलों के कोच अपने जेब से पूंजी लगाकर जी-जान से जुटे हुए हैं।
उमरा गांव की आबोहवा में कई खेलों की महक समाई है। शहर से उमरा गांव की तरफ रुख करते ही खिलाड़ी तरह-तरह के खेलों में मशगूल नजर आते हैं। शाम होते ही गांव का नजारा देखने लायक होता है। खिलाड़ी हॉकी, कुश्ती, कबड्डी, पंचक-सिलाट, हैंडबॉल, तीरंदाजी के खेल ग्राउंड में पसीना बहाते दिखते हैं।
कुश्ती, तीरंदाजी व हॉकी के खेलों में दर्जनों खिलाड़ी वर्ल्ड चैंपियनशिप में देश का नाम रोशन कर सोना जीत चुके हैं। गांव में दिनों-दिन खेलों के प्रति क्रेज इतना बढ़ता जा रहा है कि युवा पीढ़ी उन खेलों को भी खेलना शुरू चुके हैं जिनमें अभी तक कोई अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश के नाम मेडल नहीं आया है। पंचक-सिलाट व हैंडबॉल ऐसे ही खेल हैं। इन खेलों के प्रति भी उमरा व सातबास के गांवों के खिलाडिय़ों में जोश व जुनून है।
कहा जाता है कि प्रदेश में लड़कियों के प्रति समाज की सोच उदारवादी नहीं है। लेकिन उमरा गांव की सबसे खास बात ये है कि विभिन्न खेलों में लड़कियां भी परचम लहरा रही हैं। ग्रामीण अपनी बेटियों को बेझिझक खेल ग्राउंड में भेज रहे हैं। लड़कियां भी इस अवसर का जमकर फायदा उठा रही हैं और समाज के सामने अपने आपको साबित कर रही हैं। तीरंदाजी में हिमानी व लक्ष्मी और कुश्ती में ज्योती व स्विटी अंतरराष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी हैं।
गांव में नहीं स्टेडियम, जमीन लीज पर लेकर खिलाडिय़ों की प्रतिभा निखार रहे कोच
खेलों के मामले में उमरा गांव का नाम बेशक विश्व स्तर पर छाया हुआ हो लेकिन गांव में सुविधाएं शून्य हैं। गांव में खेल स्टेडियम भी नहीं है। विभिन्न खेलों की कोङ्क्षचग देने वाले कोच ने जमीन लीज पर ले रखी है। कुश्ती कोच संजय, हॉकी कोच सुरेंद्र, तीरंदाज कोच मंजीत मलिक, हैंडबॉल कोच सुरेश, कबड्डी कोच राजेश व अजय ने जमीन लीज पर लेकर खेल ग्राउंड बना रखा है।
सातबास ही नहीं बल्कि कई प्रदेशों के खिलाड़ी ले रहे हैं कोचिंग
उमरा गांव में स्थित विभिन्न खेलों के ग्राउंड में सातबास के खिलाड़ी ही नहीं बल्कि देश के कई प्रदेशों से यहां आकर खिलाड़ी कोचिंग ले रहे हैं। यूपी, हिमाचल, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान के खिलाड़ी उमरा गांव में बने होस्टल में रहते हैं। सबसे अधिक रेसलिंग की कोचिंग के लिए खिलाड़ी गांव में आते हैं। यहां का कुश्ती अखाड़ा पूरे देश में जाना जाता है।
इन खिलाडिय़ों ने विश्व में चमकाया है गांव का नाम
खेल खिलाड़ी
तीरंदाजी - आकाश, दिव्या, हिमानी, लक्ष्मी
कुश्ती - ज्योती, स्विटी मलिक, विकास कुमार, मंजू सिंधु
कबड्डी - मंजीत, आशीष, सचिन, राकेश, राहुल
हॉकी - पूनम रानी, पवन मलिक, उषा रानी, विनीत मलिक
हैंडबॉल - रेणु, अंजली, अनीता,
बॉक्सिंग - अमन मलिक, रमन, सुनीता, विनय
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