मत्स्य पालकों को मिलेंगे आजीविका के बेहतर अवसर, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना से मिल रहा अनुदान
मत्स्य पालकों को आजीविका के बेहतर अवसर उपलब्ध होंगे। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के माध्यम से उनको न केवल अनुदान मिलेगा बल्कि योजना के तहत मत्स्य पालकों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। जिससे उनकी आजीविका में इजाफा होगा। झींगा मछली पालन भी बेहतर विकल्प है

जागरण संवाददाता, रोहतक : मत्स्य पालन करने वाले मत्स्य पालकों को आजीविका के बेहतर अवसर उपलब्ध होंगे। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के माध्यम से उनको न केवल अनुदान मिलेगा बल्कि योजना के तहत मत्स्य पालकों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। जिससे उनकी आजीविका में इजाफा होगा। इसको लेकर अधिकारियों का कहना है कि सरकार मछली पालन व्यवसाय से जुड़े मत्स्य पालकों को आजीविका के बेहतर अवसर प्रदान कर उनके आर्थिक विकास के लिए प्रयासरत है। सरकार द्वारा मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए देशभर में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की शुरूआत की हुई है, जो मत्स्य पालन व्यवसाय से जुड़े मत्स्य पालकों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने में वरदान सिद्घ हो रही है। इस संबंध में प्रशासन के अधिकारियों ने विभागीय अधिकारियों को मत्स्य पालकों के लिए चलाई जा रही योजनाओं को लेकर मत्स्य पालकों को जागरूक करें के निर्देश दिए हैं। ताकि वे योजनाओं का लाभ उठाकर अपनी आर्थिक स्थिति में और सुधार कर सकें।
झींगा मछली से बढ़ेगी आमदनी :
अधिकारियों का दावा है कि जिले के जिन गांवों में बरसात के पानी के ठहराव की संभावना अधिक है उन गांवों के लोगों को मत्स्य पालन व्यवसाय के प्रति प्रेरित व जागरूक किया जा रहा है। झींगा मछली पालन से पांच से छह लाख रुपये प्रति एकड़ तक आमदनी होती है और यह आमदनी बढ़ाने में सहयक है। सरकार की इस योजना के तहत अनुसूचित जाति व महिला वर्ग मछली पालकों को 60 प्रतिशत अनुदान जबकि सामान्य वर्ग को मछली पालन पर 40 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है।
प्रशिक्षण की भी है व्यवस्था :
सरकार की ओर से मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए देशभर में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की शुरूआत की हुई है। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 60 प्रतिशत सभी वर्गों की महिलाओं व अनुसूचित जाति को जबकि 40 प्रतिशत सामान्य व ओबीसी को अनुदान प्रदान किया जाता है। किसानों को जागरूक करते हुए समय-समय पर विभाग द्वारा प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। सामान्य व ओबीसी प्रार्थियों के लिए प्रशिक्षण की भी व्यवस्था है, जिसके तहत 10 दिनों की ट्रेनिंग पर 11 सौ रुपये प्रशिक्षण भत्ता भी देते हैं।
--मत्स्य पालन व्यवसाय शुरू करने से पहले विभाग से जरूरी जानकारी प्राप्त कर लें ताकि परेशानी का सामना न करना पड़े। यूनिट लगाने से पहले प्रशिक्षण अवश्य लें और मिट्टी व पानी की टेस्टिंग भी करवाएं।
- कैप्टन मनोज कुमार, उपायुक्त, रोहतक ।
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