पहली बार पैरालंपिक खेलों में हरियाणा के गुरू-शिष्यों की जोड़ी दिखाएगी कमाल, एकता भ्याण का गोल्ड का सपना
पैरालंपिक खेलों में पहली बार गुरू-शिष्यों की जोड़ी कमाल दिखाएगी। रोहतक से अर्जुन अवार्डी अमित सरोहा हिसार से पैराएथलीट एकता भ्याण और धर्मबीर ने पैरालंपिक खेलों के लिए अपना टिकट हासिल किया है। टोक्यो पैरालंपिक का आयोजन 24 अगस्त से 5 सितंबर तक होगा।

जागरण संवाददाता, हिसार : टोक्यो में आयोजित होने वाले पैरालंपिक खेलों में पहली बार गुरू-शिष्यों की जोड़ी कमाल दिखाएगी। रोहतक से अर्जुन अवार्डी अमित सरोहा, हिसार से पैराएथलीट एकता भ्याण और धर्मबीर ने पैरालंपिक खेलों के लिए अपना टिकट कटाया है। खास बात है कि एकता भ्याण और धर्मबीर दोनों ही अर्जुन अवार्डी अमित सरोहा के शिष्य हैं। अमित की सरपरस्ती में दोनों खिलाड़ियों ने अपने खेल को तो सुधारा साथ ही पैरालंपिक के टिकट तक लेकर गए। एकता और धर्मबीर पहली बार पैरालंपिक खेलों में प्रतिभाग करने जा रहे हैं। खास बात है कि एकता इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाली हरियाणा की एकमात्र महिला खिलाड़ी होंगी। टोक्यो पैरालंपिक का आयोजन 24 अगस्त से 5 सितंबर तक होगा। ऐसे में इन खिलाड़ियों ने अपनी तैयारियों में पूरा जोर लगा दिया है।
एथलीट अमित सरोहा भारतीय दल के सबसे अनुभवी खिलाड़ियों में से एक हैं। उनका यह तीसरा पैरालंपिक है। इससे पहले वे 2012 व 2016 पैरालंपिक में देश का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। बात अगर हरियाणा की करे तो अमित अकेले खिलाड़ी है जो तीसरी बार पैरालंपिक में जा रहे हैं। दिल्ली के जेएलएन स्टेडियम में 29-30 जून को आयोजित पैरालंपिक के चयन ट्रायल में अमित ने 29.87 मीटर की थ्रो कर पैरालंपिक का टिकट कटाया है। पिछले तीन सालों में यह अमित की सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन हैं। अमित ने कहा सच कहूं तो टोक्यो चयन का ये सफर आसान नहीं था क्योंकि ट्रायल से कुछ दिन पहले कोरोना होने की की वजह से शरीर में बहुत कमजोरी आ गयी थी पर हमारे हरियाणा में कहते हैं हिम्मत का राम हिमाती। सब कुछ ठीक रहा तो हम देश की झोली मैडल से भर देंगे।
हिसार में सहायक रोजगार अधिकारी के पद पर तैनात एकता भ्याण कोविड के कारण घर पर रहकर कार्यालय का कार्य और अपनी प्रैक्टिस दोनों एक साथ कर रही है। वह अपने समय से प्रैक्टिस और डाइट का विशेष ध्यान रख रही हैं। एकता पहले भी कई प्रतियोगिताओं में अपना लोहा मनवा चुकी हैं। अब पैरालंपिक खेलों में कुछ कर दिखाने का सपना मन में ली हुई हैं। वह एशियन पैरागेम्स में स्वर्ण पदक, छह अंतरराष्ट्रीय पदक, आठ राष्ट्रीय पदक जीत चुकी हैं। साथ ही पिछले पांच वर्ष से एशिया में पहली रैंप पर जगह बनाई हुई हैं।
2010- सिल्वर
2014- गोल्ड व सिल्वर
2018- गोल्ड
2015 विश्व चैंपियनशिप में सिल्वर पदक
2013 में अर्जुन अवार्ड
2012 में भीम अवार्ड
26 अंतरराष्ट्रीय स्तरीय पदक
22 नेशनल पदक
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