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    हरियाणा में खुला पहला पीपीपी मोड का सैनिक स्कूल, यहां पढ़ाई कर सेना में अफसर बनने का सपना होगा पूरा

    By Manoj KumarEdited By:
    Updated: Sun, 28 Aug 2022 11:53 AM (IST)

    अब हरियाणा का पहला पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड का सैनिक स्कूल हिसार फतेहाबाद के बार्डर पर स्थित खारा खेड़ी गांव में खोला गया। बैच शुरू हो गया है। इस स्कूल में प्रवेश परीक्षा के माध्यम से मेरिट पाकर सर्वाधिक इस बार बिहार से विद्यार्थी आए हैं।

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    हिसार-फतेहाबाद के बार्डर पर गांव खारा खेड़ी में खुला हरियाणा में पहला पीपीपी मोड का सैनिक स्कूल

    वैभव शर्मा, हिसार। सैनिक स्कूल में पढ़कर देश सेवा करने का सपना हर विद्यार्थी देखता है। खासकर ग्रामीण परिपाटी से आने वाले विद्यार्थियों के लिए यह स्कूल किसी मंदिर से कम नहीं होते हैं। मगर सैनिक स्कूलों की सीमित संख्या होने के कारण हर किसी को इसमें दाखिला नहीं मिलता है। अगर दाखिला हो भी जाए तो घर से दूर जाना पड़ता है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हरियाणा में दो सरकारी सैनिक स्कूल हैं, जिसमें से एक करनाल के कुंजपुरा में और दूसरा रेवाड़ी में स्थित है।

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    अब हरियाणा का पहला पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड का सैनिक स्कूल हिसार फतेहाबाद के बार्डर पर स्थित खारा खेड़ी गांव में खोला गया। यहां पहले बैच में आए विद्यार्थियों ने पढ़ाई शुरू भी कर दी है। इस स्कूल में प्रवेश परीक्षा के माध्यम से मेरिट पाकर सर्वाधिक इस बार बिहार से विद्यार्थी आए हैं। यह सैनिक स्कूल हिसार, फतेहाबाद और सिरसा बेल्ट के विद्यार्थियों के लिए एक अच्छा अवसर होगा। अभिभावक अपने बच्चों का घर के पास ही दाखिला करा सकते हैं।

    10 स्कूलों काे प्रथम चरण में दी शिक्षा सत्र चलाने की अनुमति

    देश में सरकारी क्षेत्र में रक्षा मंत्रालय के तहत सेना के स्कूल संचालित होते हैं। जिसमें पांच मिलिट्री स्कूल और 33 सैनिक स्कूल शामिल हैं। हाल ही में सैनिक स्कूल सोसाइटी ने अपने स्कूलों को बढ़ाने का फैसला लिया। जिसके तहत 100 स्कूलों को पीपीपी मोड पर शुरु करने का निर्णय लिया गया। जिसमें से प्रथम चरण में 21 स्कूल फाइनल हुए। मगर आगामी कार्यवाही में सिर्फ 10 स्कूलों को पहले बैच का दाखिला लेने के लिए अनुमति दी गई। जिसमें से हरियाणा के पहले पीपीपी मोड के सैनिक स्कूल को भी अनुमति मिली है।

    ऐसे संचालित होंगे पीपीपी मोड के सैनिक स्कूल

    इन स्कूलों को संचालित करने के लिए सैनिक स्कूल सोसाइटी ने प्राइवेट पार्टनर से स्कूल का भवन, ग्राउंड व जमीन की मांग की थी। जो यह शर्तें पूरी करते थे उन्ही को सैनिक स्कूल बनाने की अनुमति दी गई। इस स्कूल पर रक्षा मंत्रालय के तहत सैनिक स्कूल सोसाइटी का ही ओवरआल व टेक्निकल नियंत्रण रहेगा। खारा खेड़ी का सैनिक स्कूल आवासीय होगा इसके साथ ही इसकी फीस आदि भी सैनिक स्कूल सोसाइटी द्वारा ही तय की गई है। इस प्राइवेट स्कूल को एक चेयरपर्सन देखते हैं। हिसार में डा. ज्योत्सना चेयरपर्सन और प्रशासनिक अधिकारी सेवानिवृत्त कर्नल धर्मवीर नेहरा हैं।

    मेरिट पर होगा दाखिला

    जैसे सरकारी सैनिक स्कूल में दाखिले के लिए राष्ट्रीय स्तर पर आल इंडिया सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा आयोजित होती है, इसी प्रवेश परीक्षा के तहत पीपीपी मोड के सैनिक स्कूलों में भी दाखिला होगा। जिस विद्यार्थी का मेरिट में नंबर आएगा उसे ही दाखिला लेने का मौका मिलेगा। इसके साथ ही किसी प्रकार का कोटा या विशेषाधिकार कोटा किसी को भी नहीं मिलेगा। यहां दाखिला सिर्फ अच्छी मेरिट ही दिला सकती है।

    120 सीट हैं मौजूद

    प्रशासनिक अधिकारी रिटा. कर्नल धर्मवीर नेहरा ने बताया कि हिसार में शुरू हुए सैनिक स्कूल में कुल 120 सीटें सोसाइटी से अलाट हुईं हैं। जिसमें से पहले बैच में 103 विद्यार्थी आए हैं। शेष बची सीटों के विद्यार्थी आगे की काउंसलिंग के जरिए अपग्रेड होकर अपने घर के नजदीकी सैनिक स्कूल में चले गए। इस बार देरी होने के कारण तीन ही काउंसलिंग हो पाई। इस बैच में 86 लड़के व 17 लड़कियों ने दाखिला लिया है। जिसमें सर्वाधिक बिहार से, बाकी मणिपुर, पश्चिम बंगाल, झारखंड, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, पंजाब, हिमाचल प्रदेश एवं केंद्र शासित प्रदेश जम्मू एंड कश्मीर के कैडेट्स यहां अब शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।

    लक्ष्य है एनडीए के लिए कैडेट्स तैयार करना

    सरकारी क्षेत्र के सैनिक स्कूलों का लक्ष्य होता है कि अपने कैडेट्स को एनडीए की तैयारी कराना है। अगर एनडीए में चयन नहीं होता है तो दूसरे क्षेत्रों की तैयारी भी कराई जाती है। ठीक इसी प्रकार पीपीपी मोड के इस सैनिक स्कूल का लक्ष्य भी एनडीए की तैयारी कराना होगा। जिसके लिए उन्हें प्रेरित करना और अपने- अपने फील्ड के विशेषज्ञों के लेक्चर कराए जाते हैं।

    विद्यार्थियों का कहा जाता है कैडेट्स, सैनिकों की तरह होती है ड्रिल

    सैनिक स्कूलों की तरह ही प्राइवेट सैनिक स्कूल का ट्रेनिंग प्रोग्राम भी सैनिक स्कूल सोसाइटी की तरफ से निर्धारित किया गया है। यहां विद्यार्थियों को कैडेट्स कहा जाता है। यह इस स्कूल का पहला बैच है इसलिए कक्षा छह में कैडेट्स का प्रवेश लिया गया है। कैडेट्स सुबह 5 बजे उठकर साढ़े पांच बजे पीटी ग्राउंट में पहुंचते हैं। जहां पर पीटी और ड्रिल की ट्रेनिंग दी जाती है। साढ़े सात बजे असेंबली कराई जाती है। इसके बाद दोपहर डेढ़ बजे तक सीबीएसई पैटर्न के हिसाब से पढ़ाई कराई जाती है।

    दोपहर के भोजन के बाद इन कैडेट्स को शैक्षणिक प्लस करिकुलम के तहत ट्रेनिंग दी जाती है। जिसमें चरित्र निर्माण, नैतिक शिक्षा, एथिक्स, राष्ट्रीयता की भावना, संस्कारिक, फर्स्ट एड, फायर फाइटिंग और समग्र विकास के योग्य बनाया जाता है। इसके बाद शाम के समय विभिन्न प्रकार के खेल सिखाए जाते हैं। इसके बाद डिनर और फिर प्रेप टाइम में रात्रि 10 बजे तक दोबारा कक्षा में जाकर पढ़ाई करते हैं। ठीक 10 बजे सभी को सोना होता है।