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रोहतक में इनसो के स्थापना दिवस पर किसानों का हंगामा, पांच घंटे बनी रही टकराव की स्थिति

रोहतक के एमडीयू में इनसो का स्थापना दिवस मनाया गया। इस दौरान किसानों ने प्रदर्शन किया। पुलिस ने किसानों को एमडीयू गेट से अंदर नहीं घुसने दिया। आंदोलनकारियों ने इनसो के पोस्टर बैनर फाड़ दिए। एक एडिशनल एसपी पांच डीएसपी और 1200 पुलिसकर्मियों ने मोर्चा संभाला।

By Umesh KdhyaniEdited By: Published: Thu, 05 Aug 2021 09:39 PM (IST)Updated: Thu, 05 Aug 2021 09:39 PM (IST)
रोहतक में इनसो के स्थापना दिवस पर किसानों का हंगामा, पांच घंटे बनी रही टकराव की स्थिति
रोहतक में इनसो के स्थापना दिवस कार्यक्रम के दौरान काले झंडे लेकर पहुंचे किसान।

जागरण संवाददाता, रोहतक। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में हुए इनसो के स्थापना दिवस कार्यक्रम को लेकर किसान आंदोलनकारी और पुलिस करीब पांच घंटे तक आमने-सामने रहे। बार-बार टकराव की स्थिति बनती रही। आंदोलनकारियों ने दिल्ली रोड पर एमडीयू गेट नंबर दो के सामने ट्रैक्टर-ट्राली को आड़े-तिरछे खड़े कर दिए। इस कारण दिल्ली रोड भी पूरी तरह से जाम रहा। मेडिकल मोड़ से लेकर दिल्ली बाईपास तक चौपहिया वाहन जाम में फंसे रहे तो दोपहिया वाहन भी रेंगते हुए इधर-उधर से निकले। स्थिति यह रही कि पुलिस के सामने ही इनसो के कार्यक्रम को लेकर लगाए गए बैनर और होर्डिंग्स फाड़ दिए गए। महिलाओं ने भी उन पर डंडे बरसाएं। पुलिस के बैरिकेड भी तोड़े गए।

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दरअसल, टैगोर सभागार में हुए कार्यक्रम में इनसो के संस्थापक व जजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय चौटाला मुख्यातिथि थे। संयुक्त किसान मोर्चा ने चेतावनी दे रखी थी कि वह हर हाल में इस कार्यक्रम का विरोध करेंगे। जिसके चलते वीरवार सुबह करीब आठ बजे से ही वहां पर पुलिस बल को तैनात कर दिया गया। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए एक एडिशनल एसपी, पांच डीएसपी और करीब 1200 पुलिसकर्मी मोर्चा संभाल रहे थे। पूर्व घोषणा के अनुसार किसानों का एक जत्था देवीलाल पार्क और दूसरा शहर की तरफ से होता हुआ विश्वविद्यालय के गेट नंबर दो पर पहुंचा। सबसे पहले किसानों की दिल्ली बाईपास पर पुलिस के साथ झड़प हुई।

रोहतक के दिल्ली बाईपास चौक पर प्रदर्शन के दौरान आंदोलनकारी बैरिकेड पर चढ़ गए।

बैरिकेड तोड़ने का किया प्रयास

किसानों ने बैरिकेड तोड़ने का भी प्रयास किया। इस दौरान किसानों की एक गाड़ी का शीशा भी टूट गया। भीड़ अधिक होने के कारण पुलिस को ही पीछे हटना पड़ा। गेट नंबर दो पर पहुंचते ही किसानों ने जाम लगा दिया। पुलिस अधिकारियों ने उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन किसानों ने उनकी एक नहीं सुनी। किसान जिद पर अड़े रहे कि उन्हें अंदर जाने दिया जाए, लेकिन पुलिस ने चारों तरफ घेराबंदी कर दी और किसी को भी अंदर नहीं जाने दिया गया। किसानों ने जमकर नारेबाजी की। इस वजह से बार-बार टकराव की स्थिति बनी रही। बारिश में भी ना किसान पीछे हटे और ना ही पुलिसकर्मी पीछे कदम हटाए। कैंपस के अंदर चल रहे कार्यक्रम के समाप्त होने के बाद ही आंदोलनकारी वहां से वापस लौटे।

रोहतक में एमडीयू गेट से प्रवेश करने की कोशिश कर रहे आंदोलनकारियों को समझाते पुलिसकर्मी।

यह रहे मौजूद

संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में हुए विरोध-प्रदर्शन के दौरान संयुक्त किसान मोर्चा समन्वय समिति के संयोजक प्रीत सिंह, भारतीय किसान यूनियन अंबावता के प्रदेशाध्यक्ष अनिल नांदल उर्फ बल्लू प्रधान, बलवान सिंह, संदीप मोखरा, शमशेर सिंह मलिक, धर्मपाल मदीना, महेंद्र, धन्नो, कमलेश लाहली सीटू नेता, वीरेंद्र हुड्डा, मकड़ौली टोल के संयोजक राजू मकड़ौली, सत्यवान नरवाल, रोहतास डीगल, सुनीता मोखरा शामिल रहे। विरोध-प्रदर्शन का संचालन सीआइटीयू के राज्य सह सचिव कामरेड विनोद देशवाल ने किया।

 

आंदोलनकारी विरोध के दौरान उग्र हो गए। एमडीयू में प्रवेश न कर सके तो इनसो के बैनर-पोस्टर फाड़े।

... प्रदर्शन में घुस चुके असामाजिक तत्व, रहो सावधान

विरोध-प्रदर्शन के दौरान बुजुर्ग किसान नेताओं ने माइक पर कहा कि अंदर कार्यक्रम समाप्त हो चुका है। ऐसे में अब प्रदर्शन भी खत्म कर देना चाहिए अौर सभी शांतिपूर्ण तरीके से वापस लौट जाए। इस घोषणा के बाद वहां पर मौजूद कुछ युवाओं ने जमकर विरोध किया। वह किसी भी हालत में गेट के अंदर जाना चाहते थे। जिसके चलते उनके बीच भी कहासुनी हुई। मामला बढ़ता देख किसान नेताओं को घोषणा करनी पड़ी कि प्रदर्शन में कुछ असामाजिक तत्व घुस चुके हैं। सभी लोग सावधान रहे। असामाजिक तत्व किसानों को बदनाम करना चाहते हैं। जिनसे सतर्क रहने ्रकी जरूरत है।

पुलिस की मौजूदगी में किसानों ने कैंपस को किया चेक

किसान नेता बार-बार पुलिस अधिकारियों को कभी 10 मिनट तो कभी 15 मिनट का समय देते रहे कि उन्हें अंदर जाने की अनुमति दी जाए। जिससे इसकी पुष्टि हो सके कि अजय चौटाला यहां से जा चुके हैं। यहां तक कि बार-बार ट्रैक्टर स्टार्ट कर पुलिस अधिकारियों पर दबाव बनाने का भी प्रयास किया गया कि आंदोलनकारी किसी भी समय गेट तोड़कर अंदर घुस सकते हैं। आखिर में डीएसपी हेडक्वार्टर गोरखपाल राणा और डीएसपी सज्जन कुमार उनके बीच पहुंचे। उन्होंने कहा कि पांच लोग उनके साथ अंदर चल सकते हैं, जो यह पुष्टि कर सकते हैं कि कार्यक्रम समाप्त हो सकता है। इसके बाद किसानों का प्रतिनिधिमंडल पुलिस के साथ अंदर गया। वहां पर कार्यक्रम खत्म होने की पुष्टि की, तब जाकर मामला शांत हुआ।

एंबुलेंस और स्कूल बस को दिया रास्ता

किसानों के प्रदर्शन के दौरान मेडिकल मोड से लेकर दिल्ली बाईपास पर जाम रहा। हालांकि इस बीच किसानों ने वहां से गुजरने वाली एंबुलेंस और स्कूल बस को रास्ता दिया। जबकि अन्य वाहन जाम में घंटों तक फंसे रहे, जिस कारण लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। किसान संगठनों का कहना था कि उनका मकसद जनता को परेशान करना नहीं है, लेकिन जब तक तीन कृषि कानून रद्द नहीं होंगे वह सरकार के कार्यक्रमों का विरोध करते रहेंगे।

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