धान की खरीद नहीं होने पर सड़कों पर किसान, कहीं लगाया जाम तो कहीं मंडी गेट पर ही जड़ दिया ताला
हरियाणा में धान की सरकारी खरीद शुरू होने के बावजूद मंडियों में पुख्ता प्रबंध नहीं हैं। कैथल में किसानों ने जाम लगाया और ढांड में मार्केट कमेटी कार्यालय पर ताला जड़ दिया। किसानों का कहना है कि धान काला पड़ने लगा है जिससे उन्हें नुकसान होगा। राइस मिलर्स एसोसिएशन का कहना है कि धान में नमी की मात्रा ज्यादा है इसलिए खरीद नहीं हो पा रही।
जागरण टीम, हिसार। प्रदेशभर की मंडियों में धान की खरीद नहीं होने पर किसानों में रोष है। कैथल में धान की खरीद नहीं होने से परेशान होकर किसानों ने जाम लगा दिया। वहीं कैथल के ही ढांड में पीआर धान की सरकारी खरीद की मांग को लेकर किसानों ने मार्केट कमेटी कार्यालय पर ताला जड़ दिया। इसके अलावा यमुनानगर, करनाल, अंबाला में भी धान की खरीद नहीं होने से किसानों में नाराजगी दिखी।
मंडियों में नहीं है धान खरीद के लिए पुख्ता प्रबंध
बता दें कि 27 सितंबर से प्रदेशभर में पीआर धान की सरकारी खरीद शुरू हुई हो चुकी है। इसके बावजूद मंडियों में धान खरीद के पुख्ता प्रबंध नहीं दिख रहे। कैथल में किसानों ने आरोप लगाया कि एक सप्ताह से धान मंडियों में लेकर बैठे हैं लेकिन खरीद न होने से नुकसान हो रहा है।
किसानों का कहना है कि अब धान काला पड़ने लगा है, जिसका सीधा असर धान के रेट पर पड़ेगा और किसानों को नुकसान उठाना पड़ेगा। वहीं राइस मिलर्स एसोसिएशन के सचिव राजेंद्र ने बताया कि जो धान अभी मंडियों में आ रहा है उसमें नमी की मात्रा 17 प्रतिशत से ज्यादा है। इस कारण धान की खरीद नहीं हो पा रही।
किसानों ने जिला सचिवालय के सामने किया प्रदर्शन
करनाल में धान खरीद न होने से गुस्साए किसानों ने जिला सचिवालय के सामने धरना देकर रोष प्रदर्शन किया। यहां मांगों को लेकर किसान प्रतिनिधि डीसी से मिलने पहुंचे। इसके बाद एडीसी व डीएफएससी ने धरना स्थल पर पहुंचकर किसानों से कहा कि दो अक्टूबर से धान खरीद सुचारू रूप से शुरू हो जाएगी।
वहीं, किसानों ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि बुधवार तक धान की खरीद सुचारू रूप से शुरू नहीं हो पाई तो बड़ा फैसला लिया जाएगा। किसान नेताओं ने कहा कि हमारी चिंता मौसम को लेकर है यदि वर्षा हुई तो नुकसान किसानों का होगा। इसके अलावा उन्होंने राइस मिलर्स द्वारा एमएसपी पर धान नहीं खरीदने के आरोप भी लगाए।
निसिंग में किसानों ने मंडी गेट पर जड़ा ताला
वहीं, निसिंग में किसाानों ने मंडी के गेट पर ताला जड़कर प्रदर्शन किया। इस दौरान मार्केट कमेटी सचिव और एसएचओ किसानों के बीच में पहुंचे। उन्होंने किसानों से तुरंत गुणवत्ता की जांच के बाद फसल खरीद का आश्वासन दिया तो किसान माने। करीब डेढ़ घंटे बाद किसानों ने जाम खोला। इसके बाद धान की खरीद की गई। यमुनानगर में धान की खरीद नहीं होने से मंडियों में हालत खराब है। नमी की मात्रा अधिक होने के कारण यहां किसानों ने मंडी में धान बिछा रखी है।
राइस मिलर्स की हड़ताल से नहीं हो पा रहा उठान
यमुनानगर की मंडियों में अभी तक केवल 8358 टन धान की खरीद हो पाई है। वहीं राइस मिलर्स की हड़ताल के कारण खरीदी गई धान का उठान नहीं हो पा रहा। इससे भी किसानों की परेशानी बढ़ गई है। मिलर्स की हड़ताल के चलते मंगलवार को भी जींद में धान की खरीद नहीं हो सकी। मंगलवार शाम तक यहां 35 हजार क्विंटल से ज्यादा धान मंडियों में पहुंच चुका था। कुरुक्षेत्र में मंगलवार को 78 हजार क्विंटल धान की खरीद मंडियों में की गई। वहीं तीन लाख क्विंटल धान मंडियों में ही पड़ा है।
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अंबाला-पानीपत में यह रही स्थिति
अंबाला की 14 अनाज मंडियों में अभी तक 48 हजार 688 टन की आवक हो गई है। जिसमें से 7684 टन बिक गई। मंडी में 17 प्रतिशत से कम नमी वाली धान की ही खरीद की जा रही है, इससे अधिक होने की स्थिति में खरीद नहीं की जा रही है। वहीं, पानीपत में पांच दिन में 46 गेट पास कटे और 278 टन धान की आवक हुई है। इसके मुकाबले खरीद बेहद कम हो पाई है। खरीद नहीं होने का कारण नमी की मात्रा 17 प्रतिशत से अधिक होना है।
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