हरियाणा में नकली मावा पहुंचने वाले गिरोह का पर्दाफाश, बीकानेर स्वीट्स सहित नामी मिठाई दुकानों में करते थे सप्लाई
हिसार में सीएम फ्लाइंग टीम ने स्वास्थ्य विभाग और पुलिस के साथ मिलकर नकली मावा बनाने वालों का भंडाफोड़ किया। श्यामलाल ढाणी में दो स्थानों पर छापे मारे गए जहां 8.55 क्विंटल सड़ा-गला मावा बरामद हुआ। यह मावा बीकानेर स्वीट्स जैसी दुकानों पर बेचा जा रहा था। मिलावटखोर 130 रुपये किलो में ख़रीदकर 500 रुपये किलो तक बेच रहे थे।

जागरण संवाददाता, हिसार। तीज और रक्षाबंधन जैसे पारंपरिक त्यौहार, जब घर-घर मिठास प्रयोग होती है, उस समय कुछ मिलावटखोरों ने इस मिठास में नकली मावा घोल दिया।
सीएम फ्लाइंग टीम, स्वास्थ्य विभाग और पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई कर ऐसे गोरखधंधे का भंडाफोड़ किया, जिसमें 130 रुपये किलो में खरीदा जाने वाला नकली मावा शहर की बड़ी-बड़ी मिठाई दुकानों पर 500 रुपये किलो तक बेचा जा रहा था।
रविवार सुबह 6:30 बजे श्यामलाल ढाणी में दो अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी की गई, जिसमें 8.55 क्विंटल सड़ा-गला, बदबूदार और गंदगी के बीच रखा मावा बरामद हुआ। यह वही मावा था, जो बीकानेर स्वीट्स और अन्य नामी दुकानों पर शुद्ध बताकर ग्राहकों को बेचा जा रहा था।
पहला ठिकाना- 675 किलो सड़े-गले मावे का भंडार
सीएम फ्लाइंग की पहली कार्रवाई में टीम को एक मकान में राजस्थान के गांव कवालसर, जिला चूरू निवासी महावीर सिंह मिला। डी-फ्रिज में पानी और गंदगी के बीच रखा 675 किलो मावा बरामद हुआ, जिससे तेज बदबू आ रही थी। पूछताछ में महावीर ने कबूल किया कि यह मावा नकली है और शहर के बीकानेर स्वीट्स की दुकानों पर सप्लाई किया जाता था।
दो तरह की क्वालिटी तैयार की जाती थी- सुपर क्वालिटी (250 रुपये/किलो) और लो क्वालिटी (150 रुपये/किलो)।
तीज और रक्षाबंधन पर ही करीब 35 क्विंटल मावा बिक चुका था। बरवाला, उकलाना समेत कई कस्बों में भी सप्लाई होता था।
दूसरा ठिकाना- 180 किलो मावा और रात के बस रूट का राज
दूसरी छापेमारी में श्यामलाल ढाणी के ही एक अन्य मकान से संदीप कुमार (निवासी डूंगरगढ़, राजस्थान) पकड़ा गया। उसके पास से 180 किलो मावा मिला। संदीप ने टीम को जानकारी दी कि मावा बीकानेर से रात के समय बसों में हिसार भेजा जाता था।
कार्रवाई गुप्त सूचना के आधार पर की गई और आगे भी ऐसे मिलावटखोरों पर शिकंजा कसना जारी रहेगा। सरकार ने साफ कर दिया है कि नकली दूध, पनीर, मावा या अन्य खाद्य सामग्री बेचने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। मिलावटखोरी पर कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी।- सुनैना, इंचार्ज, सीएम फ्लाइंग।
बस अड्डे पर उतरने के बाद इसे सीधे गोदामों में पहुंचाया जाता, जहां से दुकानों तक डिलीवरी होती। खरीद भाव 130 रुपये किलो और बिक्री 180 रुपये किलो है।
मिठाई की दुकानों पर सप्लाई और चालान
गोदामों के बाद टीम ने कटारिया स्वीट्स पर छापा मारा। दुकान मालिक राजकुमार ने बताया कि खरीदे गए मावे से 20 किलो बर्फी पहले ही बना दी गई थी।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी डा. पवन चहल ने बर्फी के सैंपल जांच के लिए लैब भेजे। मौके पर मिठाई बनाने का काम जारी था, लेकिन दुकान के पास कोई लाइसेंस नहीं था। मौके पर ही दुकान का चालान किया गया।
मिलावट का नेटवर्क उजागर, राजस्थान से जुड़े है तार
रविवार को हुई कार्रवाई न सिर्फ शहर में मिलावटखोरों के नेटवर्क को उजागर करती है, बल्कि उपभोक्ताओं को भी आगाह करती है कि त्योहारों पर सजने वाली चमकदार मिठाइयों के पीछे कड़वा सच भी है।
सरकार और प्रशासन का यह सख्त कदम मिलावट के कारोबारियों को प्रभावित करेगा। फिलहाल हिसार में मिठाइयों में मिलावट का खेल राजस्थान से चल रहा है। यानि मिलावटखोरी का नेटवर्क राजस्थान से जुड़ा है।
खाने लायक नहीं, सेहत के लिए खतरा
बरामद मावा खाने योग्य नहीं है और इसे खाने से स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ सकता है। बरामद 8.55 क्विंटल मावा को मौके पर गड्ढा खोदकर नष्ट किया गया।
-डॉ. पवन चहल।
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