हिसार में बंदर पकड़ने के लिए आठ सदस्यीय टीम सक्रिय, तीन माह में पकड़ने हैं 500 बंदर
नगर निगम प्रशासन ने ठेकेदार के माध्यम से शहर में पशु पकड़ो अभियान शुरू किया है। सोमवार को टीम छोटूराम कालोनी में पिंजरा लगाकर बंदर पकड़ने के अभियान को आगे बढ़ाने के लिए कार्यरत रही। टीम को तीन माह में 500 बंदर पकड़ने का लक्ष्य मिला है।

जागरण संवाददाता, हिसार : शहरवासियों काे बंदरों के आतंक से छुटकारा दिलाने के लिए नगर निगम प्रशासन ने ठेकेदार के माध्यम से शहर में बंदर पकड़ो अभियान शुरु किया है। सेक्टर-16-17 से नगर निगम की टीम ने बंदर पकड़े। सोमवार को टीम छोटूराम कालोनी में पिंजरा लगाकर बंदर पकड़ने के अभियान को आगे बढ़ाने के लिए कार्यरत रही। टीम को तीन माह में 500 बंदर पकड़ने का लक्ष्य मिला है। यह टारगेट पूरा होने के बाद अभियान को ओर आगे बढ़ाया जाएगा। फिलहाल पहले चरण में 500 बंदर पकड़ने का टारगेट है। इसमें उन क्षेत्रों में बंदर पकड़े जाएंगे जिन क्षेत्रों में बंदरों के आंतक की शिकायतें अधिक मिल रही है।
बंदरिया को पकड़े में टीम के छूटे पसीने
सोमवार को छोटूराम कालोनी में एक शिकायत पर संज्ञान लेते हुए ठेकेदार के कारिंदो ने बंदरिया को पकड़े के लिए पिंजरा लगाया। इस बंदरिया से क्षेत्रवासी काफी परेशान है। दोपहर तक टीम के सदस्य बंदरिया को पकड़ने के लिए गर्मी में पसीना बहाते रहे लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके साथ ही टीम सदस्यों ने आसपास के क्षेत्रों में भी बंदर पकड़े का अभियान जारी रखा।
कलेसर के जंगलों में छोड़े जाएंगे बंदर
शहर में पकड़े जान वाले बंदरों को कलेसर के जंगलों में छोड़ा जाएगा। इन बंदरों को पकड़ने के लिए टीम ने सुबह ही पिजरे लगाकर उनमें केले, मूंगफली व चने डाल रहे है। भोजन देखकर बंदर पिजरों में आते है और ठेकेदार के कारिंदों द्वारा बिछाए गए जाल में फंस जाते है।
साल 2017 से शहर में पकड़े जा रहे बंदर
पूर्व में भिवानी जिले के निवासी ठेकेदार कृष्ण कुमार के नेतृत्व में टीम ने साल 2017-18 में बंदर पकड़े थे। 21 नवंबर 2017 से 13 फरवरी 2018 तक बंदर पकड़े। उस दौरान निगम प्रशासन ने वन्य प्राणी विभाग से 3 हजार बंदरों की अनुमति ली तो 6 माह में टीम ने 2204 बंदर पकड़े। कोरोना के बाद 6 अक्टूबर 2020 से फिर बंदर पकड़े। अब फिर बंदर पकड़ने का अभियान शुरू हुआ है। इस बार तीन माह में 500 बंदर पकड़ने का अभियान शुरू किया है।
इन क्षेत्रों में बंदरों का आतंक जहां खुले में बंदर और पिजरे में है लोग
शहर के अधिकांश क्षेत्रों में बंदरों का आतंक है। इसमें मुख्य रूप से सेक्टर-14, सेक्टर 16-17, सेक्टर 9-11, कमला नगर, सेक्टर 13, डाकघर के आसपास का क्षेत्र, हाउसिं बोर्ड कालोनी, डीएन कालेज मार्ग, खजांचियान बाजार, मोतीबाजार, पटेल नगर, पीएलए मार्केट, बस अड्डे के आसपास, मिलगेट सहित शहर विभिन्न सेक्टरों व कालोनियों में कई लोगों ने बंदरों के डर से अपने घरों के आंगन भी लोहे से कवर करवाए हुए हैं।
बंदरों के कारण किसी की गई जान तो कोई हुआ घायल
- सेक्टर 14 में नवंबर 2016 में बंदरों को छत से भगाने के चक्कर में दादी-पोते की मौत भी हो गई थी। छत पर 11 वर्षीय पोता बंदर को भगा रहा था, तभी उसका डंडा बिजली के तारों को छू गया। पोते को बचाने के चक्कर में दादी भी करंट की चपेट में आ गई। हादसे मे दोनों की मौत हो गई थी। इस घटना ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया था।
- सिरसा रोड पर हाउसिग बोर्ड कालोनी में 5 वर्षीय वंशिका घर के आंगन में बहन के साथ खेल रही थी। उसी दौरान वहां बंदर आ गए और उन्होंने वंशिका पर हमला कर उसे काट लिया था। वंशिका के चिल्लाने की आवाज सुनकर स्वजनों व पड़ोसियों ने उसे बंदरों से बचाया। चार बच्चों को किया था जख्मी
- साल 2018 व 2019 में सेक्टर 1-4 स्थित हाउसिग बोर्ड कॉलोनी व शिव नगर में बंदरों का काफी आतंक रहा। हाउसिग बोर्ड कॉलोनी में जहां करीब 20 और साल 2019 में शिव नगर में 4 बच्चों को बंदरों से बुरी तरह काटकर घायल कर दिया था।
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शहर में बंदर पकड़ो अभियान शुरू किया है। तीन माह में पहले चरण में 500 बंदर पकड़ने का लक्ष्य रखा है। इसके बाद ओर बंदर पकड़े जाएंगे। बंदर पकड़ने की प्राथमिकता उन क्षेत्रों में रहेगी जहां बंदरों का आतंक अधिक है।
- रमन, ठेकेदार, भिवानी।
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