डीएसपी खुदकशी मामलाः दो आरोपी गिरफ्तार, फिर चकमा देकर हुए फरार
डीएसपी खुदकशी मामले में नामजद दो आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने रेड मारी। आरोपी पुलिस गिरफ्त में आ गए, लेकिन बाद में वे पुलिस को चकमा देकर फरार हो गए।
जेएनएन, हांसी [हिसार]। डीएसपी भगवान दास सुसाइड मामले में नामजद आरोपियों को पकड़ने के लिए पंचकूला पुलिस ने बलबीर व रामकुमार के घर पर रेड मारी। इस दौरान पुलिस ने बलबीर को गिरफ्तार कर लिया था। इसी बीच, बलबीर ने कपड़े बदलने की बात कही और फरार हो गया। वहीं, पुलिस रामकुमार के घर भी रेड मारने पहुंची। पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया, लेकिन घर की महिलाएं विरोध में उतर आईं। इसी दौरान मौका पाकर रामकुमार मौके से फरार हो गए। महिलाओं का आरोप है कि इसके बाद पुलिस ने उनसे मारपीट की।
बता दें, जिला हिसार के सब डिवीजन हांसी के गांव शेखपुरा में होली के दिन तिहरा हत्याकांड हुआ था। इस दौरान डीएसपी भगवान दास भी मौके पर मौजूद थे। अंधाधुंध फायरिंग में मजदूर नेता रामकुमार, मुकेश और सैनिक प्रदीप की हत्या हो गई थी। मामले में लोगों ने भगवान दास पर भी आरोप लगाए थे।
घटना में नाम आने के बाद हरियाणा सरकार ने भगवान दास का तबादला पंचकूला कर दिया था। वह पंचकूला स्थित पुलिस लाइन के मैस में रुके हुए थे। उनका रूम भी उनके बैचमेट और पंचकूला पुलिस में एसीपी दिलीप कुमार ने बुक करवाया था। भगवान दास ने 15 मार्च को सुबह 9 बजे रूम में ब्रेकफास्ट मंगवाया था। इसी दौरान रायपुररानी में किसी सरकारी काम से निकले दिलीप कुमार बीच में भगवान दास से मिलने मैस पहुंचे तो भगवान दास बेड पर गिरे हुए थे। उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया।
12 दिन तक जिंदगी और मौत के बीच झूलने के बाद डीएसपी ने दम तोड़ दिया। भगवान दास ने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मारी थी। मौके से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ था।
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