Haryana Roadways: BS-6 माडल की नई बसों से परेशान चालक, तय फ्यूल में कैसे करें दूरी, माइलेज का फंसा पेंच
हिसार डिपो को पिछले दिनों बीएस6 माडल की करीब 8 बसें मिली थी। मगर इन बसों की न तो माइलेज है और न ही बाडी से मजबूत। इन बसों को चलाकर चालक भी खुश नहीं है ...और पढ़ें

हिसार, जागरण संवाददाता। हरियाणा परिवहन विभाग ने आमजन को बेहतर सुविधा देने के लिए रोडवेज बेड़े में कई रोडवेज बसें शामिल की थी, ताकि हर संभव रूट पर लोगों को बस की सुविधा मिले। खासकर ग्रामीण आंचल के स्कूली छात्रों को बसें मुहैया करवाना था, ताकि समय पर शिक्षण संस्थान पहुंच सके। मगर इन बसों में शुरू से ही खामियां मिल रही है। इन बसों के संचालन से चालकों में भी नाराजगी है। उनके अनुसार यह बसें पहले वाली बसों से काफी कमजोर है और माइलेज भी ना के बराबर है। ऐसे में इन बसों में सुधार की जरूरत है।
हिसार डिपो को मिली 8 नई बसें
हिसार डिपो को पिछले दिनों बीएस6 माडल की करीब 8 बसें मिली थी। मगर इन बसों की न तो माइलेज है और न ही बाडी से मजबूत। इन बसों को चलाकर चालक भी खुश नहीं है। कारण है कि रोडवेज प्रशासन से पांच किलोमीटर या इससे किलोमीटर की अवरेज से तेल मिलता है। मगर यह बसें अवरेज पांच किलोमीटर से कम दे रही है। ऐसे में तय तेल की खपत में किलोमीटर की दूरी कैसे पूरी दिखाएं। जितना बस की टैंकी में तेल डलता है, उतने ही हिसाब से किलोमीटर दर्ज होती है। अधिकांश चालक इन बसों को चलाते ही नहीं। हर कोई मना करता है। इन बसों में सीट भी छोटी है और जगह कम है। चालक के पास बोनट पर जगह अधिक खाली है और बाडी की चद्दर भी पतली है। जो जल्दी की कंडम हो जाएगी।
डिपो के कई प्रोजेक्ट अटके
हिसार डिपो में विकास के इन प्रोजेक्टों में से कई ऐसे प्रोजेक्ट है, जो आज भी कागजों में दबे पड़े है। कारण है कि कुछ तकनीकी कारणों से तो कुछ लेटलतीफी के कारण सिरे नहीं चढ़ पाएं। जैसे इलेक्ट्रिक बसों, ई-टिकटिंग मशीनों व पिछला गेट के संचालन से कायाकल्प का आदि। आलम ऐसा है कि विकास के इन प्रोजेक्टों के सिरे चढ़ने की आजतक हिसार की जनता बाट जाै रही है। अगर हिसार डिपो के यह प्रोजेक्ट सिरे चढ़ते है तो आमजनता को काफी सहूलियत मिलेगी। ऐसी स्थिति में परिवहन विभाग को रोडवेज बसों के कई चक्कर स्थगित करने पड़ते है। इसका खामियाजा आमजन परेशानी झेलकर भुगत रहा है।
अधिकारी के अनुसार
इलेक्ट्रिक सहित कई बसें मिलनी थी। अभी इस बारे में कोई अपडेट नहीं है। हमने ई-टिकटिंग मशीनों के लिए बक्शे भी बना लिए है। मशीने आते ही सुविधा शुरू होगी।
----राहुल मित्तल, महाप्रबंधक।

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