हिसार में पूरा हो सकेगा पायलट बनने का सपना, एयरपोर्ट पर जल्द खुलेगा फ्लाइंग इंस्टीट्यूट
हिसार के अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट को मानकों के अनुरूप तैयार किया जा रहा है। ऐसे में यहां फ्लाइंग इंस्टीट्यूट खोलने की मंजूरी डीजीसीए और अंतरराष्ट्रीय नागर विमानन संगठन (इकाओ) की गाइडलाइन के अनुसार ही मिलेगी। इस पर काम शुरू हो गया है

जागरण संवाददाता, हिसार : हिसार एयरपोर्ट पर जल्द ही फ्लाइंग इंस्टीट्यूट शुरू हो सकता है। इसके लिए हरियाणा सरकार की डीजीसीए (नागर विमानन महानिदेशालय) से बातचीत चल रही है। हिसार के अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट को मानकों के अनुरूप तैयार किया जा रहा है। ऐसे में यहां फ्लाइंग इंस्टीट्यूट खोलने की मंजूरी डीजीसीए और अंतरराष्ट्रीय नागर विमानन संगठन (इकाओ) की गाइडलाइन के अनुसार ही मिलेगी। करीब दो साल पहले हिसार में फ्लाइंग इंस्टीट्यूट था मगर एयरपोर्ट को लाइसेंस मिलने के बाद यहां से इंस्टीट्यूट करनाल शिफ्ट कर दिया गया। अब हरियाणा में करनाल और पिंजौर में फ्लाइंग इंस्टीट्यूट चल रहे हैं।
पिंजौर में 96 एकड़ में एयरोड्रम बना हुआ है जबकि करनाल में 104 एकड़ में एयरोड्रम बना है। यहां हरियाणा सरकार द्वारा संचालित पायलट प्रशिक्षण दिया जाता है। पिंजौर एयरोड्रम पर दो हैंगर, एडम ब्लाक, हास्टल, रेजीडेंस क्वार्टर और वीआइपी लाज की सुविधा है। इसी प्रकार करनाल में नाइट लैंडिंग की सुविधा के साथ-साथ एक हैंगर, एडम ब्लाक, हास्टल, आफिसर रेजीडेंस और वीआइपी लाज की सुविधा है।
मगर हिसार का एयरपोर्ट प्रदेश में सबसे बड़ा है यहां अब तक 7200 एकड़ जमीन का अधिग्रहण हो चुका है। यहां दो हैंगर, एडम ब्लाक वीआइपी और हास्टल की सुविधा पहले से है। ऐसे में हिसार में बनने वाला इंस्टीट्यूट दोनों जगहों से बड़ा होगा और इंटरनेशनल लेवल का होगा। इस इंस्टीट्यूट के खुलने से हिसार में पायलट बनने का सपना पूरा हो सकेगा।
दो एयरक्राफ्ट से दी जा रही ट्रेनिंग
अभी प्रदेश में दो एयरक्राफ्ट से ट्रेनिंग दी जा रही है। इसमें डीजीसीए की गाइडलाइन की एयरक्राफ्ट सेसना-152 से ट्रेनिंग पर प्रत्येक घंटे की 3720 रुपये और सिविल एविएशन डिपार्टमेंट हरियाणा की ओर से 5800 रुपये प्रत्येक घंटे के हिसाब से फीस ली जाती है। वहीं सेसना-172-आर में डीजीसीए के हिसाब से 5200 रुपये और हरियाणा सिविल डिपार्टमेंट की ओर से 7200 रुपये प्रत्येक घंटा के हिसाब से फीस ली जाती है।
हरियाणा सरकार विद्यार्थियों को स्कालरशिप भी देती है। लड़कियों और अनुसूचित जाति को स्कालरशिप में अधिक धनराशि दी जाती है। प्रदेश सरकार ने छह फ्लांइग आफिसर हैं जो विद्यार्थियों को पायलट के बारे में प्रशिक्षण देते हैं।
हिसार में फ्लाइंग इंस्टीट्यूट डीजीसीए और इकाओ की गाइडलाइन के अनुसार ही खुलेगा। हमारी ओर से पत्र लिखा जा चुका है। हिसार में इंटरनेशनल मानको के हिसाब से एयरपोर्ट बन रहा है तो यहां नियम डीजीसीए के लागू होंगे। करनाल और पिंजौर में हरियाणा सरकार द्वारा संचालित फ्लाइंग इंस्टीट्यूट है।
- एसएस बधवार, प्रशासक, हिसार एयरपोर्ट
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