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    हिसार में ड्राइंग टीचर ने 10वीं की छात्रा का अपहरण कर खेत में किया था दुष्कर्म, अब अदालत ने सुनाई ये सजा

    Updated: Tue, 04 Mar 2025 09:48 PM (IST)

    हरियाणा के हिसार में एक सरकारी स्कूल के ड्राइंग टीचर को छात्रा का अपहरण कर बंधक बनाने और दुष्कर्म करने के मामले में दोषी ठहराया गया है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुनील जिंदल की अदालत ने आरोपी राजबीर को 10 साल की सजा सुनाई है। साथ ही 36 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना न देने पर एक महीने की अतिरिक्त सजा काटनी होगी।

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    दुष्कर्म मामले में अदालत ने सुनाई ड्राइंग टीचर को सजा (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, हिसार। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुनील जिंदल की अदालत ने सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली छात्रा का अपहरण कर बंधक बनाने व दुष्कर्म करने के मामले में दोषी ड्राइंग टीचर राजबीर को दस साल की सजा सुनाई है।   सजा के अलावा 36 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना न देने पर एक महीने की अतिरिक्त सजा काटनी होगी।

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    हांसी पुलिस ने इस संबंध में 5 अप्रैल 2021 को आरोपित राजबीर के खिलाफ अपहरण, बंधक बनाने, दुष्कर्म और जान से मारने की धमकी देने का केस दर्ज किया था। अदालत ने 25 फरवरी को आरोपित को दोषी करार दिया था।  पीड़ित पक्ष के वकील रजन कल्सन ने बताया कि छात्रा ने पुलिस को दिए बयान में बताया था कि वह गांव के सरकारी स्कूल में 2015 में नौवीं कक्षा में पढ़ती थी।

    खेत में की थी हैवानियत

    स्कूल में टीचर राजबीर ड्राइंग विषय पढ़ाते थे। उस दौरान टीचर मुझ पर गलत नजर रखता था। चॉकलेट, टॉफी, पेन और पेंसिल देकर अकेले में छेड़छाड़ करता था। जब दसवीं कक्षा में गई तो आरोपित टीचर स्कूल से कुछ दूर खेत में ले गया और वहां दुष्कर्म किया। किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी।

    इस बारे में जब पीड़िता ने अपने माता-पिता को बताया तो उसके परिवार के सदस्यों ने स्कूल में जाकर आरोपित ड्राइंग टीचर राजबीर को समझाया कि उनकी बेटी को तंग न करें, इसके बावजूद भी आरोपित ड्राइंग टीचर छात्रा को प्रताड़ित करता रहा।

    चार घंटे बंधक बनाकर रखा

    पीड़िता ने बताया कि 5 अप्रैल 2020 को उक्त ड्राइंग टीचर मुझे अपनी स्कूटी पर बैठा कर खेतों में ले गया। चार घंटे बंधक बना कर रखा। किसी तरह उसके भाई को सूचना मिली कि तो वह तलाशते हुए खेतों में आया। उस दौरान टीचर ने भाई के साथ मारपीट भी की थी और जातिसूचक गालियां दी थी।

    अधिवक्ता कल्सन ने बताया कि चार साल चले इस मुकदमे में पीड़िता, उसके माता-पिता व उसके भाई सहित अन्य गवाहों के बयान दर्ज हुए। पीड़ित पक्ष और आरोपित पक्ष के वकीलों की बहस सुनने के बाद 25 फरवरी को अदालत ने ड्राइंग टीचर को अपहरण, बंधक बनाने, दुष्कर्म और जान से मारने की धमकी देने की धाराओं में दोषी करार दिया था। उन्होंने बताया कि मंगलवार को अदालत ने अपहरण करने की धारा में दो साल की सजा और दो हजार रुपये जुर्माना लगाया है।

    टीचर पर 30 हजार लगाया जुर्माना

    बंधक बनाने में एक साल और दुष्कर्म की धारा में दस साल की सजा और 30 हजार रुपये जुर्माना लगाया है। जान से मारने की धमकी देने की धारा में एक साल की सजा और एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। 

    दोनों पक्षों के वकीलों ने ये रखा पक्ष दोषी ड्राइंग टीचर ने अपने अधिवक्ता के मार्फत अदालत से याचना की कि वह 65 साल का है और उसकी मां की उम्र 86 साल की है जो बीमार रहती है।

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    उसकी देखरेख करने वाला कोई नहीं है इसलिए उस पर रहम करते हुए उससे कम से कम सजा दी जाए। दूसरी तरफ पीड़िता वकील रजत कलसन ने अदालत से मांग की कि दोषी ड्राइंग टीचर पीड़ित छात्रा के दादा की उम्र का है और इन दोनों के बीच में छात्रा और और शिक्षक का रिश्ता था जिसे दोषी ड्राइंग टीचर ने कलंकित करने का काम किया है।

    अदालत से मांग की की इस तरह के दरिंदे को अधिकतम सजा देकर समाज में एक संदेश दिया जाना चाहिए ताकि इस तरह के अपराधियों में कानून का खौफ पैदा हो सके। पीड़िता के स्वजन ने फैसले पर संतुष्टि जताई है।

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