भ्रूण लिग जांच मामले में डा अनंतराम बरवाला दिल्ली से गिरफ्तार
डा. अनंतराम बरवाला को भ्रूण लिग जांच के एक मामले में पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार किया है। अनंतराम को नई दिल्ली में एक संस्था द्वारा शुक्रवार को एक अवार्ड दिया जाना था। पुलिस को इसकी भनक लग गई। बरवाला पुलिस ने वहां मौके पर पहले से ही तैनात थी। जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर सुरेंद्र सिंह ने पुष्टि करते हुए बताया कि जैसे ही डा. अनंत राम ने कोन्सटिट्यूशन क्लब के हाल में प्रवेश करने का प्रयास किया तो उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

संवाद सहयोगी, बरवाला: डा. अनंतराम बरवाला को भ्रूण लिग जांच के एक मामले में पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार किया है। अनंतराम को नई दिल्ली में एक संस्था द्वारा शुक्रवार को एक अवार्ड दिया जाना था। पुलिस को इसकी भनक लग गई। बरवाला पुलिस ने वहां मौके पर पहले से ही तैनात थी। जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर सुरेंद्र सिंह ने पुष्टि करते हुए बताया कि जैसे ही डा. अनंत राम ने कोन्सटिट्यूशन क्लब के हाल में प्रवेश करने का प्रयास किया तो उसे गिरफ्तार कर लिया गया। दिल्ली से गिरफ्तार करके उसे बरवाला पुलिस स्टेशन में लाया गया है। जहां से शनिवार को उसे हिसार अदालत में पेश किया जाएगा। मामले में डिप्टी सिविल सर्जन नोडल आफिसर डा. प्रभु दयाल की शिकायत पर 14 जुलाई को बरवाला पुलिस स्टेशन में डा. अनंतराम बरवाला समेत सात लोगों के खिलाफ पीएनडीटी एक्ट के तहत भ्रूण लिग जांच का मामला दर्ज किया गया था। इनमें सात में से दो महिलाएं भी थी। इनमें जगराज जसविदर कौर, डा. अनंतराम, संतराम ड्राइवर, मनीषा, सुरेंद्र तथा सुनीता शामिल थे। जांच अधिकारी के अनुसार बरवाला के वार्ड नंबर 14 तारानगर के एक घर में गर्भवती महिलाओं के भ्रूण लिग जांच मामले का भंडाफोड़ होने के बाद पुलिस ने उपरोक्त केस दर्ज किया था। इनमें से तीन आरोपितों प्रेम नगर टोहाना निवासी जसविदर कौर भाठुआ जिला संगरूर पंजाब निवासी जगराज गोपालवास जिला भिवानी निवासी मनीषा को गिरफ्तार कर लिया था। इनमें से दो आरोपित अभी भी जेल में है। मामले में पांच लोगों को तो मौके पर ही गिरफ्तार किया गया था जबकि डा. अनंतराम व मकान मालकिन सुनीता लोहारी मौके पर नहीं मिली थी। उस दौरान बरवाला के वार्ड नंबर 14 तारानगर में पीएनडीटी फतेहाबाद और हिसार की टीमों ने संयुक्त रुप से सुनीता लोहारी के घर पर रेड की थी। जिसमें डा. अनंत राम ने दो गर्भवती महिलाओं के गर्भ की जांच और पोर्टेबल मशीन द्वारा करके गर्भ में लड़का होना बताया था। डा. को संतराम ड्राइवर बाइक पर लेकर आया था तथा जसविद्र कौर और जगराज दोनों मिलकर गर्भवती महिलाओं को गर्भ के लिग की जांच करवाने के लिए लेकर आए थे। सिविल सर्जन फतेहाबाद को कुछ दिन पहले यह सूचना मिली थी कि कुछ लोग गैरकानूनी लिग जांच का कार्य कर रहे हैं इसके बाद सिविल सर्जन ने फतेहाबाद के तीन अधिकारियों डा. हनुमान सिंह, डा. गिरीश कुमार तथा डा. कमल बेनीवाल की टीम का गठन किया। इस टीम में गर्भ में लिग जांच करवाने का कार्य करने वालों की जानकारी जुटाई और एक गर्भवती महिला को फर्जी ग्राहक बनाकर भेजा तब 40 हजार में लिग जांच करवाने का सौदा तय हुआ। जिसके बाद इस मामले का भंडाफोड़ हुआ था। टीम में डा. प्रभु, डा. कामिद मोंगा की टीम गठित की गई थी।
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