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    बायो एंड नेनो टेक्नोलाजी विभाग कैंसर के इलाज में अदरक की तलाशेगा उपयोगिता, शोध में लगेंगे तीन साल

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 19 May 2022 06:22 PM (IST)

    गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (जीजेयू) के बायो एंड नेनो टेक्नोलाजी विभाग के शिक्षक कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के इलाज में अदरक की ...और पढ़ें

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    बायो एंड नेनो टेक्नोलाजी विभाग कैंसर के इलाज में अदरक की तलाशेगा उपयोगिता, शोध में लगेंगे तीन साल

    जागरण संवाददाता, हिसार: गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (जीजेयू) के बायो एंड नेनो टेक्नोलाजी विभाग के शिक्षक कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के इलाज में अदरक की उपयोगिता को लेकर शोध करेंगे। भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने डब्ल्यूओएस-बी स्कीम के तहत बायो एंड नेनो टेक्नोलाजी विभाग को डवेल्पमेंट आफ नेनो-फार्मुलेशंस फ्राम नोवेल एंटी कैंसर मेटोबोलाइटस फ्राम जिजर विषय पर एक शोध परियोजना दी है। इस परियोजना को पूरा करने में तीन साल का समय लगेगा। इस परियोजना पर 32.81 लाख का खर्च होगा। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बलदेव राज काम्बोज और कुलसचिव प्रो. अवनीश वर्मा ने बताया कि इस योजना के तहत प्रो. डा. विनोद छोकर के मार्गदर्शन में डा. श्वेता मेहरोत्रा को महिला वैज्ञानिक के रूप में नियुक्त किया गया है।

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    2500 साल पुराना है इतिहास

    अदरक का औषधीय उपयोग का 2500 साल पुराना इतिहास है। अदरक का उपयोग पारंपरिक रूप से दुनिया के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न मानव बीमारियों के लिए, पाचन में सहायता और पेट खराब, दस्त, सर्दी, खांसी और मतली के इलाज के लिए होता है। आमतौर पर इस्तेमाल होने वाली जड़ी-बूटी

    अदरक में मौजूद कुछ तीखे घटकों में शक्तिशाली एंटीआक्सीडेंट और एंटी इनफलेमेटरी गतिविधियां होती हैं और

    प्रयोगात्मक कैंसरजनन में कैंसर-निवारक गतिविधि प्रदर्शित करती हैं। अदरक आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली जड़ी-बूटी है, जिसमें कैंसर रोधी गुणों वाले जिजरोल, शोगोल, पैराडोल और जिजरोन जैसे औषधीय रूप से बायोएक्टिव यौगिक होते हैं। खाद्य लोजेंज तैयार कर मार्केटिग की जाएगी

    इसके साथ बड़ी समस्या जिजरोल और शोगोल की खराब पानी में घुलनशीलता और मौखिक जैविक उपलब्धता है, जो अदरक के सक्रिय एवं प्रचुर मात्रा में घटक हैं। इसलिए इसके चिकित्सीय अनुप्रयोगों को प्रतिबंधित करते हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए और अदरक के महत्वपूर्ण कैंसर विरोधी गुणों को ध्यान में रखते हुए इस शोध परियोजना को जैव-संगत एंटीकैंसर कारक के रूप में अदरक राइजोम से अदरक-आधारित नैनोकणों के निर्माण, लक्षण वर्णन और फार्माकोकाइनेटिक्स के लिए डिजाइन किया है। विकसित नैनो फार्मूलेशन के खाद्य लोजेंज या कैंडी तैयार कर उनकी मार्केटिग की जाएगी।