Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सुप्रीम कोर्ट के इंदिरा साहनी फैसले की अधिसूचना पुन: लागू करने की मांग को लेकर किया प्रदर्शन

    By Naveen DalalEdited By:
    Updated: Sat, 11 Dec 2021 02:52 PM (IST)

    पिछड़ा वर्ग कल्याण महासभा हरियाणा (रजि.) के पिछड़ा वर्ग अधिकार चेतना अभियान के तहत को सिरसा कुम्हार धर्मशाला में समस्त पिछड़ा वर्ग की सभा आयोजित हुई है। कार्यक्रम में मुख्यातिथि भूपेंद्र गंगवा व पिछड़ा वर्ग कल्याण महासभा हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष प्रो. आरसी लिंबा ने बतौर मुख्य वक्ता उपस्थित हुए।

    Hero Image
    मांगों को लेकर पिछड़ा वर्ग के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री के नाम बीडीपीओ को सौंपा ज्ञापन।

    सिरसा, जागरण संवाददाता। सिरसा में लघु सचिवालय के सामने पिछड़ा वर्ग कल्याण महासभा के बैनर तले सुप्रीम कोर्ट के इंदिरा साहनी फैसले की अधिसूचना पुन: लागू करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। इसी के साथ पिछड़ा वर्ग के पदाधिकारियों ने मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम बीडीपीओ रवि कुमार को ज्ञापन सौंपा। इससे पहले दोपहर को करीब एक बजे लघु सचिवालय के सामने एकत्रित हुए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    तथ्यों को भ्रमित करने वाली अन्यायपूर्ण अधिसूचना

    पिछड़ा वर्ग कल्याण महासभा हरियाणा (रजि.) के पिछड़ा वर्ग अधिकार चेतना अभियान के तहत शनिवार को सिरसा की रानियां रोड स्थित कुम्हार धर्मशाला में समस्त पिछड़ा वर्ग की सभा आयोजित हुई है। कार्यक्रम में मुख्यातिथि भूपेंद्र गंगवा व पिछड़ा वर्ग कल्याण महासभा हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष प्रो. आरसी लिंबा ने बतौर मुख्य वक्ता उपस्थित हुए। सभा की अध्यक्षता जिला कुम्हार सभा के प्रधान रामप्रताप घोडेला ने की। जबकि मंच संचालन सभा के महासचिव रामेश्वर दास ने किया। मुख्यातिथि भूपेन्द्र गंगवा ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा पिछड़ा वर्ग के आरक्षण में क्रीमीलेयर को लेकर 17 नवंबर 2021 को जारी अधिसूचना सुप्रीम कोर्ट के 24 अगस्त 2021 के फैसले की अवमानना है तथा तथ्यों को भ्रमित करने वाली अन्यायपूर्ण अधिसूचना है।

    अन्यायपूर्ण और असंवैधानिक नीतियां बना रही : लिंबा

    मुख्य वक्ता प्रो. आरसी लिंबा ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि हरियाण सरकार 2016 से निरंतर पिछड़ा वर्ग के खिलाफ अन्यायपूर्ण और असंवैधानिक नीतियां बना रही है। जिसके कारण पिछड़ा वर्ग में असंतोष बढ़ता जा रहा है और अपने अधिकारों के लिए सड़कों पर आने को मजबूर हो रहा है। प्रो. लिंबा ने आरोप लगाया कि 17 नवंबर 2021 की नई अधिसूचना माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा 24 अगस्त को रद्द की गई 2016 एवं 2018 की अधिसूचना का ही प्रतिरूप है जो सीधे-सीधे सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना और केन्द्र सरकार के क्रीमीलेयर संबंधी नियमों का सरेआम उल्लंधन है। इस अवसर पर सभा को पूर्व चैयरमैन अशोक वर्मा, राजकुमार रोहलीवाल, प्रो. केसी कंबोज, बुटा सिंह थिंद, जसवंत सिंह, रघुबीर गोबिंदपुरा, हवा सिंह जांगड़ा, बीर सिंह घोडेला, भागीराम टाक, रामानंद निरानियां, बंसीलाल, रतन गेदर व नरेन्द्र देव आर्य मौजूद रहे।