गर्मी बढ़ते ही बढ़ने लगी मिट्टी के बर्तनों की डिमांड, सेहत के लिहाज से भी काफी फायदेमंद
गर्मी बढ़ते ही मिट्टी के बर्तनों की डिमांड बढ़ने लगी है। इससे जगह जगह बाजारों में मिट्टी के बर्तनों को बेच जा रहा है। इस युग में भी निम्न वर्ग के लोगों में मटकों का चलन दिख रहा है। लोग मिट्टी के बर्तन खरीद रहे हैं।
जागरण संवाददाता, सिरसा : गर्मी का असर प्रतिदिन बढ़ने लगा है। गर्मी बढ़ते ही मिट्टी के बर्तनों की डिमांड बढ़ने लगी है। इससे जगह जगह बाजारों में मिट्टी के बर्तनों को बेच जा रहा है। इस युग में भी निम्न वर्ग के लोगों में मटकों का चलन दिख रहा है। सरसों की कटाई सीजन होने के चलते दिन के समय लोग मिट्टी के बर्तन खरीद रहे हैं। इसी के साथ कोरोना संक्रमण को लेकर लोग फ्रिज का ज्यादा ठंडे पानी पीने से परहेज कर रहे हैं। सेहत के हिसाब से भी मिट्टी के बर्तन काफी लाभदायक रहते हैं। इससे शरीर पर किसी तरह का दुष्प्रभाव नहीं होता।
--मिट्टी के बने केंपर भी बिक रहे हैं।
पिछले दिनों से जैसे ही गर्मी बढ़ी है। इससे तापमान 35 डिग्री से ऊपर चल रहा है। इस सीजन में मटका 70 से 100 रुपये तक का बेच रहे हैं। वहीं मिट़्टी के आकर्षक केंपर भी तैयार किए जा रहे हैं। मिट्टी के केंपर भी 300 से 400 रुपये में बिक रहा है। मटके लोग खरीदने पहुंच रहे हैं। मटके में रखा पानी ठंडा रहता है। इसके पानी से ही असली प्यास बुझती है। फ्रिज का पानी प्यास नहीं बुझाता।
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घग्घर की मिट्टी से बनाते हैं मटके
सिरसा में बेगू रोड स्थित कुम्हार मोहल्ले में करीब 50 परिवार मिट्टी के बर्तन तैयार करते हैं। इससे परिवारों का रोजगार चलता है। मटका तैयार करने वाले बलवीर सिंह ने बताया कि मटके के लिए चिकनी मिट्टी घग्घर नदी से लेकर आते हैं। चिकनी मिट्टी से मटका में रखा पानी ठंडा रहता है। अभी तो गर्मी की शुरुआत है आगे गर्मियों में मटकों की मांग बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। इस लिए अभी से ही मटका बना रहे हैं। सभी घरों में मटके का प्रयोग हो रहा है। काफी लोग फ्रिज का पानी पीने से परहेज करते हैं वो मटका का पानी पसंद करते हैं।
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