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    पूरे देश में परचम लहराएंगी बाजरे की किस्में, हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय ने नामी कंपनी के साथ साइन किया एमओयू

    By Jagran NewsEdited By: Jeet Kumar
    Updated: Tue, 19 Sep 2023 07:06 PM (IST)

    हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय का बाजरा हरियाणा के साथ-साथ अब अन्य प्रदेशों में भी लहराएगा परचम। इसके लिए विश्वविद्यालय ने गुजरात की नामी बीज कंपनी के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। समझौते के तहत विश्वविद्यालय द्वारा विकसित बाजरे की उन्नत किस्म एचएचबी 299 का बीज तैयार कर कंपनी किसानों तक पहुंचाएगी ताकि किसानों को इस किस्म का विश्वसनीय बीज मिल सके और उनकी पैदावार में इजाफा हो सके।

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    बाजरे की उन्नत किस्म को किसानों तक पहुंचाने के लिए देश की नामी कंपनी से हुआ एमओयू

    हिसार, जागरण संवाददाता: हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित बाजरे की उन्नत किस्में अब न केवल हरियाणा बल्कि देश के अन्य प्रदेशों में भी अपना परचम लहराएंगी। इसके लिए विश्वविद्यालय ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत तकनीकी व्यवसायीकरण को बढ़ावा देते हुए गुजरात की नामी बीज कंपनी के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।

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    विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बीआर काम्बोज ने कहा कि जब तक विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा किया गया शोध किसानों तक नहीं पहुंचेगा तब तक उसका कोई लाभ नहीं है। इसलिए इस तरह के समझौतों से विश्वविद्यालय का प्रयास है कि यहां विकसित उन्नत फसल किस्मों व तकनीकों को अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचाया जा सके।

    उन्नत किस्म का बाजरा होगा तैयार

    उपरोक्त समझौते के तहत विश्वविद्यालय द्वारा विकसित बाजरे की उन्नत किस्म एचएचबी 299 का बीज तैयार कर कंपनी किसानों तक पहुंचाएगी ताकि किसानों को इस किस्म का विश्वसनीय बीज मिल सके और उनकी पैदावार में इजाफा हो सके।

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    गुजरात की बीज कंपनी, इंडो यूएस एग्रीसीड्स लिमिटेड गांधीनगर के साथ बाजरे की किस्म एचएचबी 299 के लिए समझौते पर एचएयू की ओर से अनुसंधान निदेशक डा. जीत राम शर्मा ने जबकि कंपनी की तरफ से डायरेक्टर प्रियंका पटेल ने हस्ताक्षर किए हैं।

    इनके साथ ही हो चुका है समझौता

    इससे पहले भी बाजरे की इस किस्म के लिए मैसर्ज देव एग्रीटेक, गुरूग्राम, श्रीसांई सदगुरु सीड्स, हैदराबाद (तेलंगाना) तथा आंध्रप्रदेश की तीन बीज कंपनियों संपूर्ण सीड्स, मुरलीधर सीड कारपोरेशन व श्री लक्ष्मी वेंकटेश्वर बीज के साथ समझौता हो चुका है।

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    ये है इस किस्म की खासियत

    विश्वविद्यालय द्वारा विकसित एचएचबी 299 किस्म में अन्य किस्मों की तुलना में अधिक पैदावार मिलती है तथा यह रोगरोधी भी है। यह बाजरा की अधिक लौह युक्त (73 पीपीएम) संकर किस्म है। इसके सिट्टे शंक्वाकार व मध्यम लंबे होते हैं। एचएचबी 299 किस्म 80-82 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। अच्छा रख रखाव करने पर यह किस्म 49.0 मन प्रति एकड़ तक पैदावार देने की क्षमता रखती है। यह किस्म जोगिया रोगरोधी है।