सुशीला भवन से पार्क वापस लेगा निगम
सुशीला भवन को पार्क के लिए लीज पर दी गई जमीन की समय अवधि समाप्त हो चुकी है। जिसके चलते अब नगर निगम प्रशासन इस जमीन को अपने अधीन लेकर वहां पार्क विकसित करेगा।

पवन सिरोवा, हिसार
58 सालों से हिसार की राजनीति का गवाह रहे सुशीला भवन को अब नगर निगम प्रशासन नोटिस थमाएगा। निगम कमिश्नर अशोक कुमार गर्ग ने भूमि अधिकारी को सुशीला भवन ट्रस्ट को नोटिस भेजने के आदेश दिए हैं।
भूमि अधिकारी मामले में पिछले कई दिनों से नोटिस तैयार करने की कागजी औपचारिकताएं कर रहे हैं। कारण है कि सुशीला भवन को पार्क के लिए लीज पर दी गई जमीन की समय अवधि समाप्त हो चुकी है। जिसके चलते अब नगर निगम प्रशासन इस जमीन को अपने अधीन लेकर वहां पार्क विकसित करेगा। उधर सूत्रों की मानें तो भूमि अधिकारी के यहां से सुशीला भवन के दस्तावेज गायब हो चुके हैं। ऐसे में कमिश्नर के बार बार कहने के बावजूद सुशीला भवन ट्रस्ट को भूमि अधिकारी अपने द्वारा तैयार करवाया गया नोटिस नहीं दे पा रहा है।
पार्क की जमीन पर बन गई दुकानें, गायब हो गए दस्तावेज
निगम में भूमि अधिकारी से लेकर स्टाफ तक तैनात है। भूमि अधिकारी को जानकारी होने के बावजूद आज तक पार्क की जमीन को वापस नहीं ले पाए। यहीं नहीं पूर्व में पार्षदों की ओर से मुद्दा उठने के बावजूद पार्क की जमीन पर अवैध कॉमर्शियल निर्माण तक हो गए। उधर जिम्मेदार मौन रहे। अब जब कमिश्नर ने आदेश दिए हैं तो मामले में नोटिस तो तैयार कर लिया हैए लेकिन जमीन की लीज से जुड़े कई दस्तावेज गायब होने की बात सामने आ रही है। मौजूदा समय जमीन पर करीब 10 दुकानें तक बना दी गई हैं।
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बनाना था पार्क, बन गई दुकानें
निगम से मिली जानकारी के अनुसार सुशीला भवन ट्रस्ट को 20 साल के लिए जमीन लीज पर दी : 8 फरवरी 1959
लीज समाप्त : फरवरी 1979
पार्क की जमीन पर बनने लगी दुकानें : करीब 1965
वर्तमान में पार्क की जमीन के हिस्से में बनी दुकानें : करीब 10 लीज पर ट्रस्ट की ओर से पूर्व में डा. भारती का ये था जवाब : सुशीला भवन हमारा है उसके पास बने पार्क की जमीन 99 साल की लीज हो गई थी।
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सीएम मनोहर लाल बोले- निगम आय बढ़ाओ, जिम्मेदार दूसरों की बढ़वा रहे आय
मुख्यमंत्री मनोहर लाल अफसरों को कई बार कह चुके हैं कि निगम की आय के सोर्स बढ़ाओ, लेकिन सुस्त व लापरवाह कार्यप्रणाली के चलते निगम अफसर निगम को हानि पहुंचवाकर दूसरों की आय बढ़ा रहे हैं। यहीं कारण है कि पार्क की जमीन पर कॉमर्शियल दुकानें बन गई। उनका किराया भी कोई ओर ले रहा है।
सुशीला भवन का इतिहास
हिसार की पहली महिला विधायक स्वर्गीय स्नेहलता सुशीला भवन की ट्रस्टी रहीं। मार्च 2019 को 97 वर्षीय पूर्व विधायक स्नेहलता ने जिदगी को अलविदा कह दिया था। उनके बाद अब उनकी इकलौती बेटी डा. भारती इसकी ट्रस्टी हैं। वह अब परिवार के साथ गुरुग्राम में रहती हैं।
कौन थी सुशीला देवी और कैसे हिसार में स्थापित हुआ यह भवन
स्वर्गीय स्नेहलता की सास सुशीला देवी के नाम पर इस भवन का नाम सुशीला भवन पड़ा। 9 फरवरी 1962 में डा. भारती के दादाजी जसवंत राय ने अपनी पत्नी सुशीला देवी की याद में 3 लाख रुपये की लागत से इस भवन का निर्माण करवाया। जो हिसार के एक दो नहीं, बल्कि 58 साल से सांस्कृतिक, राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक बड़े आयोजनों का गवाह रहा है।
सुशीला भवन कब-कब किसका बना चुनावी कार्यालय
-साल 2000 और 2005 में स्वर्गीय ओमप्रकाश जिदल ने इसी भवन से अपने राजनीतिक सफर में कदम आगे बढ़ाया और जीत मिली।
-वर्ष 2011 में उपचुनाव में कांग्रेस के जयप्रकाश का चुनाव कार्यालय बनाया पर हार गए।
-साल 2009 व 2014 में सुशीला भवन ही सावित्री जिदल का कार्यालय बना और जीते।
-साल 2018 में मेयर गौतम सरदाना ने इसे अपना कार्यालय बनाया और जीते।
-साल 2019 में विधायक डा. कमल गुप्ता ने चुनावी कार्यालय बनाया और जीते।
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सुशीला भवन ने पार्क की जमीन लीज पर दी थी। उनकी लीज खत्म हो गई है। भूमि अधिकारी को नोटिस भेजने के आदेश दिए थे। उससे नोटिस के संबंध में रिपोर्ट ली जाएगी।
- अशोक कुमार, कमिश्नर, नगर निगम हिसार।
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