फतेहाबाद में किसानों को स्प्रे करने वाले ड्रोन का डेमो दिखाने आएगी कंपनी, जीव प्रेमी चिंतित
फतेहाबाद में पेस्टीसाइड का करीब 200 करोड़ का कारोबार हैं। जो बहुत अधिक है। इसी को देखते हुए कई कंपनियों यहां पर अपने स्प्रे ड्रोन लांच कर रही है। यह ख ...और पढ़ें

फतेहाबाद, जागरण संवाददाता। फतेहाबाद में गांव अयाल्की में एक बुधवार को एक ड्रोन बनाने वाली कंपनी किसानों को स्प्रे का डेमो दिखाएगी। कंपनी का दावा है कि किसान इससे अपने खेतों में आसानी से स्प्रे कर सकते है। वहीं जीव रक्षा क्षेत्र में कार्य कर रहे लोग ड्रोन से स्प्रे के छिड़काव करने का विरोध कर रहे है। उनका कहना है कि कीटनाशकों का प्रभाव मनुष्य पर अधिक पड़ रहा है। अब ड्रोन से स्प्रे करने से आकाश में उठते पक्षी भी इसकी जद में आ जाएंगे। पहले ये ही पर्यावरण संतुलन बिगड़ा हुआ है। ऐसे में सरकार देश व प्रदेश में ड्रोन की मंजूरी न दे, इसका व्यापक असर पड़ेगा।
पर्यावरण प्रेमी का सरकार से आग्रह, ड्रोन से आकाश उड़ते पक्षी आएंगे जद में
दरअसल, जिले में पेस्टीसाइड का करीब 200 करोड़ का कारोबार हैं। जो बहुत अधिक है। इसी को देखते हुए कई कंपनियों यहां पर अपने स्प्रे ड्रोन लांच कर रही है। यह खेत में कीटनाशक छिड़काव को आसान बना देगा। इसके किसान को प्रति एकड़ 100 से 150 रुपये का खर्च आएगा। हालांकि अभी किसान हाथ पंप के अलावा ट्रैक्टर संचालित पंप के अलावा एक कंपनी के बने स्पेशल पंप से स्प्रे करते है। अब कंपनियों ने ड्रोन भी तैयार कर दिया। जो 10 लीटर पानी के साथ उठाने भरता है। कंपनी का दावा है कि इसके महीने कण 10 लीटर पानी से दो एकड़ में स्प्रे कर सकते है।
इसलिए खतरा बता रहे जीव प्रेमी
वहीं जीव प्रेमियों का कहना है कि ड्रोन एक निर्धारित ऊंचाई से खेतों में स्प्रे करेगा। इसमें में इसका असर हवा में तो अधिक होगा ही। वहीं आकाश में उड़ते पक्षियों पर भी दवा गिरेगी। कुछ लोग जानबूझकर पक्षियों पर स्प्रे कर देंगे। कई फसलों में पक्षियों अधिक विचरण करते है। एकदम आकाश से स्प्रे होने से पक्षियों को बचने का भी समय नहीं मिलेगा।
खतरनाक साबित होगा प्रयोग : कड़वासरा
कीटनाशकों से अधिक प्रयोग से सिर्फ कंपनियों को फायदा हुआ है। बीटी नरमे में इस बार सूंडी का प्रकोप आया। जो किसी भी कीटनाशक दवा से कंट्रोल नहीं हुई। अब ड्रोन से स्प्रे शुरू होने से इसका बड़ा नुकसान होगा। ऐसे में इसका प्रयोग की अनुमति सरकार को नहीं देनी चाहिए। पक्षियों को बचाने के लिए सरकार को यह कदम उठाना चाहिए।
- विनोद कड़वासरा, अध्यक्ष, अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा।

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