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धोबी घाट की जमीन पर सफाई कर्मचारियों ने जताया हक

बता दें कि धोबी घाट के करीब साढ़े तीन एकड़ जमीन है। वर्षाें से यहां एक चबूतरा बना हुआ है। धोबी समुदाय के लोग इस पर कपड़े धोने का काम करते हैं। सफाई कर्मचारियों ने कहा कि करीब बीस वर्ष पूर्व 1994 में नगर परिषद हाउस की मीटिग में इस जमीन पर सफाई कर्मचारियों के लिए रिहायशी प्लाट काटने का एजेंडा पास किया गया था। तभी से इस जमीन का कोई इस्तेमाल नहीं किया जा रहा था।

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 08:41 AM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 08:41 AM (IST)
धोबी घाट की जमीन पर सफाई कर्मचारियों ने जताया हक
धोबी घाट की जमीन पर सफाई कर्मचारियों ने जताया हक

संवाद सहयोगी, हांसी : राजकीय कॉलेज रोड स्थित धोबी घाट की जमीन को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। सफाई कर्मचारियों ने इस जमीन पर अपना हक जता कर नगर परिषद के अधिकारियों पर जमीन पर अवैध कब्जा करवाने का आरोप लगाया है। विरोध स्वरूप सफाई कर्मचारियों ने नगरपरिषद कार्यालय में प्रदर्शन किया। अवैध कब्जा हटाने तक अनिश्चितकालीन हड़ताल का भी ऐलान कर दिया है। नगर परिषद के अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है।

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बता दें कि धोबी घाट के करीब साढ़े तीन एकड़ जमीन है। वर्षाें से यहां एक चबूतरा बना हुआ है। धोबी समुदाय के लोग इस पर कपड़े धोने का काम करते हैं। सफाई कर्मचारियों ने कहा कि करीब बीस वर्ष पूर्व 1994 में नगर परिषद हाउस की मीटिग में इस जमीन पर सफाई कर्मचारियों के लिए रिहायशी प्लाट काटने का एजेंडा पास किया गया था। तभी से इस जमीन का कोई इस्तेमाल नहीं किया जा रहा था। सफाई कर्मचारी संघ के प्रधान विकास चंदा ने आरोप लगाया कि नगर परिषद के कुछ अधिकारियों ने रिश्वतखोरी व मिलीभगत से इस जमीन पर पिछले दिनों अवैध कब्जा करवा दिया है।

अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे

सफाई कर्मचारी एसोसिएशन के प्रधान विकास चंदा ने बताया कि जमीन पर अवैध कब्जे को सफाई कर्मचारी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे। कुछ वर्ष पहले यह जमीन नगर परिषद की मीटिग में सफाई कर्मचारियों के रिहायशी प्लॉट के लिए मंजूर हुई थी। अवैध कब्जा न हटने तक सफाई कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे।

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सफाई कर्मचारियों की तरफ से धोबी घाट की जमीन को लेकर जो मांग की गई है उससे संबंधित फाइलें निकलवाई जा रही है। इस जमीन पर किसी प्रकार का कोई अवैध कब्जा नहीं है। पुरानी फाइल देखने के बाद ही इस मामले में स्पष्ट तौर पर कुछ कहा जा सकता है।

निर्मला सैनी, नगर परिषद, चेयरपर्सन


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