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    राज्यस्तरीय कवि के बेटे जस्टिस सूर्यकांत बने हिमाचल के चीफ जस्टिस

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 12 Jan 2018 03:03 AM (IST)

    सुनील मान, नारनौंद : गांव पेटवाड के राज्यस्तरीय कवि मदनलाल शास्त्री के बेटे सूर्यकांत को हि

    राज्यस्तरीय कवि के बेटे जस्टिस सूर्यकांत बने हिमाचल के चीफ जस्टिस

    सुनील मान, नारनौंद :

    गांव पेटवाड के राज्यस्तरीय कवि मदनलाल शास्त्री के बेटे सूर्यकांत को हिमाचल के चीफ जस्टिस बनाया गया है। पेटवाड में उनके घर पर खुशी का माहौल है। उनके भाई ने बताया कि सूर्यकांत चार भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं। बड़ी बहन कमला गृहिणी हैं और बड़े भाई ऋषिकांत रिटायर्ड अध्यापक व पूर्व कर्मचारी नेता रहे हैं। दो अन्य भाइयों में डा. शिवकांत भिवानी के सरकारी अस्पताल में चिकित्सक और देवकांत आइटीआइ हिसार में शिक्षक हैं।

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    जस्टिस सूर्यकांत का जन्म 10 फरवरी 1962 में हुआ था। 1966 में गांव के ही सरकारी स्कूल में पढ़ाई शुरू की थी और दसवीं कक्षा तक गांव के सरकारी स्कूल में ही पढ़े थे। उसके बाद उन्होंने राजकीय कालेज हिसार में बीए और एमडीयू रोहतक से एलएलबी की और दो साल हिसार कोर्ट में प्रैक्टिस की। उन्होंने बताया कि जस्टिस सूर्यकांत का विवाह अंबाला की सविता रानी के साथ हुआ। सविता रानी चंडीगढ़ के कालेज में अंग्रेजी विषय की प्रोफेसर हैं। उनकी दो बेटियां कनुप्रिया, मुग्धा हैं। जस्टिस सूर्यकांत ने 1986 में हाई कोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की थी। वह सिविल, सर्विस और संविधान के मामलों के एक्सपर्ट रहे हैं। साल 2004 से 2006 तक हरियाणा सरकार एडवोकेट जनरल रहे हैं। साल 2006 के अंत में हाई कोर्ट में जज के पद पर नियुक्ति हुई थी।

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    14 पुस्तकें लिख चुके हैं जस्टिस सूर्यकांत के पिता

    सूर्यकांत के पिता मदनलाल राज्यस्तरीय कवि रहे हैं। उनकी 14 पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं। हरियाणा साहित्य अकादमी ने उन्हें लक्ष्मीचंद व महाकवि सूरदास पुरस्कार से सम्मानित किया था।

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    पर्यावरण प्रेमी हैं जस्टिस सूर्यकांत

    जस्टिस सूर्यकांत के भाई बताते हैं कि सूर्यकांत बचपन से ही शांत स्वभाव के हैं। पर्यावरण से उन्हें बेहद प्रेम है। गांव की एक एकड़ भूमि पर उन्होंने स्पेशल तालाब बनाया हुआ है। तालाब के चारों ओर पेड़-पौधे लगाए हुए हैं। जब भी गांव आते हैं इसी तालाब के पास शांत माहौल में अपना समय व्यतीत करते हैं। वह गांवों में लोगों को पौधे लगाने के लिए प्रेरित करते हैं। साथ ही अपने बचपन के मित्र राधेश्याम, अजमेर व साधुराम से जरूर मिलते हैं। गांव में शादी समारोह में समय निकालकर पहुंचते हैं।

    सर्विस मैटर के एक्सपर्ट हैं सूर्यकांत

    अधिवक्ता सुरेश शर्मा ने बताया कि हिमाचल के चीफ जस्टिस सूर्यकांत सर्विस मैटर के विशेषज्ञ रहे हैं। उन्होंने कर्मचारियों के अधिकारों की कानूनी लड़ाई लड़ी है। इन केसों का उनके ऊपर ज्यादा वर्कलोड होता था। बहुत कम लोग जानते हैं कि वे एक अच्छे राइटर होने के साथ नेक इंसान भी हैं। मानवीय संवेदना से संबंधित मामलों को गंभीरता से लेते हैं। हिसार जिला अदालत में 1984 में प्रैक्टिस शुरू की थी। यहां दो-तीन साल ही रहे और फिर हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने लगे थे। इनेलो सरकार में एडवोकेट जनरल बने और फिर जस्टिस। वे ज्यादातर समय चंडीगढ़ में बीता है। अब हिमाचल के चीफ जस्टिस बनने पर काफी गर्व महसूस हो रहा है। अधिवक्ता शर्मा ने बताया कि वे और चीफ जस्टिस सूर्यकांत मित्र होने के साथ एक साथ पढ़ाई करते थे। वे अच्छे कवि हैं और प्रतियोगिता में भाग भी लिया करते थे।