चंडीगढ़ में ब्लास्ट के बाद गुरुग्राम के पबों पर भी धमाके की थी तैयारी, लॉरेंस के गुर्गों के पास बचे थे बम
चंडीगढ़ में हुए बम धमाकों के बाद लॉरेंस गैंग का अगला निशाना गुरुग्राम के पब थे। गैंग ने पब मालिकों को धमकियां दी थीं। पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में पता चला है कि आरोपियों के पास दो से तीन बम और थे जिन्हें उन्होंने हिसार में अपने साथियों को सौंप दिया था। पुलिस अब उन साथियों की तलाश कर रही है।
जागरण संवाददाता, हिसार। चंडीगढ़ के दो क्लब के बाहर बम धमाके (Bomb Blast in Chandigarh) करने के बाद लॉरेंस गैंग का अगला टारगेट गुरुग्राम के पब थे। इन पब के मालिकों को लारेंस गैंग ने इस बारे में धमकी भी दे रखी है कि वे चंडीगढ़ की तरह उनके यहां भी धमाके करेंगे। पुलिस सूत्रों के अनुसार चंडीगढ़ में बम धमाके करने के बाद आरोपित विनय और अजीत के पास दो से तीन बम बच गए थे।
बम लेकर हिसार पहुंचे थे दोनों
दोनों आरोपित बमों को लेकर चंडीगढ़ से 250 किलोमीटर का सफर तय कर बस से हिसार पहुंचे। हिसार में पुलिस के काबू आने से पहले ही इन्होंने गैंग से जुड़े अन्य गुर्गों को ये बम सौंप दिए थे। अब पुलिस इन गुर्गों के बारे में जानकारी जुटा रही है।
वहीं सदर थाना पुलिस ने हिसार एसटीएफ के एसआई अशोक के बयान पर दोनों आरोपितों के खिलाफ शुक्रवार को हुई मुठभेड़ मामले में हत्या प्रयास सहित विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया है।
आरोपी और गोल्डी बराड़ की दो बार हुई थी बातचीत
सूत्रों के मुताबिक पानीपत के ऐचरा खुर्द गांव निवासी रणदीप मलिक 2015 से यूएसए में है। वहीं पर गोल्डी बराड़ के संपर्क में आया है। आरोपित रणदीप मलिक इस समय आरोपित हिसार के देवा गांव के विनय कालवानी के साथ संपर्क में था।
दोनों के बीच चंडीगढ़ बम धमाकों को लेकर चैट सामने आई है। वहीं ये भी पता चला है कि आरोपित विनय से गैंगस्टर गोल्डी बराड़ की दो बार बातचीत हुई है। पुलिस अभी ये पता लगा रही है कि फोन पर हुई ये बातचीत चंडीगढ़ धमाकों से पहले या फिर बाद में कब हुई थी।
आज NIA कर सकती है पूछताछ
हालांकि पुलिस की जांच में सामने आ रहा है कि गोल्डी बराड़ और रणदीप मलिक के सीधे संपर्क में आरोपित विनय कालवनी ही था। उसे चंडीगढ़ धमाकों की प्लानिंग का लंबे समय से पता था।
हिसार एसटीएफ और चंडीगढ़ पुलिस के साथ अब गुरुग्राम पुलिस भी दोनों बदमाशों से राज उगलवाना चाहती है। रविवार को एनआईए भी हिसार में पूछताछ के लिए आ सकती है।
चंडीगढ़ के खरड़ में जानकार के पास रूके थे दोनों आरोपित
पुलिस के अनुसार विनय और अजीत दोनों 24 नवंबर को बम लेकर चंडीगढ़ पहुंचे थे। वहां पर वो खरड़(चंडीगढ़) में अपने जानकार के पास रूके। पुलिस के अनुसार उनके इस जानकार को विनय और अजीत के बम फेंकने या किसी गैंग से संबंध होने के बारे में नहीं पता था।
आरोपित विनय कालवानी के पिता पेशे से किसान हैं। उसकी मां जेल वार्डन हैं। वहीं हिसार के गांव खरड़ के अजीत सहरावत के पिता की मौत हो चुकी है। उसकी मां कैंसर की मरीज है।
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दो बार में विनय और अजीत के खाते में आए थे 65 हजार रुपये
सूत्रों के अनुसार आरोपित के दिए खाते में रणदीप की ओर से खाते में दो बार में 65 हजार रुपये भी ट्रांसफर किए गए थे। अभी एसटीएफ की टीमें ये भी जानकारी जुटाने में लगी हुई की कितने रुपये में पूरा सौदा हुआ था।
एसटीएफ की टीम ने आरोपित साहिल से भी जींद जेल में जाकर पूछताछ की है। धमाके से जुड़े अन्य लोगों के बारे में पुलिस की टीमें लगातार छापेमारी में लगी हुई है। पुलिस की टीम गैंग से जुड़े लोगों की पूरी चेन जानने की कोशिश में लगी है।
चंडीगढ़ पुलिस ने अस्पताल में की आरोपितों से पूछताछ
चंडीगढ़ सेक्टर 21 की क्राइम ब्रांच की टीम ने एसआई नीरज के नेतृत्व में हिसार में डेरा डाल रखा है। टीम ने गोली लगने के बाद से अस्पताल में दाखिल विनज और अजीत से पूछताछ की है।
साहिल व पानीपत के रणदीप का कनेक्शन ढूंढ रही पुलिस
हिसार एसटीएफ भी मामले की जांच में जुटी है। टीम पता लगा रही है कि पेटवाड़ के साहिल और पानीपत के ऐचरा गांव के यूएसए में बैठे रणदीप का क्या कनेक्शन है। इस कनेक्शन से गैंग के अन्य लोगों का पता लग सकता है।
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