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हिसार नगर निगम में 5 हजार बैलेंस सीट शून्य करने के मामले में खुलासा, क्‍या बाड़ ही खा गई खेत

5 हजार बैलेंस सीट शून्य का चर्चित मामले में अब हरियाणा लोकल ऑडिट शक के घेरे में आ गई है। हैरानी भरी बात यह है कि ऑडिट से जुड़े अधिकारियों ने इस मामले को ईमानदारी का तमगा देने के साथ ही नोटिस जारी कर इस घोटाले को हवा दी है।

By Manoj KumarEdited By: Published: Tue, 22 Jun 2021 01:09 PM (IST)Updated: Tue, 22 Jun 2021 01:09 PM (IST)
हिसार नगर निगम में 5 हजार बैलेंस सीट शून्य करने के मामले में खुलासा, क्‍या बाड़ ही खा गई खेत
5 हजार बैलेंस सीट शून्य मामले में जांच कमेटी ने 9 जुलाई को बुलाई बैठक, रिकार्ड के साथ अफसर तलब

हिसार [पवन सिरोवा] नगर निगम में 5 हजार बैलेंस सीट शून्य का चर्चित मामले ने अब एक नई हसरत भरी करवट ली है। इस मामले में अब हरियाणा लोकल ऑडिट शक के घेरे में आ गई है। हैरानी भरी बात यह है कि ऑडिट से जुड़े अधिकारियों ने इस मामले को ईमानदारी का तमगा देने के साथ ही नोटिस जारी कर इस घोटाले को हवा दी है। ऑडिट की इस मामले में पारदर्शिता सवालों में आने के साथ ही खेत को बाड़ के खाने की चर्चाएं जोरों पर है।

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दरअसल, हरियाणा लोकल ऑडिट को नगर निगम में तमाम बजट खर्च और आय की पारदर्शिता पर पहरेदार नियुक्त किया गया है। इस दायित्व के बावजूद जीरो बैलेंस सीट मामले में मिलीभगत करने से लेकर निगम में ओर भी गोलमाल होने की स्थिति बन गई है। आडिट से जुड़े अफसरों की सफाई यह है कि उनके पास जो भी विभिन्न ब्रांचों से आय व व्यय का रिकार्ड आया उसका ऑडिट कर दिया वह दुरुस्त पाया गया है, परंतु विरोधाभास यह है कि गृहकर से जुड़े रिकार्ड के संबंध में उन्होंने नोटिस भी जारी करे है। संशय और सफाई दोनों के बीच ऑडिट कारगुजारी की अब सवालों के घेरे में है।

यह है मामला

दैनिक जागरण ने जब निगम में तैनात हरियाणा लोकल ऑडिट डिप्टी डायरेक्टर व अफसरों से बातचीत की तो नई जानकारी सामने आई कि साल 2005 से अब तक गृहकर शाखा का पूरा रिकार्ड ऑडिट के पास पहुंचा ही नहीं जबकि ऑडिट शाखा तो दिन-प्रतिदिन का रिकार्ड खंगालती है। जबकि जी-8 गायब होने से लेकर बाद में जी-8 की राशि जमा होने और नकली जी-8 के मामले तक सार्वजनिक हो चुके है। इसके बावजूद ऑडिट कोई ठोस संज्ञान लेने के बजाए आज तक किसी अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ को ठोस कार्रवाई करना तो दूर ऑडिट रिकार्ड दुरुस्त दिखाकर भ्रष्टाचार करने वालों के बचाव में खड़े हो गए है। ऐसे में अब ऑडिट के अफसरों पर भी कार्रवाई होती नजर आ रही है।

ये है बैलेंस सीट शून्य का मामला

आपने 2 और 2 चार की जगह 5 तो सुना होगा लेकिन नगर निगम हिसार में जोड़ शून्य हो गया। 15 सितंबर 2016 को निगम की ओर से एक निजी कंपनी को पत्र जारी कर 5 हजार बैलेंस सीट शून्य करवा दी थी जिनका करोड़ों का प्रॉपर्टी टैक्स बकाया था। मेयर शकुंतला राजलीवाला के कार्यकाल में यह भ्रष्टाचार पकड़ में आ गया। पहले तो निगम अफसर इस मामले में सफाई देते हुए बचाव में दिखे लेकिन जनप्रतिनिधियों ने सवाल उठाने शुरु किए तो निगम ने मामला में माना कि इसमें गड़बड़ी हुई है। बाद में अपने स्तर पर जांच कर कहा 13 करोड रुपये से अधिक की रिकवरी बनती थी, जो शून्य दिखाई गई थी। ऐसे में भ्रष्टाचार उजागर हो गया। इस पर जांच कमेटी बैठी तो अफसरों ने मेयर व जांच कमेटी में मौजूद पार्षदों को दरकिनार कर जांच पूरी दर्शाकर भ्रष्ट अफसर व कर्मचारियों को बचाने का प्रयास किया। अब पार्षदों ने आवाज उठाई तो सीनियर डिप्टी मेयर के नेतृत्व वाली कमेटी ने फिर से जांच शुरु की जिसमें सामने आया कि ऑडिट का भी भ्रष्टाचार में पूरी मिलीभगत नजर आ रही है। 9 जुलाई 2021 को फिर से जांच कमेटी की बैठक बुलाई है जिसमें निगम अफसरों से कई बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी गई है।

----मैं इस मामले में कुछ नहीं कह सकता हूं। इस बारे में कार्यकारी अधिकारी बताएंगे।

- यज्ञदत शर्मा, सीनियर अकाउंट आफिसर, नगर निगम हिसार।

---मैंने कुछ दिन पूर्व ही चार्ज संभाला है। 5 हजार बैलेंस सीट शून्य मामला अभी मेरे संज्ञान में आया है। पार्षदों की ओर से इस मामले में जानकारी मांगी गई है जो जुटाई जा रही है। जानकारी आने पर ही इस बारे में सहीं से बता पाउंगा।

- संजय रोहिल्ला, कार्यकारी अधिकारी, नगर निगम हिसार।

----साल 2005 से आज तक नगर निगम ने हमें गृहकर से संबंधित पूरा रिकार्ड नहीं सौंपा है। हमने उन्हें कई नोटिस दिए हुए है। लेकिन इस बारे में हम कानून के दायरे में कुछ भी नहीं बोल सकते है। हमारे ऊपर कुछ सीमाएं निर्धारित है। हम अपने उच्च अधिकारियों के संज्ञान में सारे मामले ला देते है।

- विजय महता, डिप्टी डायरेक्टर, हरियाणा लोकल ऑडिट


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