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Interstate Cyber fraud gang: बीएससी का छात्र भी जुड़ा है गिरोह से, खाते की ट्रांजेक्शन देख पुलिस भी हैरान

रोहतक में साइबर ठगी के अंतरराज्जीय गिरोह के मामले में रोज सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं। अब दिल्ली के बीएससी के छात्र का नाम भी सामने आया है। यूपी के कासगंज जिले का रहने वाला है। खाते में चार माह में 38 लाख की ट्रांजेक्शन सामने आई है।

By Umesh KdhyaniEdited By: Published: Mon, 21 Jun 2021 01:31 PM (IST)Updated: Mon, 21 Jun 2021 01:31 PM (IST)
Interstate Cyber fraud gang: बीएससी का छात्र भी जुड़ा है गिरोह से, खाते की ट्रांजेक्शन देख पुलिस भी हैरान
रोहतक पुलिस की इकोनॉमिक सेल छात्र की तलाश में है।

रोहतक [विनीत तोमर]। साइबर ठगी के अंतरराज्जीय गिरोह के मामले में एक और पर्दाफाश हुआ है। मूलरूप से यूपी के कासगंज और फिलहाल दिल्ली में रहने वाले बीएससी के छात्र के खाते में भी चार माह में 38 लाख की ट्रांजेक्शन की गई। इसमें एक लाख 29 हजार 500 की ट्रांजेक्शन वह भी शामिल है, जो रोहतक के कंसाला गांव के युवक के खाते से निकाली गई थी।

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खास बात यह है कि जिस खाते में यह ट्रांजेक्शन की गई है, वह फर्जी पते पर खुलवाया गया था। इस पर वह कभी रहा ही नहीं। इसमें मां का नाम भी रूपवती की जगह तुलसी लिखा गया था। छात्र के खाते में इतनी ट्रांजक्शन देख पुलिस भी हैरान है। प्राथमिक जांच में सामने आया है कि छात्र अंतरराज्जीय साइबर ठग गिरोह से जुड़ा हुआ है। फिलहाल रोहतक पुलिस की इकोनॉमिक सेल छात्र की तलाश में है।

यह था मामला

कंसाला गांव निवासी संजय कुमार के खाते से सितंबर 2020 एक लाख 98 हजार रुपये निकाल लिए थे। इसकी जांच पुलिस की इकोनोमिक सेल को सौंप दी गई। जांच पड़ताल के बाद पुलिस अभी तक इस मामले में अंतराज्जीय ठग गिरोह के सदस्य कानपुर के सराय बाजार निवासी जफर मंसूरी, दिल्ली के जखीरा निवासी दीपक और रूबी उर्फ प्रिया को गिरफ्तार कर चुकी है। तीनों ही एक मोबाइल कंपनी से जुड़े हुए थे।

इस तरह शक के दायरे में आया छात्र

इकोनॉमिक सेल के जांच अधिकारी दिनेश कुमार ने बताया कि कंसाला के युवक के खाते से जो रकम निकाली गई थी वह जींद के एक युवक के खाते में भेजी गई। फिर कानपुर के रहने वाले प्रेमचंद प्रकाश शर्मा के खाते में और आखिर में मोहित नाम के युवक के खाते में भेजी गई थी। इसके बाद यह रकम गाजियाबाद के एक एटीएम से निकाल ली गई। पुलिस ने मोहित नाम के युवक के खाते का रिकार्ड निकलवाया। यह खाता दिल्ली के करोल बाग स्थित इंडसइंड बैंक में था। इसमें तारा भवन चंद्र बिहार मंडावली दिल्ली का पता दिया गया था। पुलिस ने उस पते को खंगाला तो पता चला कि इस नाम से वहां पर कोई नहीं रहता।

ट्रांजेक्शन देख पुलिस रह गई हैरान

इस खाते की ट्रांजेक्शन देखकर पुलिस भी हैरान रह गई। 28 अगस्त 2020 को यह खाता खोला गया, जिसके बाद 29 अगस्त से लेकर 20 जनवरी 2021 तक करीब 38 लाख की ट्रांजेक्शन की गई थी। अधिकतर रकम खाते में ऑनलाइन आई और उसे ऑनलाइन ही अन्य खातों में ट्रांसफर कर दिया गया। इस पर पुलिस ने मोहित का असली पता निकाला। वह उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले के आड्डुपुर गांव का रहने वाला है। मोहित फिलहाल दिल्ली में रहता है। वह बीएससी फाइनल ईयर का छात्र है। पुलिस दिल्ली के पते को खंगाल रही है।

हल्द्वानी में सरगना से मिला था छात्र का डेबिट कार्ड

जांच अधिकारी ने बताया कि कुछ माह पहले हल्द्वानी के कालाढुंगी थाना पुलिस ने उत्तराखंड के अल्मोड़ा निवासी नवीन और यूपी के प्रतापगढ़ निवासी गौरव मिश्रा और जफर मंसूरी को गिरफ्तार किया था। लेकिन बाद में यह मुकदमा खत्म करा दिया गया। उनके पास से कई डेबिट कार्ड बरामद हुए थे। इसमें मोहित के खाते का डेबिट कार्ड भी शामिल था। रोहतक पुलिस को मोहित के साथ-साथ नवीन और गौरव मिश्रा की भी तलाश है।

खाता खोलने वाली महिला बैंक कर्मी से भी पूछताछ

हाल ही में इकोनॉमिक सेल ने इंडसइंड बैंक करोल बाग दिल्ली की एक महिला कर्मचारी को भी पूछताछ के लिए रोहतक बुलाया। मधु नाम की महिला कर्मचारी ने पूछताछ में वेरीफाई किया कि उसके माध्यम से ही मोहित का खाता अगस्त 2020 में खोला गया था। हालांकि घरेलू समस्या के कारण वह अब बैंक की नौकरी छोड़ चुकी है। फिलहाल पुलिस ने महिला बैंक कर्मी को भी इस मामले में गवाह बनाया है।

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