हरियाणा में लिव-इन रिलेशनशिप के खिलाफ कानून बनाने की मांग, भाजपा विधायकों ने उत्तराखंड का दिया उदाहरण
हरियाणा विधानसभा में भाजपा विधायकों ने लिव-इन रिलेशनशिप के मुद्दे पर चिंता व्यक्त की। रेवाड़ी के भाजपा विधायक लक्ष्मण यादव ने उत्तराखंड की तरह हरियाणा ...और पढ़ें
-1766216787679.webp)
लिव-इन रिलेशनशिप के खिलाफ कानून बनाने की मांग (फाइल फोटो)
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा में भाजपा विधायकों ने लिव-इन रिलेशनशिप के मुद्दे पर चिंता व्यक्त की। शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन शुक्रवार को शून्यकाल में रेवाड़ी के भाजपा विधायक लक्ष्मण यादव ने उत्तराखंड की तरह हरियाणा में भी लिव-इन रिलेशनशिप के खिलाफ कानून बनाने की मांग की, ताकि परिवारों को बिखरने से बचाया जा सके और भारतीय संस्कृति की रक्षा की जा सके।
उन्होंने कहा कि लिव-इन में रहने वाले कई जोड़े कुछ समय बाद अलग हो जाते हैं, जिससे परिवार प्रभावित होते हैं।
लिव-इन रिलेशनशिप से बिखर रहे परिवार
लक्ष्मण यादव ने सदन में कहा कि लिव-इन रिलेशन में रहने वाले कई युवक और युवती कुछ दिन बाद अलग हो जाते हैं। कई ऐसे मामले सामने आए हैं कि दोनों के परिवार बिखर गए। इस तरह का चलन भारतीय संस्कृति पर भी खतरा है।
ऐसे में जरूरत है कि ऐसा कानून बनाया जाए, जिससे घटनाओं पर रोक लग सके। उनकी इस मांग पर ताली बजाते हुए भाजपा विधायकों ने समर्थन किया।
लिव-इन के लिए UCC में पंजीकरण जरूरी
गौरतलब है कि उत्तराखंड में लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले जोड़ों के लिए उत्तराखंड यूनिफॉर्म सिविल कोड रूल्स, 2025 (यूसीसी) के तहत पंजीकरण कराना अनिवार्य है।
इस कानून में सभी नागरिकों (ST को छोड़कर) के लिए विवाह, तलाक और विरासत के कानून एक समान हैं। बहुविवाह और हलाला जैसी प्रथाओं पर प्रतिबंध है, जबकि संपत्ति में महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार दिए गए हैं। यह स्वतंत्र भारत का पहला ऐसा कानून है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।