हरियाणा के हिसार में बर्ड फ्लू की पुष्टि, 800 पक्षियों को मारा जाएगा
हरियाणा बर्ड फ्लू की चपेट में अा गया है। हिसार में ब्लू बर्ड झील में मृत मिले बतखों में बर्ड फ्लू का संक्रमण पाया गया है। झील और अासपास के क्षेत्र में पक्षियों को मारा जा रहा है।
जेएनएन, हिसार। हरियाणा भी बर्ड फ्लू की चपेट में आ गया है। हिसार की ब्लू बर्ड झील में पिछले दिनों 12 बतखों की मौत बर्ड फ्लू के संक्रमण की वजह से हुई थी। इसकी पुष्टि भोपाल लैब में भेजे गए सैंपल में की जांच में हुई है। इससे स्वास्थ्य विभाग अौर प्रशासन में हड़कंप मच गया है। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ऐहतियाती कदम उठाने में जुट गया है। बताया जाता है ब्लू बर्ड झील और इसके आसपास के क्षेत्र में करीब 800 बतखों और पक्षियों को मारा जाएगा।
प्रशासन ने चलाया करीब 800 पक्षियों को मारने का अभियान
प्रदेश में यह अब तक का यह पहला मामला है जब बर्ड फ्लू से पक्षियों की मौत हुई है। भोपाल लैब ने अपनी रिपोर्ट में बतखों की मौत का कारण एच5एन8 वायरस बताया है। समझा जाता है कि यह संक्रमण किसी प्रवासी पक्षी से यहां की बतखों तक पहुंचा।
फोटो गैलरी : हिसार में बर्ड फ्लू के संक्रमण के बाद मारे जा रहे पक्षी, देखें तस्वीरें
हिसार में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद रोकथाम के उपाय में जुटी टीेम।
बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद शुक्रवार सुबह से झील व आसपास के एक किलोमीटर के दायरे में सभी पक्षियों को मारने का सिलसिला शुरू हो गया। इसको लेकर आठ टीमों का गठन कर दिया गया है। कुल करीब 800 पक्षियों को मौत के घाट उतारा जाएगा। संक्रमण के चलते नेशनल हाईवे को भी बंद किया जा सकता है।
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हिसार-दिल्ली नेशनल हाईवे पर पर्यटन विभाग का यहां ब्लू बर्ड टूरिस्ट रिसोर्ट है। इसमें 16 एकड़ में बनी झील में करीब 150 बतखें और काफी संख्या में बगुले हैं। झील में दीपावली से पहले बतखों के मरने का सिलसिला शुरू हुआ था। 31 अक्टूबर को झील में मरी बतखों के सैंपल लाला लाजपतराय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय की टीम ने जांच के लिए जालंधर लैब भेजे थे।
हिसार की ब्लू बर्ड झील।
वहां प्राथमिक जांच में कुछ नहीं मिला था। इसके बाद वहां के लैब अधिकारियों ने उन सैंपलों को भोपाल केंद्रीय लैब में जांच के लिए भेज दिया था। दो दिन चली जांच के बाद भोपाल लैब ने बृहस्पतिवार शाम को हिसार में बर्ड फ्लू होने की पुष्टि की।
ब्लू बर्ड झील पर जांच में जुटी टीम।
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प्रवासी पक्षी छोड़ गया संक्रमण
पशुपालन विभाग के अधिकारियों के अनुसार सितंबर से लेकर मार्च के माह में इस क्षेत्र में प्रवासी पक्षी आते हैं। यह पक्षी पानी की झील या तालाब देखकर वहां रुक जाते हैं। इसी कड़ी में कोई संक्रमित पक्षी हिसार की बर्ड फ्लू झील पर आया और संक्रमण छोड़ गया। बतख भी इसके संपर्क में आई होंगी या फिर संक्रमण वाले पानी को पिया होगा जिससे कि यह वे भी इस बीमारी का शिकार हो गईं।
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'' भोपाल में दो दिन पूर्व जो सैंपल गए थे उससे हिसार में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। संक्रमण से निपटने के लिए टीमें गठित कर दी गई है। अब झील में मौजूद बतखों, बगुलों, मुर्गों व अन्य पक्षियों को मारने का अभियान शुरू किया गया है। इन्हें मारने के बाद जमीन में दबाया जाएगा।
- डॉ. जीएस जाखड़, डीजी, पशुपालन विभाग, हरियाणा।
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'' आठ टीमें बना दी गई है। 220 से ज्यादा डॉक्टरों को सुबह बुलाया गया है। प्रशासन की देखरेख में यह अभियान चलाया जा रहा है।
- डॉ. रविंद्र सिंह, डिप्टी डायरेक्टर, पशुपालन विभाग, हिसार।
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