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    फ्यूचर मेकर कंपनी को लेकर बड़ी अपडेट, 600 करोड़ रुपये से जुड़ा है मामला

    By Manoj KumarEdited By:
    Updated: Sun, 23 Aug 2020 09:04 AM (IST)

    देशभर में चर्चित रही मल्टी लेवल मार्केटिंग कंपनी फ्यूचर मेकर के संचालकों पर आयकर विभाग ने शिकंजा कस दिया है। आयकर विभाग ने तीन महीने तक दस्तावेज खंगाले गए हैं। अब नया आदेश जारी

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    फ्यूचर मेकर कंपनी को लेकर बड़ी अपडेट, 600 करोड़ रुपये से जुड़ा है मामला

    हिसार [वैभव शर्मा] देशभर में करीब 2900 करोड़ रुपये का फरोड़ करने वाली कंपनी फ्यूचर मेकर को लेकर बड़ी खबर है। देशभर में चर्चित रही मल्टी लेवल मार्केटिंग कंपनी फ्यूचर मेकर के संचालकों पर आयकर विभाग ने शिकंजा कस दिया है। आयकर विभाग ने तीन महीने तक दस्तावेज खंगाले। अब संचालकों से करीब 600 करोड़ रुपये वसूले जाएंगे। विभाग ने कंपनी के संचालकों को नोटिस थमा दिया है। कंपनी के संचालकों की ओर से की गई धोखाधड़ी की जांच कर रही एसआइटी को भी इस बारे में लिखा गया है। यदि संचालक आयकर नहीं चुकाएंगे तो प्रापर्टी बेचकर वसूली की जाएगी।

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    कंप्यूटर और बैंक से लेन-देन का डाटा जुटाने के बाद चली असेस्मेंट आयकर विभाग के अधिकारी बताते हैं कि इस मामले में टैक्स का आकलन करना कठिन काम था। कंपनी ने लेनदेन की लाखों एंट्री कर रखी हैं। कंप्यूटर में डाटा मिलने से ही ये सब पता चल पाया है।

    रिकॉर्ड मिलान में मिला अंतर

    आयकर अधिकारियों ने बताया कि विभिन्न बैंकों में कंपनी के लेन देन का ब्योरा तलब किया गया था। साथ ही कंप्यूटर के रिकॉर्ड से मिलान किया गया। इसमें भारी अंतर मिला। इसी कारण फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ। 

    यह है फ्यूचर मेकर प्रकरण

    मल्टी लेवल मार्केटिंग के जरिए फ्यूचर मेकर कंपनी ने निवेशकों को मोटे मुनाफे का झांसा दे हजारों लोगों के करोड़ों रुपये निवेश करा रखे थे। कंपनी का विस्तार कई शहरों में फैला था। दो वर्ष पहले तेलंगाना में कंपनी की शिकायत हुई थी। तब तेलंगाना पुलिस ने हिसार कार्यालय को सील कर दिया था। फिलहाल एसआइटी जांच कर रही है। निवेशकों को उनकी निवेश की गई रकम से कई गुना ज्‍यादा राशि करके लौटाने का वादा किया जाता था। इस मामले में कंपनी एमडी बंसीलाल और कंपनी सीएमडी राधेश्‍याम पर शिकंजा कसा गया था। इसके बाद मामले की एक-एक करके परतें खुलतीं गईं।

    ----कंपनी संचालकों को नोटिस भेजा गया है। करीब 600 करोड़ रुपये आयकर वसूलना है। कंपनी भुगतान नहीं करती तो नियमानुसार कंपनी की संपत्ति नीलाम कर भरवाया जाएगा।

    पीके शर्मा, अपर आयकर आयुक्त, हिसार।

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