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    प्रदूषण मामले में डीजी सेट को लेकर बड़ी राहत, इमरजेंसी सेवाओं से जुड़े आठ तरह के संस्थानों को दी छूट

    By Manoj KumarEdited By:
    Updated: Thu, 16 Dec 2021 11:05 AM (IST)

    सीएक्यूएम ने डीजी सेट के लेकर बड़ी राहत दी है। मेडिकल इंडस्ट्री से जुड़ी फैक्ट्रियों समेत आठ तरह के संस्थानों में डीजी सेट चलाने की अनुमति आयोग ने दी। इनमें रेजिडेंसियल सोसायटी समेत विभिन्न प्रतिष्ठानों में लिफ्ट चलाने के लिए भी डीजी सेट का प्रयोग करने की इजाजत शामिल है

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    प्रदूषण रोकने के लिए बनाए मानकों में हल्‍की राहत दी गई है

    जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़: वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने डीजी सेट के लेकर बड़ी राहत दी है। मेडिकल इंडस्ट्री से जुड़ी फैक्ट्रियों समेत आठ तरह के संस्थानों में डीजी सेट चलाने की अनुमति आयोग ने दी है। इनमें रेजिडेंसियल सोसायटी समेत विभिन्न प्रतिष्ठानों में लिफ्ट चलाने के लिए भी डीजी सेट का प्रयोग करने की इजाजत शामिल है। डीजी सेट को लेकर आने वाले दिनों में भी आयोग की ओर से कुछ अन्य संस्थानों को छूट दी जा सकती है।

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    इन आठ सेवाओं को मिली डीजी सेट चलाने की मंजूरी:

    - चिकित्सा सेवाएं (अस्पताल/नर्सिंग होम/स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं) सहित जीवन रक्षक चिकित्सा उपकरणों व दवा निर्माता इंडस्ट्री

    - विभिन्न प्रतिष्ठानों में लिफ्ट/ एस्केलेटर/ ट्रैवलेटर आदि चलाने के लिए

    - रेलवे सेवाएं व रेलवे स्टेशन ट्रेनों

    - मेट्रो रेल कार्पोरेशन में ट्रेन व स्टेशन

    - हवाई अड्डे और अंतर राज्य बस टर्मिनल

    - सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट

    - वाटर पंपिंग स्टेशन

    - राष्ट्रीय सुरक्षा/रक्षा संबंधी गतिविधियां/राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाएं

    उद्यमियों ने पावर फेल होने की स्थिति में दो घंटे डीजी सेट चलाने की मांगी है अनुमति

    उद्यमियों ने डीजी सेट चलाने की अनुमति के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। पहले से ही डीजी सेट चलाने की अनुमति के लिए सुप्रीम कोर्ट में लगी रिट पैटीशन में बहादुरगढ़ चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री एसोसिएशन (बीसीसीआइ) की से भी उच्चतम न्यायालय में याचना की गई है। आदित्य दुबे के मामले में बीसीसीआइ की ओर से दायर याचिका में उद्यमियों ने कहा था कि बहादुरगढ़ की फैक्ट्रियों में बड़ी-बड़ी मशीनें हैं। इन मशीनों को ठंडा करने के लिए कम से कम दो घंटे लग जाते हैं। अगर बिजली चली जाती है कि इन मशीनों को ठंडा करके बंद करने में डीजी सेट की जरूरत पड़ती है। अगर इन मशीनों को डीजी सेट के जरिये इमरजेंसी पावर बैकअप नहीं दिया जाता है तो बड़े स्तर पर आग लगने का खतरा है। इस कारण आग से फैक्ट्रियों के साथ-साथ यहां काम करने वाले कर्मचारियों की जान का भी खतरा है। इस स्थिति में अगर पावर फेल होता है तो कम से कम दो घंटे डीजी सेट चलाने की अनुमति देने की मांग सुप्रीम कोर्ट से की गई है। इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई होनी है।

    झज्जर रोड पर अवैध रूप से चलती मिली डाई फैक्ट्री, सेक्टर 16 में एक डीजी सेट किया सील:

    प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों की ओर से बुधवार को भी जांच की गई। जांच के दौरान झज्जर रेाड पर एक फैक्ट्री अवैध रूप से चलती मिली। यहां पर डाइ फैक्ट्री चल रही थी। टीम ने इस फैक्ट्री से सैंपल ले लिया है। साथ ही फैक्ट्री के खिलाफ आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। साथ ही सेक्टर 16 में टीम ने एक डीजी सेट को भी सील किया है। इसके अलावा टीम ने रोहद क्षेत्र का दौरा किया तो यहां पर एक फैक्ट्री में निर्माण कार्य चल रहा था। उस पर 50 हजार रुपये का जुर्माना किया गया है।

    ....डीजी सेट के लेकर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने कुछ राहत दी है। आठ तरह के संस्थानों में डीजी सेट चलाने की छूट दी गई है। इनमें रेजिडेंसियल सोसायटी में लिफ्ट आदि सेवा भी शामिल है।

    ----दिनेश यादव, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, बहादुरगढ़।