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कमाल है... यहां एक पौधे पर उगते हैं नींबू, मौसमी और संतरे, अमरूद के पौधे पर लगते हैं 18 प्रजातियों के फल

रोहतक के रहने वाले सतीश से मिलिए। इनके बगीचे का नजारा परी कथाओं जैसा है। एक ही पौधे पर कई किस्मों के फल लगाते हैं। इन्हें पौधों पर प्रयोग करने का जुनून है। पर्यावरण प्रेमियों को भी इस विधि की निश्शुल्क ट्रेनिंग देते हैं।

By Umesh KdhyaniEdited By: Published: Sat, 10 Jul 2021 05:03 PM (IST)Updated: Sat, 10 Jul 2021 05:03 PM (IST)
रोहतक के प्रेम नगर निवासी सतीश सैनी अपने बाग में लगाए पौधों के साथ।

रतन चंदेल, रोहतक। एक ही पौधे पर नींबू, मौसमी और संतरा जैसे फल आपको मिल जाएं आप इसे किसी ख्वाब से कम नहीं मानेंगे। लेकिन रोहतक के प्रेम नगर निवासी सतीश सैनी इसे हकीकत रूप दे रहे हैं। उन्होंने अपने घर के आंगन में पौधे लगाए हुए हैं। एक ही पौधे पर नींबू, मौसमी, संतरे, ककोटा आदि फल लगते हैं। इतना ही नहीं, यहां लगाए अमरूद के पौधे पर भी अंदर से सफेद और गुलाबी, दोनों किस्मों के फल लगते हैं। 

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एक ही पौधे पर अलग अलग किस्मों के फल देने वाले इन पौधों के प्रति लोगों में उत्सुकता बढ़ रही है। दरअसल, स्नातक पास सतीश को पौधों पर विभिन्न प्रयोग करने का जुनून है। उनके मुताबिक, ग्राफ्टिंग या कलम विधि से एक ही पौधे पर अलग अलग किस्मों के फल प्राप्त किए जाते हैं। वे करीब 20 साल से ग्राफ्टिंग कर रहे हैं। प्रकृति प्रेमियों व किसानों को वे निश्शुल्क ग्राफ्टिंग सिखाते हैं।

सतीश का दावा है कि उनके लगाए अमरूद के एक अन्य पर 18 प्रकार के अलग अलग प्रजातियों के अमरूद लगते हैं। जिनको देखकर उनके जानकार दंग रहे जाते हैं। उनके मुताबिक ग्राफ्टिंग या कलम विधि यह एक ऐसी विधि हैं जिससे कम समय में पौधा फल देने लगता है। इस विधि से पौधा अकसर चार से नौ माह के अंदर फल देने लगता है। उन्होंने देश के विभिन्न भागों में जाकर ग्राफ्टिंग करना सीखा है ताकि प्रदेश वासियों को भी यह विधि सिखा सकें। 

ग्राफ्टिंग करने से मिली कामयाबी

सतीश का कहना है कि वे अब तक विभिन्न प्रकार के फल, फूल व सब्जियों के पौधों पर ग्राफ्टिंग कर चुके हैं। उनके मुताबिक, अगर हम किसी भी फल वाले पौधे को बीज से उगाते हैं तो करीब दो साल बाद उस पौधे पर फल आने शुरू होते हैं। और जो फल आएंगे वे सभी एक जैसे नहीं होंगे। लेकिन ग्राफ्टिंग विधि से हम छोटे पौधे पर ही फल या सब्जियां ले सकते हैं। अभी मानसून सीजन शुरू हो गया है। जो लोग पौधों की ग्राफ्टिंग करना चाहते हैं वो इन दिनों कर सकते हैं। मानसून सीजन में की गई ग्राफ्टिंग 95 फीसद तक कामयाब होती है। 

पत्ते देखकर बताते हैं पौधे की बमारी

सतीश का अनुभव इतना हो गया है वे पत्ते देखकर बता देंगे कि पौधे में किन पोषक तत्वों की कमी हो गई है। पौधों को लेकर वे उत्सुक लोगों को निश्शुल्क जानकारी देते हैं। कीट पतंगों व फंगस आदि से भी पौधों को कैसे बचाया जाए, इसकी जानकारी देते हैं। पौधों को रोजाना नहलाना चाहिए। पत्ते साफ सुथरे रहने से पौधों की ग्रोथ बढ़िया होगी। उनका लक्ष्य है कि रोहतक व हरियाणा को हराभरा बनाने के विशेष प्रयास किए जाएं। केवल सरकार नहीं बल्कि संस्थाएं भी हरियाली बढ़ाने के लिए खूब प्रयास करें।

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