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    मानसून को लेकर सिरसा में अलर्ट, मनरेगा के तहत होगी घग्घर नदी की साफ सफाई

    By Rajesh KumarEdited By:
    Updated: Sat, 25 Jun 2022 05:05 PM (IST)

    मानसून को लेकर सिरसा में प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी है। घग्गर नदी में भी सफाई की योजना बनाई गई है। मनरेगा के तहत नदी में साफ सफाई की जाएगी। जिला उपायुक्त ने इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिए है।

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    मनरेगा के तहत होगी घग्घर नदी की सफाई।

    जागरण संवाददाता, सिरसा। मानसून की वर्षा के सीजन को देखते हुए घग्घर नदी में साफ सफाई व्यवस्था पर पूरा ध्यान दिया जाएगा। जिसको लेकर जिला प्रशासन ने घग्घर नदी में चैनल व हैड के अंदर मनरेगा के तहत सफाई करवाई जाएगी। जिसके लिए जल्द ही कार्य शुरू हो जाएगा। नदी में मुसाहिबवाला, फरमाई खुर्द, नेजाडेला कलां, झोपड़ा बांध, खैरेकां बांध, झोरडनाली, धनूर बांध, अबूतगढ़ बांध, ओटू हैड पर सफाई की ज्यादा जरूरत है। घग्घर नदी सिरसा जिले में करीब 82 किलोमीटर की दूरी तक बहती है।

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    जल्द होगा कार्य शुरू

    घग्घर नदी में सभी चैनल की मनरेगा के माध्यम से भी सफाई व्यवस्था करवाई जाएगी। नदी के दोनों किनारों पर खड़ी झाडिय़ां  कटवाकर बाधों को मजबूत किया जाएगा। इसी के साथ चैनल व हैड के दोनों किनारों को मजबूत बनाया जाएगा। इसके अलावा जहां पर भी कटाव दिखाई देता है, वहां पर मिट्टी डालकर उसे मजबूत बनाया जाएगा इसके लिए अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में निरंतर इन कार्यों पर निगरानी रखेंगे तथा समय-समय पर इनका निरीक्षण करेंगे और जहां पर भी किसी भी प्रकार की कमियां नजर आती है अथवा कमजोर बांध दिखाई देता है, उसे तुरंत प्रभाव से ठीक करवाया जाएगा।

    घग्घर टूटने से पहले हो चुका है नुकसान

    सिरसा जिले में घग्घर नदी टूटने से कई बार खतरा हो चुका है। इससे नजदीक के गांवों को खाली करवाया जा चुका है। सिरसा में घग्घर नदी से 1988, 1989, 1994, 1996, 2010 में भयंकर बाढ़ आई थी। इससे किसानों की फसलें भी बर्बाद हो गई थी। इस बार राजस्व विभाग ने तैयारियां पूरी कर ली है। बाढ़ बचाव प्रबंधों के लिए सभी जरूरी सामान व उपकरण की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।

    इसके लिए मोटर बोट, नाव, चप्पू, रस्से, लाइफ जैकेट, गोताखोर की व्यवस्था की है। इसके अलावा कंट्रोल रूम स्थापित भी जल्द किया जाएगा। सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों के मोबाइल नंबर व अन्य संपर्क नंबर की सूची दुरूस्त रखी जाएगी। बाढ़ संभावित क्षेत्रों को सेक्टर में बांटा जाएगा।