वीआरएस लेने के बाद जबरन सेवाएं देने वाले पीएमओ से सीएमओ ने ली पावर, डा. जितेंद्र को सौंपा कार्यभार
वीआरएस(स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) के बाद पीएमओ (प्रधान चिकित्सा अधिकारी) डा. गोविद गुप्ता अपने पद पर काम कर रहे थे।

जागरण संवाददाता, हिसार: वीआरएस(स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) के बाद पीएमओ (प्रधान चिकित्सा अधिकारी) डा. गोविद गुप्ता अपने पद पर काम कर रहे थे। इतना ही नहीं उन्होंने पद पर रहने हुए राज्यपाल के आगमन पर ड्यूटी भी लगाई और ओपीडी भी जांचते रहे। दैनिक जागरण ने 15 अप्रैल के अंक में रिटायरमेंट के बाद भी पीएमओ करते रहे काम, सीएमओ को जानकारी नहीं शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। खबर प्रकाशित होते ही सीएमओ डा. रत्ना भारती हरकत में आई और पीएमओ रहे डा. गोविद राम गुप्ता की जगह डा. जितेंद्र को उनकी जगह कार्यभार सौंप दिया। उससे पहले वरिष्ठ चिकित्सका अधिकारी डा. अनीता बंसल को भी चार्ज दिया था मगर जब उन्होंने देखा की पीएमओ पद पर डा. गोविद गुप्ता काम कर रहे हैं तो वह अवकाश पर चली गई। हालांकि डा. अनीता ने अवकाश पर जाने का कारण दूसरा बताया है मगर चर्चाएं यही है कि डा. अनीता सीएमओ और पीएमओ के विवाद में नहीं उलझना चाहती थीं।
दरअसल डा. गोविद ने 5 जनवरी 2022 को वीआरएस लेने की इच्छा जाहिर की थी इस संबंध में उन्होंने सरकार को एक पत्र भेजा था इसका जवाब तीन महीने के अंदर आ गया और सरकार इनको वीआरएस देने पर राजी हो गई। मगर इस बीच डा. गुप्ता ने वीआरएस कैंसिल करने के लिए दोबारा पत्र लिख दिया मगर अभी तक उनके पत्र का जवाब नहीं आया। पत्र लिखने के बाद डाक्टर गोविद गुप्ता सिविल अस्पताल में पीएमओ के पद पर कार्य करते रहे और आदेश भी पारित करते रहे। मगर दूसरी तरफ सीएमओ को इसकी कोई जानकारी नहीं थी। वह पीएमओ के खाली हुए पद की जगह अन्य डाक्टरों को चार्ज देती रही।
सीएमओ ने पत्र में नियमों का दिया हवाला
वहीं सीएमओ डा. रत्ना भारती ने पीएमओ को लिखे पत्र में एचसीएस जनरल सर्विस रूल 2016 के नियम 149 का हवाला देते हुए लिखा है कि डा. गोविद राम गुप्ता की 4 अप्रैल को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की सवीकृति प्राप्त हुई है। डा. गोविद ने इस सेवानिवृति को रद करने के लिए निदेशालय को पत्र लिखा हुआ है। मगर नियमों के तहत जब तक सरकारसे कोई निर्णय प्राप्त नहीं होता तब तक डा. गोविद राम गुप्ता हिसार नागरिक अस्पताल में अपनी सेवाएं नहीं दे सकते।
पीएमओ डा. गोविद गुप्ता बोले-मैंने कुछ गलत नहीं किया
वहीं इस मामले में डा. गोविद राम गुप्ता का कहना है कि उन्होंने वीआरएस के लिए पत्र लिखा था जो मंजूर हो गया मगर इसी बीच मैंने वीआरएस कैंसिल के लिए पत्र लिख दिया था। उन्होंने किसी नियम को नहीं तोड़ा है। जब मैंने वीआरएस कैंसिल कर दी तो मैं उसी पद के लिए काबिल हूं। मैं अभी अवकाश पर चल रहा हूं। सर्विस रूल मैंने भी पढ़ा है वह रिटायमेंट से पहले सरकार को विड्रो करने के लिए पत्र लिख चुके हैं ऐसे में वह काम कर सकते हैं। मैं अभी 24 तक अवकाश पर चल रहा हूं।
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मुझे आज ही सिविल सर्जन डा. रत्ना भारती का पत्र मिला है जिसमें उन्होंने मुझे पीएमओ का दायित्व सौंपा है। मैं सोमवार से पीएमओ पद पर सेवाएं दूंगा।
- डा. जितेंद्र, डिप्टी सीएमओ, नागरिक अस्पताल

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