ऊंचाइयों से डरने वाली मीनू का सपना है माउंट एवरेस्ट फतह करना
बचपन में चाहे ऊंचाई से डर लगता हो लेकिन जिदगी में कुछ कर गुजरने के हौसलों से जिले के डाटा गांव की बेटी पर्वतारोही मीनू ने एक और उपलब्धि प्राप्त की है।

सुनील मान, नारनौंद
बचपन में चाहे ऊंचाई से डर लगता हो, लेकिन जिदगी में कुछ कर गुजरने के हौसलों से जिले के डाटा गांव की बेटी पर्वतारोही मीनू ने एक और उपलब्धि प्राप्त की है। मीनू ने अफ्रीका महाद्वीप की 19341 फीट सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारो पर तिरंगा फहराकर देश, प्रदेश व जिले का नाम रोशन किया है।
मीनू ने बताया कि उसने उसने 26 दिसम्बर को सुबह 10 बजे किलिमंजारो के लिए चढ़ाई शुरू की और 29 दिसम्बर को मंडारू हट से सुबह 8 बजे किलिमंजारो पर तिरंगा फहराया। मीनू ने बताया कि रास्ते में बर्फीली तेज हवाओं ने बाधा डाली, लेकिन बुलंद हौसलों से मंजिल हासिल की। इससे पहले मीनू ने हिमाचल के मनाली फ्रेंडशिप चोटी पर तिरंगा फहराया था। डाटा गांव में एक छोटे से किसान कृष्ण कालीरामणा के घर जन्मी मीनू का बचपन से ही सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फतेह करने का सपना है। इसी सपने को पूरा करने के लिए मीनू ने पहले 17352 फीट ऊंची हिमाचल के मनाली फ्रेंडशिप चोटी पर तिरंगा फहराया था और अब 19341 फीट ऊंची चोटी किलिमंजारो पर तिरंगा फहराकर अपने सपने की मंजिल की तरफ एक और कदम बढ़ाया है। ताइक्वांडो में गोल्ड मेडलिस्ट मीनू बीए फाइनल की छात्रा है और उनका सपना माउंट एवरेस्ट को फतेह करना है। मीनू का कहना है कि दो एकड़ में खेती करने वाले उनके पिता कृष्ण कालीरामण का सपना है कि उनकी बेटी माउंट एवरेस्ट की चोटी को फतह करे। वह भी अपने पिता के सपनों को पूरा करने में लगी हुई हैं। मीनू का कहना है कि घर की कमजोर आर्थिक हालात उसके रास्ते में बाधा बन रही है। लेकिन उनके पिता अपनी बेटी के जज्बे और कड़ी मेहनत को देखते हुए बेटी के रास्ते में घर की कमजोर आर्थिक हालात को बाधा नहीं बनने देने की कोशिश में लगे हुए हैं।
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