हांसी में चार्जिंग पर लगी इलेक्ट्रिक स्कूटी की बैटरी में जोरदार विस्फोट, पति की मौत; पत्नी-बच्चे गंभीर रूप से झुलसे
हांसी में एक दर्दनाक हादसे में, इलेक्ट्रिक स्कूटी की बैटरी फटने से एक ई-रिक्शा चालक की मौत हो गई और उसकी पत्नी व दो बच्चे गंभीर रूप से झुलस गए। मुलतान ...और पढ़ें
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हादसे के बाद जली हुई स्कूटी।
संवाद सहयोगी, हांसी। शहर की मुलतान कॉलोनी में गुरुवार तड़के एक दर्दनाक हादसे ने पूरे इलाके को दहला दिया। घर में चार्जिंग पर लगी इलेक्ट्रिक स्कूटी की बैटरी में हुए जोरदार विस्फोट से आग भड़क उठी, जिसमें एक ई-रिक्शा चालक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उसकी पत्नी और दो बच्चे गंभीर रूप से झुलस गए। यह हादसा न केवल एक परिवार के लिए त्रासदी बन गया, बल्कि इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल भी खड़े कर गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मुलतान कॉलोनी निवासी 40 वर्षीय नरेश रोज की तरह सुबह करीब साढ़े पांच बजे स्कूटी को चार्जिंग से हटाने लगे थे। जैसे ही उन्होंने प्लग निकाला, ई-रिक्शा में लगी बैटरी अचानक फट गई। धमाका इतना तेज था कि देखते ही देखते आग पूरे घर में फैल गई। विस्फोट की चपेट में आकर नरेश की घटनास्थल पर ही मौत हो गई।
हादसे के समय घर में मौजूद नरेश की पत्नी 35 वर्षीय ज्योति, 12 वर्षीय बेटा साहिल और 15 वर्षीय बेटी वंदना भी आग में झुलस गए। गंभीर हालत में तीनों को तुरंत हांसी के नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका उपचार जारी है। परिजनों के अनुसार ज्योति पहले से ही गठिया की बीमारी से पीड़ित हैं, जिससे उनकी स्थिति और भी चिंताजनक बताई जा रही है।
घटना के दौरान घर में रखे दो भरे हुए गैस सिलेंडरों में से एक सिलेंडर आग की चपेट में आ गया था। यदि यह सिलेंडर फट जाता, तो नुकसान और भी भयावह हो सकता था। हालांकि, पड़ोसियों की सतर्कता और साहस से दोनों सिलेंडरों को समय रहते घर से बाहर निकाल लिया गया, जिससे एक बड़ा विस्फोट टल गया। स्थानीय लोगों ने आग बुझाने और घायलों को बाहर निकालने में भी अहम भूमिका निभाई।
हादसे की सूचना मिलते ही अनाज मंडी चौकी पुलिस मौके पर पहुंची। फोरेंसिक टीम को भी बुलाया गया, जिसने घटनास्थल से साक्ष्य एकत्र किए। पुलिस ने मृतक नरेश के शव को पोस्टमार्टम के लिए हांसी के नागरिक अस्पताल के शवगृह में रखवाया है और मामले की जांच शुरू कर दी है।
वार्ड पार्षद धर्मवीर मजोका ने बताया कि नरेश ई-रिक्शा चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करता था और बेहद मेहनती व्यक्ति था। उन्होंने प्रशासन से पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता देने की मांग की है। घायल बेटे साहिल ने बताया कि अगर उसकी बहन वंदना समय रहते घर का गेट न खोलती, तो शायद पूरा परिवार आग की चपेट में आ सकता था।
कुछ दिनों पहले ही कराई थी बैटरी चेंज: साहिल
अस्पताल में उपचाराधीन घायल साहिल ने बताया कि उनके पिता ने करीब एक साल पहले ही शहर में एक दुकान से मंत्रा कंपनी की नई स्कूटी खरीदी थी। कुछ ही दिन पहले उसी दुकान से स्कूटी की नई बैटरी भी लगवाई गई थी। रोज की तरह रात को स्कूटी को चार्जिंग पर लगाया गया था और सुबह चार्जर हटाया जा रहा था।
इसी दौरान अचानक बैटरी में आग लग गई और वह फट गई। देखते ही देखते आग पूरे घर में फैल गई, जिससे घर का काफी सामान जल गया और साहिल झुलस गया। फिलहाल घटना के बाद परिवार सदमे में है और घायलों का इलाज जारी है। पुलिस द्वारा मामले की जांच की जा रही है।
लोकल बैटरियों की गुणवत्ता का कोई भरोसा नहीं: अजय
वहीं, इस मामले में इलेक्ट्रानिक मैकेनिक एक्सपर्ट अजय सेलवाल ने बताया कि कंपनी की बैटरियां आमतौर पर सुरक्षित होती हैं, चूंकि उनके सभी पैरामीटर तय होते हैं। कंपनी बैटरी में कापर, केमिकल और अन्य सामग्री रिसर्च के बाद इस्तेमाल करती है। इसके विपरीत लोकल बैटरियों की गुणवत्ता का कोई भरोसा नहीं होता, वे जल्दी फूल जाती हैं और अक्सर लोकल चार्जर के साथ इस्तेमाल की जाती हैं।
उन्होंने बताया कि कंपनी की बैटरियों में बीएमएस यानी बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम होता है, जो चार्जिंग के दौरान निगरानी करता है। यदि चार्जर में बीएमएस सिस्टम नहीं होता तो बैटरी की मानिटरिंग नहीं हो पाती, जिससे हादसे की आशंका बढ़ जाती है। अजय सेलवाल के अनुसार लीड एसिड बैटरियां ज्यादा फटती हैं, जबकि बीआईएस सर्टिफाइड कंपनी की लिथियम बैटरियों में फटने की संभावना कम होती है। लिथियम बैटरी में आग लग सकती है, लेकिन उसके फटने की संभावना बेहद कम होती है।

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