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    Haryana News: 85 फीसदी सक्सेस रेट के साथ इस जिले के 29 गांव हुए टीबी फ्री घोषित

    Updated: Thu, 21 Mar 2024 04:23 PM (IST)

    सरकार स्वास्थ्य विभाग और कई गैर-सरकारी संस्थाओं के अथक प्रयासों से टीबी मुक्त के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान रंग ला रहे हैं। इसी कड़ी में हिसार जिले को 85 फीसदी सक्सेस रेट के साथ यहां के 29 गांवों को टीबी मुक्त किया गया है। इनमें उन गांवों को चुना गया जहां पर मरीजों की संख्या प्रति एक हजार पर टीबी का महज एक केस है।

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    Haryana News: 85 प्रतिशत सक्सेस रेट वाले 29 गांव टीबी फ्री घोषित। फाइल फोटो

    सुभाष चंद्र , हिसार। जिला स्वास्थ्य विभाग और विभिन्न संस्थाओं द्वारा टीबी के खिलाफ प्रयास रंग ला रहे हैं। जिले के 85 प्रतिशत सक्सेस रेट वाले 29 गांवों को प्रदेश सरकार की ओर से टीबी फ्री (TB free) घोषित किया गया है। इनमें आर्य नगर, हांसी, उकलाना सहित हांसी क्षेत्र के गांव भी शामिल हैं।

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    यह गांव टीबी फ्री ग्राम पंचायत के मानकों पर खरे उतरे हैं, प्रदेश सरकार की ओर से गांव के नाम मांगे गए थे। टीबी फ्री ग्राम पंचायत में उन गांवों को चुना गया है, जिनमें प्रति एक हजार की जनसंख्या पर टीबी का महज एक केस है।

    साथ ही प्रति एक हजार लोगों पर 30 सैंपल लिए गए हैं और मरीजों को डीबीटी के तहत 500 रुपये की राशि भी ट्रांसफर हुई हो। इन गांव की ग्राम पंचायतों को सम्मानित भी किया जाएगा, हालांकि आचार संहिता हटने पर ही इन्हें सम्मानित करने के लिए समारोह का आयोजन किया जा सकेगा।

    इन गांवों को घोषित किया टीबी फ्री

    जिले के आर्य नगर स्वास्थ्य केंद्र से जुड़े गांव मुकलान, देवा, हिसार-दो के अंतर्गत आने वाले गांधी नगर, हरिता, जुगलान, मिरकां, चारनौंद गांव को टीबी फ्री ग्राम पंचायत घोषित किया गया है। इसके अलावा उकलाना के अंतर्गत शंकरपुरा, कुंभाखेड़ा, प्रेम नगर गांव को और नारनौंद क्षेत्र के गांव मोठ से करनैल, गढ़ी अजिमा, कागसर गांव को टीबी फ्री ग्राम पंचायत घोषित किया गया है।

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    आदमपुर क्षेत्र से मिंगनीखेड़ा, जगान और तलवंडी राणा का चयन किया गया है। वहीं हांसी क्षेत्र के रोशनखेड़ा, ढाणी गुजरान, ढाणी पिरान, ढाणी मेहंदा, देपल, मामनपुरा, ढाणी शकरी, लालपुरा व भाटौल रांगरान को भी टीबी फ्री ग्राम पंचायत घोषित किया गया है।

    गांव-गांव जाकर पोर्टेबल एक्सरे मशीन से कर रहे जांच

    जिले में अल्ट्रा पोर्टेबल हैंडहेल्ड एक्सरे मशीन (ultra portable handheld xray machine) से गांव-गांव जाकर टीबी रोगियों का पता लगाया जा रहा है। एक्सरे मशीन की जांच में 254 टीबी संभावित रोगी मिले हैं। लेकिन ये लोग सीबी नाट टेस्ट, सीटी स्कैन सहित पूरी जांच के लिए अस्पताल नहीं पहुंच रहे हैं। एक्सरे में इनमें टीबी के लक्षण मिले हैं, लेकिन पूरी जांच के बाद ही ये टीबी रोगी हैं या नहीं, इस बारे में पता लग सकता है।

    ये लोग आगामी जांच के लिए अस्पताल ही नहीं आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग और जीत प्रोजेक्ट चला रहे कर्मचारियों की ओर से इन लोगों को मिलकर व फोन पर भी कई बार जांच पूरी करवाने के लिए कहा जा चुका है, लेकिन ये संभावित टीबी रोगी जांच पूरी न करवाकर खुलेआम घूम रहे है। इससे अन्य लोगों को भी टीबी का खतरा बना हुआ है।

    अब तक जांच में मिले रोगियों में से सिर्फ चार ने ही उपचार शुरू करवाया है। 30 जनवरी से अल्ट्रा पोर्टेबल हैंडहैल्ड एक्सरे मशीन से टीबी की जांच शुरू की गई है। जिले के विभिन्न गांव में अब तक 22 कैंप लगाए जा चुके हैं। इस दौरान 1510 लोगों के एक्सरे किए गए है।

    इनमें से चार पॉजिटिव मिले हैं। जिले में 2024 में 1110 मरीज मिल चुके है। पिछले वर्ष करीब 6985 केस मिले थे। जिले में अब 100 के करीब मरीजों को विभिन्न संस्थाओं ने गोद लिया हुआ है। विभाग की ओर से इन मरीजों को 2700 किट बांटी जा चुकी है।

    टीबी मरीज जिले में 2024 में मिल चुके

    जिले के 29 गांव टीबी फ्री ग्राम पंचायत (TB Free Gram Panchayat) के तहत बनाए मानकों पर खरे उतरे हैं। इन्हें सरकार की ओर से टीबी फ्री घोषित किया गया है। इन गांव की ग्राम पंचायतों को प्रशासन की ओर से सम्मानित भी किया जाएगा। डा. मुकेश, टीबी अस्पताल, हिसार

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