आज का योग : उत्तान मंडूकासन
नामकरण : उत्तान का अर्थ है : ऊपर की तरफ तना हुआ मंडक का अर्थ है मेंढक। अत: उत्तान मंडूकासन का अ
नामकरण : उत्तान का अर्थ है : ऊपर की तरफ तना हुआ
मंडक का अर्थ है मेंढक।
अत: उत्तान मंडूकासन का अर्थ है : ऊपर की तरफ सीधा तना हुआ मेंढक।
विधि : सर्व प्रथम वज्रासन में बैठें। दोनों घुटनों को फैलाएं। दायां हाथ उठाकर हथेली को बाएं कंधे के पीछे लगा दें। अब बाएं हाथ की हथेली दाएं कंधे के पीछे रख दें। गर्दन व कमर को सीधा कर दें और तान दें। कुछ समय तक श्वांस को स्थिर रखकर लंबा श्वांस भरें।
लाभ : पीठ व गले के दर्द में लाभकारी। डायाफ्राम की क्रियाशीलता को सुधारता है। घुटने मजबूत होते हैं। कोहनियां व कंधों की जकड़न-दर्द दूर होता है। लंबे समय तक अभ्यास करने से पेट की चर्बी कम होती है। श्वसन क्रिया के अंग व किडनी, टेस्टिस के लिए लाभकारी।
सावधानियां : उत्तान मंडूकासन उन लोगों को नहीं करना चाहिए जिनके कमर, घुटने, कंधे व कोहनियों में अत्यधिक दर्द हो।
अनुभव : सन 2007 से योग से जुड़ा। टेलर का काम करता हूं। नियमित एक घंटा प्रतिदिन योगाभ्यास करता हूं। आजाद नगर में निश्शुल्क योग कक्षाएं भी चलाता हूं। जीवन में हमेशा उमंग भरी रहती है। सैकड़ों लोगों को योग सिखा चुका हूं।
- नरेंद्र टेलर, मुख्य योग शिक्षक एवं सह प्रभारी, युवा भारत हिसार।
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