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    नागरिक अस्पताल में जबड़े की रसौली का सफल ऑपरेशन

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 21 Mar 2017 01:00 AM (IST)

    संवाद सहयोगी, हिसार : अब मरीजों को जबड़े की रसौली के इलाज के लिए निजी अस्पतालों के चक्कर काटने की जरू ...और पढ़ें

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    नागरिक अस्पताल में जबड़े की रसौली का सफल ऑपरेशन

    संवाद सहयोगी, हिसार : अब मरीजों को जबड़े की रसौली के इलाज के लिए निजी अस्पतालों के चक्कर काटने की जरूरत नहीं है। नागरिक अस्पताल के डॉक्टरों ने जबड़े की रसौली का निश्शुल्क सफल ऑपरेशन किया है।

    हिसार के डेंटल सर्जन डॉ. विक्रम पंघाल ने 12 साल की बच्ची का सफल ऑपरेशन किया है। जिले में 32 बीडीएस अर्थात बेचलर डेंटल सर्जन हैं।

    यह होती है जबड़े की रसौली

    इस बीमारी में मरीज के एक या दो दांत जबड़े के अंदर रह जाते हैं, जोकि विकसित नहीं हो पाते। इससे दांतों की हड्डी गलने लगती है और फिर बाद में उस स्थान पर पस पड़ने लगती है। यह दांतों के कैंसर की पहली स्टेज है। अगर इस स्थिति में मरीज अपना इलाज करवा लें तो वह ठीक हो सकते हैं। इस बीमारी को जबड़े के सिस्ट के नाम से भी जाना जाता है। अंग्रेजी में इस बीमारी को डेंटिजिरोस सिस्ट कहा जाता है।

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    जन्म से होती है यह बीमारी

    यह बीमारी बच्चे से लेकर युवा को अपनी चपेट में लेती है। 20 साल तक के युवा भी इस बीमारी का शिकार हो सकते हैं। कारण यह है कि मुंह के अंदर दांत को जगह नहीं मिल पाती। मरीज सावधानी नहीं बरतता है तो जबड़े पर गांठ पड़ने लगती है। जिसके बाद मरीज को उस स्थान पर भारीपन महसूस होने लगता है। धीरे-धीरे अविकसित दांत की हड्डी गलनी शुरू हो जाती है, जोकि आगे जाकर कैंसर का रूप धारण कर लेती है।

    बॉक्स

    निजी अस्पताल में आता है 30 हजार रुपये खर्च

    मरीज अगर जबड़े की रसौली का इलाज निजी अस्पताल में करवाता है तो उसे 30 हजार रुपये तक का भुगतान करना पड़ता है। अगर यह ऑपरेशन नागरिक अस्पताल में करवाया जाए तो यह निश्शुल्क किया जाएगा।