ट्रेक्शन मशीन खराब होने से बढ़ रहा मरीजों का दर्द
संवाद सहयोगी, हिसार : नागरिक अस्पताल के फिजियोथैरेपी विभाग में एक साल से खराब पड़ी ट्रेक्शन मशीन धूल
संवाद सहयोगी, हिसार : नागरिक अस्पताल के फिजियोथैरेपी विभाग में एक साल से खराब पड़ी ट्रेक्शन मशीन धूल फांक रही है। ऐसा नहीं है कि उच्च अधिकारियों को इस बारे में पता नहीं, पता होने के बावजूद भी इस संदर्भ में अभी तक कोई भी कदम नहीं उठाया गया है। इस लापरवाही का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। मजबूरन, मरीजों को कमर दर्द, गर्दन व डिस्क से संबधित समस्या के निवारण के लिए निजी अस्पतालों व सेंटरों में चक्कर काटने पड़ रहे हैं, जिससे सीधा प्रभाव उनकी जेबों पर भी पड़ रहा है।
पिछले एक साल से फिजियोथैरेपी विभाग में ट्रेक्शन मशीन खराब पड़ी है। जिस कारण कमर, गर्दन व डिस्क से संबधित समस्या का निवारण न होने से मरीजों को चक्कर काटने पड़ रहे हैं, जिससे उन्हें निजी अस्पतालों व सेंटरों में जाकर राशि भी चुकानी पड़ रही है। एक दिन की बात की जाए, तो फिजियोथैरेपी विभाग में कमर, गर्दन व डिस्क की समस्या को लेकर करीब 20 मरीज ओपीडी में आते हैं। मगर मशीन खराब होने के कारण सभी मरीजों को मायूस होकर लौटना पड़ रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि ट्रेक्शन मशीन को दुरुस्त करने के लिए कई बार उच्च अधिकारियों को लिखित में पत्र भेजा जा चुका है, लेकिन बजट न आने का हवाला देकर हर बार इस मामले को रफा-दफा कर दिया जाता है।
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एक मशीन की कीमत 20 हजार रुपये
एक ट्रेक्शन मशीन की कीमत की बात करें तो 20 हजार रुपये है। लेकिन पिछले एक साल से मशीन खराब होने के कारण मरीजों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि अगर नई मशीन खरीदी जाए तो मरीजों को काफी राहत की सांस मिलेगी। जिससे एक तो मरीजों को खाली हाथ नहीं लौटना पड़ेगा, तो दूसरी ओर उन्हें निजी अस्पतालों व सेंटरों में जाकर राशि भी नहीं चुकानी होगी।
वर्जन
कई बार इस मशीन को ठीक करने के उच्च अधिकारियों को लिखित में पत्र भेजा जा चुका है, लेकिन बजट न आने के कारण कार्य में देरी हो रही है। इस बार भी पत्र लिखा जाएगा, जिसमें जल्दी ही मशीन को ठीक करने की मांग की जाएगी। ताकि मरीजों को इस मशीन की सुविधा मिल सकें।
- डॉ. दयानंद, प्रधान चिकित्सा अधिकारी, नागरिक अस्पताल, हिसार।
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