गर्भवती महिलाओं को भी खिलाई जाएगी 'एलबेंडाजोल'
जागरण संवाददाता, हिसार : गर्भ में पल रहे बच्चे का संपूर्ण विकास महिला के स्वास्थ्य पर निर्भर करता
जागरण संवाददाता, हिसार :
गर्भ में पल रहे बच्चे का संपूर्ण विकास महिला के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। अगर उसके पेट में कीड़े हैं तो पौष्टिक आहार बच्चे तक नहीं पहुंचता है। इसलिए जन्म के वक्त बच्चा मानसिक व शारीरिक रूप से स्वस्थ नहीं होता। इसी बात को ध्यान में रखते हुए पहली बार गर्भवती महिलाओं को पेट के कीड़े मारने के लिए एलबेंडाजोल टेबलेट खिलाई जाएगी।
बुधवार को पुरानी मंडी रोड स्थित राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय से सीपीएस डॉ. कमल गुप्ता राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का शुभारंभ करेंगे। इस दौरान जिले के सभी सरकारी-गैर सरकारी स्कूलों व आंगनवाड़ी केंद्रों के बच्चों को पेट के कीड़े मारने की टेबलेट खाने को दी जाएगी।
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यह जानना जरूरी है
यदि पौष्टिक आहार खिलाने के बावजूद नौनिहालों का शारीरिक व मानसिक विकास नहीं होता या कम होता है तो समझ लीजिए वह शारीरिक रूप से स्वस्थ नहीं है। उसके पेट में कीड़े भी हो सकते हैं। इसलिए वह थका और आलस में रहता है और पढ़ाई में ध्यान नहीं दे पाता है। इन बातों को ध्यान में रखते हुए सभी स्कूली बच्चों, आंगनवाड़ी केंद्रों व स्कूल नहीं आने वाले बच्चों सहित गर्भवती महिलाओं को एलबेंडाजोल टेबलेट खिलाई जाएगी।
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इस कारण होते हैं कीड़े
चिकित्सकों के अनुसार अभिभावक बच्चों की गतिविधियों पर ध्यान नहीं देते हैं। संक्रमित हाथ से खाना खाने, मिट्टी खाने, अशुद्ध पानी पीने, फास्ट फूड खाने की वजह से बच्चों के पेट में कीड़े पैदा होते हैं।
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इस उम्र के बच्चों को देंगे खुराक
करीब साढ़े 4 लाख विद्यार्थियों को पेट के कीड़े मारने की दवा देने का निर्णय लिया है।
- 0 से पांच वर्ष तक के बच्चे को आधी गोली खिलाई जाएगी। करीब दो लाख बच्चे हैं।
- 6 वर्ष से लेकर 19 वर्ष तक के करीब ढाई लाख बच्चों को एक गोली खिलाई जाएगी।
- यह गोली पानी-दूध से नहीं बल्कि चबाकर निगल सकते हैं।
- जो बच्चे बीमार है या गैर हाजिर होंगे उन्हें 15 फरवरी को दवा खिलाई जाएगी।
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दवाइयां उपलब्ध करवा दी हैं : डिप्टी सीएमओ
पहली बार गर्भवती महिलाओं व सरकारी सहित निजी स्कूलों के बच्चों को पेट में कीड़े मारने की दवा खिलाई जाएगी। हमारी तरफ से तैयारियां पूरी हैं। स्कूल, आंगनवाड़ी केंद्रों व एएनएम व आशा वर्करों को दवाइयां उपलब्ध करवा दी हैं।
- डॉ. संजय दहिया, डिप्टी सीएमओ स्कूल हेल्थ क्लीनिक।
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