औद्योगिक क्षेत्रों में बिजली संकट दूर होने का इंतजार हो रहा लंबा
औद्योगिक क्षेत्रों में जारी बिजली संकट के दूर होने का इंतजार दिनों दिन लंबा होता जा रहा है। उद्यमियों का कहना है कि इस समय बिजली आपूर्ति अपने सबसे निचले स्तर पर है। आइएमटी मानेसर उद्योग विहार सेक्टर-37 आइडीसी दौलताबाद कादीपुर बसई बिनौला और बहरामपुर जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में स्थित हजारों फैक्ट्रियों में कामकाज सुचारु रूप से नहीं हो पा रहा है।

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : औद्योगिक क्षेत्रों में जारी बिजली संकट के दूर होने का इंतजार दिनों दिन लंबा होता जा रहा है। उद्यमियों का कहना है कि इस समय बिजली आपूर्ति अपने सबसे निचले स्तर पर है। आइएमटी मानेसर, उद्योग विहार, सेक्टर-37, आइडीसी, दौलताबाद, कादीपुर, बसई, बिनौला और बहरामपुर जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में स्थित हजारों फैक्ट्रियों में कामकाज सुचारु रूप से नहीं हो पा रहा है। यही बात उद्यमियों को लगातार परेशान कर रही है। रात में तो बिजली मिलती नहीं है, वहीं दिन में भी खूब कटौती हो रही है। औद्योगिक विशेषज्ञों का कहना है कि गुरुगाम में जब से बिजली संकट शुरू हुआ है, तब से सौ करोड़ रुपये से अधिक का औद्योगिक उत्पादन प्रभावित हुआ है।
औद्योगिक उत्पादन में कमी आने से घरेलू से निर्यात करने वाली औद्योगिक इकाइयों की कारोबारी स्थिति नकारात्मक रूप से प्रभावित हुई है। आइएमटी मानेसर स्थित एक फैक्टरी का संचालन करने वाले उद्यमी मनीष अग्रवाल का कहना है कि दिन में कम से 30 से 60 बार बिजली की कटौती होती है। रात में बिजली आएगी भी नहीं, यदि आएगी तो कितनी देर रहेगी इसे देखते हुए पिछले कई दिनों से रात की शिफ्ट पूरी तरह से बंद है। अब समझ में नहीं आ रहाी है कि बायर्स को समय से शिपमेंट कब भेजा जाएगा। कहीं ऐसा न हो कि बायर्स की ओर से आर्डर ही कैंसिल न कर दिया जाए।
उद्योग विहार स्थित गारमेंट निर्यातक रवि पुंजानी का कहना है कि आर्डर में देरी होने पर कई विदेशी बायर्स 30 प्रतिशत तक का डिस्काउंट मांग रहे हैं। यदि ऐसा नहीं किया गया तो आर्डर रद कर दिया जाएगा। ऐसी स्थिति में उद्यमी बुरी तरह से फंस चुके हैं। यदि जेनरेटर चलाकर उत्पादन किया जाए तो उत्पादन लागत काफी बढ़ जाती है। यह सब कुछ बिजली संकट के कारण हो रहा है। दक्षिण हरियाणा बिजली निगम और प्रदेश सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि गुरुग्राम के औद्योगिक क्षेत्रों में बिजली संकट का समाधान कब तक हो पाएगा।
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औद्योगिक क्षेत्रों में जिस प्रकार से बिजली संकट जारी है और उसके समाधान को लेकर अभी तक कोई ठोस प्रयास नहीं दिख रहा है, यह बात चितित करने वाली है। उद्यमियों को आर्थिक तौर से बड़ी चपत लग रही है। यही हाल रहा तो औद्योगिक स्थिति काफी दयनीय हो जाएगी।
-प्रवीण यादव, अध्यक्ष, गुड़गांव उद्योग एसोसिएशन
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बिजली के मामले में उद्योग जगत की स्थित अत्यंत ही दयनीय है। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। कई दिन ऐसा हुआ कि पूरी-पूरी रात और पूरे दिन फैक्ट्रियों में बिजली के कारण काम बंद रहा। अभी भी इस संकट के समाधान को लेकर कुछ नहीं बताया जा रहा है।
-केके गांधी, अध्यक्ष, इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट एसोसिएशन

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