शक्ति रूपेण संस्थिता..
गांव मुबारिकपुर स्थित बुद्धो माता मंदिर में श्रद्धालुओं की अटूट आस्था है। यह मंदिर प्राचीन मंदिर के रूप में भी जाना जाता है।

गांव मुबारिकपुर स्थित बुद्धो माता मंदिर में श्रद्धालुओं की अटूट आस्था है। यह मंदिर प्राचीन मंदिर के रूप में भी जाना जाता है। मान्यता है कि मां से सच्चे मन और श्रद्धा से मांगी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। नवरात्र पर यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु बुद्धो माता के दर्शन के लिए पहुंचते हैं।
मंदिर का इतिहास
फरुखनगर के गांव मुबारिकपुर स्थित बुद्धो माता मंदिर की 600 वर्ष पहले एक छोटे से मंदिर के रूप में स्थापना की गई थी। इस मंदिर को शीतला माता की छोटी बहन बुद्धो माता के नाम से जाना जाता है। शीतला माता के दर्शन करने के बाद श्रद्धालु बुद्धो माता मंदिर मुबारिकपुर में दर्शन के लिए आते हैं। इस मंदिर में नवरात्र के दौरान छोटे बच्चों का मुंडन कराया जाता है। यहां चैत्र, वैशाख और आषाढ़ महीने के हर सोमवार, मंगलवार, बुधवार को मेला लगता है।
ऐसे पहुंचे मंदिर
गुरुग्राम बस स्टैंड से फरुखनगर बस स्टैंड के लिए सिटी बसें और डीजल आटो मिलते हैं। फरुखनगर बस स्टैंड से आटो के जरिए मंदिर प्रांगण तक पहुंचा जाता है। गुरुग्राम बस अड्डे से मुबारिकपुर बुद्धो माता मंदिर की दूरी लगभग 30 किलोमीटर है। बुद्धो माता मंदिर में नवरात्र के दौरान दूरदराज से लोग आते हैं। मान्यता है कि मां सभी श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूरी करती हैं। प्रत्येक वर्ष मंदिर को भव्य तरीके से सजाया जाता है।
- नवीन कुमार, मंदिर प्रबंधक नवरात्र में इस मंदिर में हजारों की संख्या में श्रद्धालु बच्चों का मुंडन कराने के लिए पहुंचते हैं। मां बुद्धो को शीतला माता की छोटी बहन माना जाता है।
मनोज कुमार।
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