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    रेजांग ला की शौर्य गाथा के जीवंत मंचन ने माहौल में जोश भर दिया

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 19 Apr 2022 07:29 PM (IST)

    सेक्टर-29 में एचएसवीपी मैदान में चल रहे सरस मेले में प्रतिदिन सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया जा रहा है। सोमवार रात रेजांग ला की शौर्य गाथा का मंचन कि ...और पढ़ें

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    रेजांग ला की शौर्य गाथा के जीवंत मंचन ने माहौल में जोश भर दिया

    जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: सेक्टर-29 में एचएसवीपी मैदान में चल रहे सरस मेले में प्रतिदिन सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया जा रहा है। सोमवार रात रेजांग ला की शौर्य गाथा का मंचन किया गया। कलाकारों ने जीवंत प्रस्तुतियों से दर्शकों को भाव-विभोर कर दिया। इस नाटक के माध्यम से 1962 के भारत-चीन युद्ध में रेजांग ला पोस्ट पर सेना की 13वीं कुमाऊं बटालियन की चार्ली कंपनी की बहादुरी की गाथा को प्रस्तुत किया गया। मुट्ठी भर सैनिकों की टुकड़ी चीनी सेना को कड़ी टक्कर देते हुए इस पोस्ट को बचाने में सफल रही थी। इस संघर्ष में चार्ली कंपनी के 110 वीर जवानों ने अपने प्राणों की बाजी लगा दी थी। दर्शकों ने इनकी वीरता को नमन किया और श्रद्धांजलि अर्पित की।

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    नाटक का निर्देशन रवि मोहन ने किया। कार्यक्रम में पटौदी के विधायक सत्यप्रकाश जरावता बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे। रेजांग ला की लड़ाई में वीरगति को प्राप्त होने वाले सपूतों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस मौके बेहतरीन कला का प्रदर्शन करने वाले कलाकारों को पुरस्कृत भी किया गया। विधायक ने कहा कि रेजांग ला की शौर्य गाथा देश के इतिहास का वह स्वर्णिम अध्याय है, जिसे याद करते हुए हर देशवासी का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। हम सभी के लिए खासकर युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत है। विधायक ने सभी कलाकारों की सराहना की।

    रेजांग ला की लड़ाई के आखिरी दिन (18 नवंबर 1962) को कम संख्या में होने के बावजूद जिस प्रकार से जवानों ने वीरता का परिचय दिया वह जंग के मैदान में इतिहास रचने वाला था। वह देशवासियों के लिए गौरव की बात है। इस लड़ाई में 13वीं कुमाऊं बटालियन की चार्ली कंपनी के जवानों ने मेजर शैतान सिंह की अगुवाई में जिस वीरता का परिचय दिया, उसे संपूर्ण भारत गर्व से याद करता है। इस युद्ध के 110 बलिदानियों में 60 जवान हरियाणा के अहीरवाल क्षेत्र से थे। नाटक में कंपनी कमांडर मेजर शैतान सिंह की भूमिका गौरव सक्सेना द्वारा निभाई गई। इनकी प्रभावशाली प्रस्तुति से दर्शक अत्यधिक प्रभावित हुए। सरस मेले की सांस्कृतिक संध्या में सभी कलाकारों को जिला प्रशासन की ओर से विधायक सत्यप्रकाश जरावता तथा जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनु श्योकंद ने स्मृति चिन्ह और प्रशंसा पत्र भेंट कर सम्मानित किया।