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    SRS Group Scam: 2200 करोड़ की ठगी में अनिल जिंदल समेत अन्य के खिलाफ तय हुए आरोप, निवेशकों को राहत की उम्मीद

    By Gaurav SinglaEdited By: Anup Tiwari
    Updated: Wed, 12 Nov 2025 07:03 PM (IST)

    एसआरएस ग्रुप के 2200 करोड़ रुपये के घोटाले में अनिल जिंदल समेत अन्य आरोपियों पर आरोप तय हो गए हैं। इस फैसले से उन निवेशकों को राहत मिलने की उम्मीद है जिन्होंने इस समूह में अपनी मेहनत की कमाई का निवेश किया था। अदालत में आरोपियों पर धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के आरोप लगे हैं, जिससे निवेशकों को न्याय मिलने की उम्मीद है। अब आगे की कार्यवाही जल्द शुरू होगी।

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    ED कर रही है मामले की जांच।

    जागरण संवाददाता, नया गुरुग्राम। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पहल पर धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के मामलों की त्वरित सुनवाई के तहत गुरुग्राम की विशेष अदालत (जिला एवं सत्र न्यायालय परिसर) ने चर्चित रियल्टी कंपनी एसआरएस ग्रुप घोटाले में आरोप तय कर दिए।

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    अदालत द्वारा तीन नवंबर एसआरएस ग्रुप के प्रवर्तक-निदेशक अनिल जिंदल सहित अन्य आरोपितों विनोद जिंदल, बिशन बंसल, राजेश सिंगला, विनोद कुमार गर्ग, नवनीत क्वात्रा, सीमा नारंग, धीरेज गुप्ता, देवेंद्र अधाना तथा संबंधित कंपनियों मेसर्स एसआरएस रियल एस्टेट लिमिटेड, मेसर्स होराइजन ग्लोबल लिमिटेड और मेसर्स एसआरएस फाइनेंस लिमिटेड के विरुद्ध आरोप तय किए गए हैं।

    ईडी ने एसआरएस ग्रुप के विरुद्ध अपनी जांच 81 एफआइआर के आधार पर शुरू की थी, जो फरीदाबाद, दिल्ली और सीबीआइ में दर्ज की गई थी। जांच में सामने आया कि आरोपितों ने निवेशकों और बैंकों को करीब 2200 करोड़ का चूना लगाया। ग्रुप के अधिकारियों ने निवेशकों को ऊंचे मुनाफे का लालच देकर पैसे जमा कराए और फिर सैकड़ों शेल कंपनियां बनाकर धन को इधर-उधर कर दिया।

    2022 में ED ने दीखिल की थी शिकायत 

    जांच के दौरान 2215.98 करोड़ की संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच किया जा चुका है। इस मामले में ईडी ने अपनी अभियोजन शिकायत 29 अगस्त 2022 को विशेष पीएमएलए अदालत गुरुग्राम में दाखिल की थी। अदालत द्वारा आरोप तय किए जाने से अब इस मामले में सुनवाई का रास्ता साफ हो गया है।

    इससे प्रभावित निवेशकों और घर खरीदारों को राहत मिलने की उम्मीद है, क्योंकि आगे चलकर अटैच संपत्तियों को वैध दावेदारों को लौटाया जा सकेगा। इससे पहले इसी मामले में तीन आरोपित प्रवीण कुमार कपूर, सुनील जिंदल और जितेंद्र गर्ग को अदालत ने भगोड़ा घोषित किया था। ईडी ने इनके विरुद्ध इंटरपोल रेड कार्नर नोटिस जारी करने का अनुरोध किया था।

    इसी नोटिस के आधार पर प्रवीण कुमार कपूर को अमेरिका के न्यूआर्क इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर रोका गया और 2 नवंबर को उन्हें अमेरिका से भारत डिपोर्ट कर दिया गया। ईडी ने बताया कि अब आरोप तय होने के बाद विभाग इस मामले में संपत्तियों की बहाली और निवेशकों को न्याय दिलाने के लिए आगे की कानूनी कार्रवाई करेगा। मामले की आगे की जांच जारी है।