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    बेटे की सूझबूझ से रिटायर्ड प्रिंसिपल ठगी का शिकार होने से बचे, शातिर ने फोन पर कराई थी फर्जी डॉक्टर से बात

    Updated: Mon, 01 Dec 2025 11:41 AM (IST)

    एक सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य अपने बेटे की समझदारी से ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार होने से बच गए। धोखेबाजों ने उन्हें एक नकली डॉक्टर से बात कराई, लेकिन उनके बेटे ने समय पर हस्तक्षेप करके उन्हें बचा लिया। पुलिस ने लोगों को ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचने के लिए जागरूक किया है और किसी भी अनजान व्यक्ति को निजी जानकारी या पैसे न देने की सलाह दी है।

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    संवाद सहयोगी, बादशाहपुर। गांधीनगर कॉलोनी में रहने वाले सेवानिवृत्त प्रिंसिपल धर्म सिंह ठगे जाने से बाल-बाल बच गए। जब वह बैंक से लौट रहे थे, उसी दौरान अंजान युवक ने सहानुभूति दिखाते हुए इलाज के नाम पर एक डॉक्टरसे फोन पर बात कराई। डॉक्टरने पहले फीस देने की बात कहकर दस हजार रुपये ट्रांसफर करने के लिए कहा। हालांकि, व्यक्ति के बेटे की सूझबूझ से आरोपित के मंसूबों पर पानी फिर गया।

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    बेटे ने फोन पर जब डॉक्टर की डिग्री के बारे में कहा तो वह टालमटोल करने लगा। इसके बाद फोन काट दिया। जानकारी के अनुसार धर्म सिंह अपनी पत्नी अनीता के साथ बैंक से लौट रहे थे, तभी रास्ते में एक अनजान युवक मिला। युवक ने बड़ी सहानुभूति दिखाते हुए कहा कि क्या अंकल आपके घुटने में दर्द है। मेरे पापा को भी यही दिक्कत थी। हमने मुंबई के एक नामी डॉक्टर से इलाज कराया था और वह बिल्कुल ठीक हो गए।

    मैं आपको उनका नंबर दे देता हूं। युवक ने बातों ही बातों में डॉक्टर का नंबर देकर खुद को मददगार दिखाया। कुछ देर बाद धर्म सिंह के मोबाइल पर एक व्यक्ति का फोन आया, जिसने खुद को डॉक्टर पांडे बताया। उसने कहा कि वह मुंबई में रहता है और 30 नवंबर को गुरुग्राम टूर पर आ रहा है। वह घर आकर इलाज करेगा, लेकिन इसके लिए 1000 रुपये कंसल्टेशन फीस पहले देनी होगी।

    धर्म सिंह और उनकी पत्नी डॉक्टरके प्रस्ताव पर सहमत होने ही वाले थे कि तभी उनके बेटे आकाश को कुछ शक हुआ। आकाश ने बातचीत अपने हाथ में लेते हुए डॉक्टरपांडे से सवाल-जवाब शुरू किए। उसने उनसे उनकी डिग्री और मेडिकल रजिस्ट्रेशन नंबर पूछा। पहले तो वह टालमटोल करता रहा, लेकिन दबाव डालने पर उसने कहा कि मैंने रामदेव से डिग्री ली है। यह सुनते ही आकाश को पूरा यकीन हो गया कि सामने वाला व्यक्ति ठग है। धर्म सिंह का कहना है कि यदि बेटे ने समय रहते सतर्कता न दिखाई होती, तो वे ठगी का शिकार हो सकते थे।