गुरुजल परियोजना के अंतर्गत छह तालाबों का जीर्णोद्धार
जिले में भूमिगत जल स्तर में सुधार को लेकर गुरुजल सोसायटी द्वारा अब तक जिले में छह तालाबों के जीर्णोद्धार का काम पूरा हो चुका है। नौ तालाबों के जीर्णोद्धार का कार्य प्रगति पर है।

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: जिले में भूमिगत जल स्तर में सुधार को लेकर गुरुजल सोसायटी द्वारा अब तक जिले में छह तालाबों के जीर्णोद्धार का काम पूरा हो चुका है। नौ तालाबों के जीर्णोद्धार का कार्य प्रगति पर है। यह जानकारी जिला उपायुक्त डा. यश गर्ग ने दी। उन्होंने बताया कि जिले में मानसून से पहले जल संरक्षण को लेकर आवश्यक इंतजाम किए जा रहे हैं, ताकि बरसाती पानी का संचयन कर भूमिगत जल में सुधार लाया जा सके। इसे लेकर जिले में रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टमों का चालू हालत में होना सुनिश्चित किया जा रहा है। जिन छह तालाबों का जीर्णोद्धार किया गया है उसमें गांव खेंटावास, मौजाबाद, दौला, हरचंदपुर, इकबालपुर एवं भौड़ाकलां के नाम शामिल हैं।
इसके अलावा नौ गांवों में तालाबों को बेहतर बनाने का काम किया जा रहा है। इनमें गांव दौलताबाद, धर्मपुर, बुढ़ेड़ा, ताजनगर, पालासौली, बिलासपुर, हरियाहेड़ा, वजीरपुर व कासन शामिल हैं। उन्होंने बताया कि तालाबों के जीर्णोद्धार से पूर्व इनका अध्ययन किया जाता है और उसके परिणामों के अनुरूप उनमें सुधार किए जाते हैं। इस परियोजना के तहत चयनित तालाबों के आस-पास पौधारोपण भी किया जाता है।
डा. यश गर्ग ने कहा कि भूमिगत जल स्तर में सुधार लाने को लेकर यदि कोई कंपनी सीएसआर के तहत काम करने के लिए आगे आए तो जिला प्रशासन उनका स्वागत करता है। उन्होंने कहा कि एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण का बढ़ता स्तर हम सभी के लिए बड़ी चुनौती है। इसके लिए सभी को एकजुट होकर इस दिशा में प्रयास करने होंगे। ---------------------- गांव घाटा में कब बनाए जाएंगे तालाब
जासं, गुरुग्राम: गांव घाटा में अरावली पहाड़ी के नजदीक तालाब बनाए जाने की योजना कागजों में ही है। छह महीने पहले ही योजना बनाकर चंडीगढ़ भेज दी गई थी ताकि मानसून से पहले तालाबों का निर्माण हो सके। कुछ दिनों के भीतर मानसून दस्तक देने वाला है, लेकिन योजना को ऊपर से स्वीकृति तक नहीं मिली है।
अरावली पहाड़ी के नजदीक तालाब न होने से बारिश के पानी का संचयन नहीं हो पा रहा है। इसे देखते हुए वन विभाग के गुरुग्राम कार्यालय ने गांव घाटा में दो तालाब बनाने की योजना बनाई है। वर्षों पहले प्राकृतिक तालाब थे, लेकिन रखरखाव के अभाव में धीरे-धीरे समाप्त हो गए। अब अरावली इलाके में जगह-जगह फिर से तालाब बनाने के बारे में वन विभाग ने मन बनाया है। तालाब बनाए जाने से न केवल बारिश के पानी का संचयन होगा बल्कि अरावली पहाड़ी क्षेत्र के वन्य जीवों को लाभ होगा। उन्हें अपनी प्यास बुझाने के लिए रिहायशी इलाकों में नहीं भागना पड़ेगा।
वन राजिक अधिकारी, गुरुग्राम कर्मवीर मलिक का कहना है कि गांव घाटा में दो तालाब बनाए जाने के बारे में जैसे ही ऊपर से हरी झंडी मिलेगी जमीनी स्तर पर काम शुरू कर दिया जाएगा। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की वजह से अन्य कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
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