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    कौन है गैंगस्टर मैनपाल बादली, जाली पासपोर्ट बनवाकर भाग गया था विदेश; हत्या-डकैती जैसे 22 मामले हैं दर्ज

    Updated: Thu, 04 Sep 2025 09:14 AM (IST)

    हरियाणा पुलिस ने मोस्टवांटेड मैनपाल बादली को कंबोडिया से गिरफ्तार किया। उस पर हत्या समेत 22 आपराधिक मामले दर्ज हैं। 2010 में आजीवन कारावास की सजा हुई थी। 2018 में पेरोल पर बाहर आकर 2019 में फर्जी पासपोर्ट से कंबोडिया भाग गया था। वहां उसने डिस्को शुरू किया और परिवार बसा लिया। एसटीएफ ने इंटरपोल की मदद से उसे गिरफ्तार किया।

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    कंबोडिया से प्रत्यर्पित कर भारत लाए गए आरोपित के साथ एसटीएफ की टीम। सौ. एसटीएफ

    विनय त्रिवेदी, गुरुग्राम। कंबोडिया में छह सालों से छिपकर रह रहे हरियाणा पुलिस के मोस्टवांटेड मैनपाल बादली को हरियाणा एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया। एसटीएफ की टीम उसे मंगलवार को कंबोडिया से प्रत्यार्पित कराकर भारत लेकर आई।

    उस पर हत्या, हत्या के प्रयास, डकैती, लूट समेत 22 गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। उसे 2010 में तीन हत्याओं के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। 2018 में पेरोल पर बाहर आने के बाद वह 2019 में फर्जी पासपोर्ट पर कंबोडिया फरार हो गया था।

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    मैनपाल बादली मूल रूप से झज्जर जिले के बादली गांव का रहने वाला है। वर्ष 2000 में उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा था। अपने चाचा की हत्या का बदला लेने के बाद उसने एक के बाद एक कई हत्याएं कीं। इसके खिलाफ 2007 और 2010 में तीन हत्याओं के मामले दर्ज किए और इसे गिरफ्तार भी किया गया।

    उस दौरान इसका अपना नेटवर्क था। यह किसी अन्य गैंग्सटर के संपर्क में नहीं था। 2010 में गिरफ्तारी के बाद अदालतों ने तीन अलग-अलग हत्या के मामलों में उम्रकैद की सजा सुनाई थी। 2014 में गुरुग्राम की भोंडसी जेल में रहने के दौरान भी इसका नाम एक कैदी की चाकूओं से गोदकर हत्या के मामले में आया था।

    यह यहां की जेल में भी कई सालों तक रहा था। 17 जुलाई 2018 में यह हिसार जेल से छह सप्ताह की पेरोल पर बाहर आने के बाद दोबारा जेल नहीं लौटा। तब से यह हरियाणा पुलिस के लिए सबसे वांछित अपराधियों में शामिल था। उसकी गिरफ्तारी पर हरियाणा पुलिस ने 25 अक्टूबर 2018 को पांच लाख का इनाम भी घोषित किया था। 30 अक्टूबर 2019 को उसे भगोड़ा घोषित किया गया।

    जाली पासपोर्ट बनवाकर विदेश भागा

    एसटीएफ की जांच में पता चला कि 2019 में उसने सोनू कुमार नाम से जाली दस्तावेज तैयार करवाए और गुरुग्राम के सेक्टर 18 सिरहौल गांव के पते पर पासपोर्ट हासिल किया। जिस पते पर उसने पासपोर्ट बनवाया, वह कभी अस्तित्व में था ही नहीं।

    इस पर आरोपित के खिलाफ सेक्टर 17-18 थाने में केस भी दर्ज किया गया था। इसी पासपोर्ट के जरिए वह सात जुलाई 2019 को कोलकाता से बैंकाक होते हुए कंबोडिया पहुंचा। इस दौरान उसने मारीशस और इंडोनेशिया की यात्राएं भी कीं। लेकिन बाद में उसने कंबोडिया के सिएम रीप शहर में स्थाई ठिकाना बनाया।

    यहां उसने डिस्को शुरू किया और एक स्थानीय महिला के साथ परिवार तक बसा लिया। उसके तीन बच्चे भी हुए। इसने वहां की नागरिकता लेने की भी कोशिश की, लेकिन नहीं मिली। एसटीएफ के अनुसार यह भारत से जाने के बाद कभी नहीं लौटा था।

    जाने के दौरान यहां भारत से अपने साथ करीब सवा करोड़ रुपये ले गया था। यह भी पता चला कि यह वहां किसी भी अपराध में संलिप्त नहीं रहा। अपराध की दुनिया से नाता तोड़कर यह वहां छिपकर रह रहा था।

    अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव, कंबोडिया गई थी टीम

    हरियाणा एसटीएफ के आइजी सतीश बालन ने बताया कि कंबोडिया में मैनपाल बादली की वास्तविक पहचान और आपराधिक पृष्ठभूमि की पुष्टि होने के बाद एसटीएफ हरियाणा ने उसकी लोकेशन और आपराधिक इतिहास की जानकारी इंटरपोल, विदेश मंत्रालय और सीबीआई मुख्यालय नई दिल्ली के साथ साझा की थी। इसके बाद कंबोडियाई प्रशासन हरकत में आया और उसके प्रत्यर्पण पर सहमति बनी।

    आइपीएस अधिकारी वसीम अख्तर के नेतृत्व में एक विशेष टीम कंबोडिया भेजी गई। इसमें डीएसपी मदन सिंह और एसआई संदीप कुमार शामिल थे। इस टीम ने नोम पेन्ह से अपराधी को हिरासत में लिया और दो सितम्बर को भारत वापस लाया गया।

    दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचते ही एसटीएफ ने उसे औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया।आइजी ने कहा कि इस आपरेशन ने न केवल हरियाणा पुलिस की साख को और मजबूत किया है बल्कि यह संदेश भी दिया है कि अपराधी चाहे कितनी भी दूर भाग जाए, कानून के शिकंजे से बच नहीं सकता।

    सात सालों में आठ अपराधियों को लाया गया भारत

    एसटीएफ के अनुसार 2018 से अब तक आठ अपराधियों को विदेश से भारत लेकर आया गया है। इसमें काला खैरमपुरिया, राजू बसौदी, जोगेंद्र ग्योंग, विकास लांगरपुिया, कौशल चौधरी, रोहित, मैनपाल बादली समेत अन्य शामिल हैं। 12 जुलाई 2024 को काला खैरमपुरिया को थाईलैंड से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया था। इसके बाद फिलिपींस से गैंग्सटर जोगेंद्र ग्योंग को लाया गया था।

    कई और कुख्यात एसटीएफ के रडार पर

    एसटीएफ के अनुसार एसटीएफ हरियाणा की मोस्टवांटेड लिस्ट में कुख्यात गैंग्सटर गोल्डी बराड़, लिपिन नेहरा, रोहित गोदारा, लारेंस बिश्नोई, हिमांशु भाऊ, नीरज फरीदपुरिया, साहिल, नवीन, सुनील सरधानिया, दीपक नांदल समेत अन्य शामिल हैं। इनके बारे में एसटीएफ कार्रवाई कर रही है। ये गैंग्सटर थाईलैंड, दुबई, कनाडा, अमेरिका, अजरबैजान, पुर्तगाल, फिलिपींस और स्पेन व अन्य देशों में रह रहे हैं।

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