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    2017 Prince Murder Case: आराेपित भोलू को वयस्क माना जाए या नाबालिग, आज से जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में होगी सुनवाई

    By Jp YadavEdited By:
    Updated: Thu, 21 Jul 2022 10:30 AM (IST)

    2017 Prince Murder Case 9 सितंबर 2017 को गुरुग्राम के सोहना रोड स्थित एक निजी नामी स्कूल में छात्र प्रिंस की हत्या का मामला अहम मोड़ पर पहुंच गया है। इस पर जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में बृहस्पतिवार से दोबारा सुनवाई शुरू होगी।

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    2017 Prince Murder Case: आराेपित भोलू को वयस्क माना जाए या नाबालिग, आज से जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में होगी सुनवाई

    गुरुग्राम [आदित्य राज]। 2017 Prince Murder Case: दिल्ली से सटे गुरुग्राम में वर्ष 2017 में हुए बहुचर्चित प्रिंस हत्याकांड मामले की सुनवाई जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में बृहस्पतिवार से दोबारा शुरू होगी। आरोपित के विरुद्ध मुकदमा उसे वयस्क मानकर चलाया जाए या फिर नाबालिग के दायरे में रखकर, इस बारे में जुवेनाइनल जस्टिस बोर्ड पुन: मूल्यांकन करेगा।

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    यहां पर बता दें कि सुनवाई के दौरान पीड़ित पक्ष, आरोपित पक्ष और केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआइ) के पक्ष की उपस्थिति अनिवार्य है। इससे पहले 20 दिसंबर 2017 को बोर्ड ने आरोपित को वयस्क के दायरे में रखकर मुकदमा चलाने का फैसला सुनाया था।

    इसके विरुद्ध आरोपित पक्ष ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में अर्जी डाल दी थी। उच्च न्यायालय ने पुन: मूल्यांकन करने का आदेश दिया था। इस फैसले के विरुद्ध पीड़ित पक्ष ने उच्चतम न्यायालय में अर्जी डाली थी। सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा। इस तरह मामला फिर से बोर्ड के पास आ गया।

    यहां पर बता दें कि 9 सितंबर, 2017 को गुरुग्राम के सोहना रोड स्थित एक निजी नामी स्कूल के बाथरूम में सात वर्षीय प्रिंस (अदालत द्वारा दिया गया नाम) की गला रेतकर हत्या कर दी गई थी।

    जांच की कड़ी में गुरुग्राम पुलिस ने स्कूल के एक बस सहायक की पहचान आरोपित के रूप में की थी। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। कुछ दिनों बाद जांच की जिम्मेदारी संभालते हुए सीबीआइ ने बस सहायक को आरोपित न मानते हुए स्कूल के ही एक छात्र भाेलू (अदालत द्वारा दिया गया नाम) को आरोपित ठहराया। तभी से भोलू न्यायिक हिरासत में है।

    बता दें कि कोर्ट ही मीडिया के साथ अन्य संस्थाओं को आदेश दिया था कि वह जान गंवाने वाले छात्र का नाम छिपाएं। इसके साथ ही कोर्ट द्वारा ऐसा करने वालों के लिए जुर्माने तथा सजा का भी प्रावधान किया गया है।