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    20 दिन बाद भी नहीं लिखी बाइक चोरी की FIR, पुलिस आयुक्त से की शिकायत; थाना प्रभारी समेत तीन सस्पेंड

    Updated: Mon, 07 Apr 2025 08:49 AM (IST)

    गुरुग्राम में बाइक चोरी की रिपोर्ट नहीं लिखने पर तीन पुलिसकर्मियों पर गाज गिरी है। पुलिस आयुक्त विकास अरोड़ा ने मामले का संज्ञान लेते हुए पुलिस आयुक्त तीन पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। पुलिसकर्मी शख्स को बाइक चोरी की शिकायत लिखने के लिए 20 दिनों से दौड़ा रहे थे। पीड़ित ने थक हारकर पुलिस कमिश्नर को आपबीती सुनाई।

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    गुरुग्राम पुलिस आयुक्त विकास अरोड़ा की फाइल फोटो-

    जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। आइएमटी मानेसर थाना क्षेत्र में कंपनी के अंदर आठ मार्च को बाइक चोरी होने के बाद 20 दिनों तक थाने में रिपोर्ट लिखाने के लिए एक व्यक्ति चक्कर काटता रहा। पुलिसकर्मी हर दिन उसे कोई न कोई बहाना बनाकर टरकाते रहे।

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    थक हारकर आखिरकार व्यक्ति ने पुलिस आयुक्त को पीड़ा बताई। पुलिस आयुक्त विकास अरोड़ा ने फौरन कार्रवाई करते हुए आइएमटी मानेसर थाना प्रभारी देवेंद्र सिंह, मुंशी रविंद्र और आइओ हेड कांस्टेबल सुरेंद्र कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।

    कंपनी के अंदर से चोरी हो गई थी बाइक

    सेक्टर 96 निवासी राजीव कुमार ने पुलिस आयुक्त को बीते दिनों दी शिकायत में बताया कि वह आइएमटी मानेसर में एफए होम एंड अपैरल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में काम करते हैं। उन्होंने मई 2024 में नई एचएफ डीलक्स बाइक ली थी।

    आठ मार्च को जब वह ड्यूटी पर आए थे तो बाइक कंपनी के अंदर पार्किंग में खड़ी कर दी। रात 11 बजे ड्यूटी के बाद जब पार्किंग में पहुंचे तो बाइक गायब मिली। उन्होंने चोरी के बाद पुलिस को सूचना दी। इसके बाद नौ मार्च को आएमटी मानेसर थाने में चोरी की रिपोर्ट लिखाने के लिए पहुंचे।

    नौ मार्च से थाने के चक्कर काट रहा था पीड़ित

    सबसे पहले वह आइओ सुरेंद्र से मिले। उन्होंने एक सप्ताह तक चक्कर कटवाए। वह नौकरी के बाद प्रतिदिन एक-एक घंटे थाने में रिपोर्ट लिखवाने के लिए बैठे रहते थे। दस दिन के बाद भी जब रिपोर्ट नहीं लिखी गई तो वह एसएचओ से मिले। उन्होंने भी रिपोर्ट दर्ज कराने का आश्वासन दिया, लेकिन रिपोर्ट दर्ज नहीं हो सकी।

    उन्होंने मुंशी से रिपोर्ट लिखने के लिए कहा, लेकिन मुंशी ने आइओ से बात कर फिर उन्हें टरका दिया। एसएचओ से मिलने के 10 दिनों बाद भी रिपोर्ट नहीं लिखे जाने पर वह थाने का चक्कर काट-काट कर थक गए।

    पुलिस कमिश्नर को सुनाई आपबीती

    राजीव कुमार ने बताया कि 31 मार्च को वह बाइक एजेंसी पर क्लेम के लिए गए। यहां उन्हें किसी बड़े पुलिस अधिकारी के पास जाने की सलाह दी गई। इसके बाद वह एक अप्रैल को पुलिस आयुक्त कार्यालय पहुंचे और विकास अरोड़ा को शिकायत दी।

    राजीव कुमार ने बताया कि शिकायत सुनते ही पुलिस आयुक्त ने उनके सामने ही किसी अन्य पुलिस अधिकारी को फोन मिला दिया। स्पीकर पर बात करते हुए पुलिस आयुक्त ने थाना प्रभारी व अन्य पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने के निर्देश दिए। इसके बाद पुलिस आयुक्त ने एक पुलिसकर्मी के साथ राजीव कुमार को आइएमटी मानेसर थाने भेजा। यहां उनकी चोरी की रिपोर्ट लिखी गई।