दिल में छेद हुए 16 वर्षीय किशोर को मिली नई जिंदगी, डॉक्टरों ने किया सफल ऑपरेशन
गुरुग्राम के डॉक्टरों ने 16 वर्षीय किशोर के दिल में मौजूद 35 मिमी के छेद को बिना चीर-फाड़ के एंडोस्कोपिक सर्जरी से बंद किया। बचपन से बीमार किशोर को सांस लेने में तकलीफ होती थी। पांच दिन की देखरेख के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी मिल गई। ऑपरेशन का खर्च एक स्वयंसेवी संस्था ने उठाया। डॉक्टरों ने एट्रियल सेप्टल डिफेक्ट (एएसडी) की पुष्टि की थी।

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। साइबर सिटी के डॉक्टरों ने बचपन से ही बीमार और गुमसुम रहने वाले 16 वर्षीय किशोर को नई जिंदगी दी है। किशोर के दिल में 35 मिमी का बड़ा छेद था। डॉक्टरों ने बिना किसी चीर-फाड़ के पांच घंटे की एंडोस्कोपिक कार्डियक सर्जरी से उसके दिल के छेद को बंद कर उसे नई जिंदगी दी।
जटिल ऑपरेशन के बाद अब किशोर पूरी तरह स्वस्थ है। पांच दिन की चिकित्सकीय देखरेख के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। ऑपरेशन का खर्च गुरुग्राम की एक स्वयंसेवी संस्था ने वहन किया।
सीटीवीएस विभागाध्यक्ष डॉ. महेश वाधवानी ने बताया कि पंजाब के फरीदकोट में रहने वाले एक दंपती के 16 वर्षीय बेटे के दिल में जन्म से ही 35 मिमी का छेद था। किशोर को पिछले छह महीने से थकान होने पर सांस लेने में दिक्कत की शिकायत थी।
अस्पताल में जांच के बाद उसके दिल में 35 मिलीलीटर का छेद यानी एट्रियल सेप्टल डिफेक्ट (एएसडी) की पुष्टि हुई। इसके कारण हृदय के वाल्व, पल्मोनरी हाइपरटेंशन और हृदय की महाधमनी व वाल्व में हल्का रिसाव हो रहा था।
अंततः, परिवार ने फोर्टिस अस्पताल, मानेसर से संपर्क किया। जहां सीटीवीएस के विभागाध्यक्ष डॉ. महेश वाधवानी के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम ने निशान रहित एंडोस्कोपिक हृदय शल्य चिकित्सा करने का निर्णय लिया।
यह शल्य चिकित्सा लगभग पाँच घंटे तक चली और अगले पाँच दिनों में रोगी की साँस लेने की क्षमता, शक्ति और सहनशक्ति में धीरे-धीरे सुधार होने के बाद, किशोर को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
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