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    गुरुग्राम के हजारों उपभोक्ताओं को लगेगा ‘झटका’, निगम ने पानी के बकाया बिलों की वसूली को लेकर बढ़ाया कदम

    Updated: Mon, 03 Feb 2025 03:31 PM (IST)

    गुरुग्राम के निवासियों के लिए छह महीने के बकाया पानी के बिल एक बड़ा झटका साबित होने जा रहे हैं। निगम द्वारा बिल वितरण में देरी के कारण उपभोक्ताओं को एक साथ भारी-भरकम बिलों का भुगतान करना होगा। इससे लोगों को एक साथ बड़ा आर्थिक बोझ पड़ेगा। आइए जानते हैं कि गुरुग्राम में निगम द्वारा बिल वितरण में देरी के पीछे क्या कारण हैं।

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    गुरुग्राम में पानी के बिलों ने बढ़ाई लोगों की चिंता। फोटो- जागरण अर्काइव

    संदीप रतन, गुरुग्राम। साइबर सिटी गुरुग्राम में लोगों को छह महीने से पानी के बिल नहीं मिले हैं। ऐसे में इतने दिन के बकाया बिल जब उपभोक्ताओं को मिलेंगे तो जेब ढीली होगी। 31 मार्च 2024 को बिल बांटने वाली कंपनी का अनुबंध निगम से खत्म हो गया था और निगम ने नई टेंडर प्रक्रिया शुरू तो कर दी थी, लेकिन यह टेंडर ही सिरे नहीं चढ़ा।

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    ऐसे में अप्रैल, मई, जून और जुलाई के बिल निगम ने खुद बांटे थे। इसके बाद एक प्राइवेट बैंक ने कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) के तहत एक एजेंसी के माध्यम से पानी-सीवर के बिल उपभोक्ताओं तक पहुंचाने पर सहमति जताई थी, लेकिन बैंक ने इसके बाद बिल बांटने में कोई रुचि नहीं दिखाई।

    जुलाई 2024 से लेकर जनवरी 2025 तक छह महीने के बिल लोगों को बांटे जा सके। हालांकि अब नगर निगम ने एक एजेंसी को बिल बांटने का काम सौंपने की तैयारी कर ली है और निगम अधिकारियों का दावा है कि इसी सप्ताह से बिल लोगों के घरों तक पहुंचाए जाएंगे, लेकिन छह महीने का बिल भरने में लोगों पर आर्थिक बोझ पड़ेगा।

    जीएमडीए देता है नहरी पानी, घरों तक आपूर्ति निगम की जिम्मेदारी

    शहर में घरों तक पेयजल आपूर्ति गुरुग्राम नगर निगम करता है, वहीं शहर के दो वाटर ट्रीटमेंट प्लांटों चंदू बुढेड़ा और बसई से बल्क पेयजल आपूर्ति बूस्टिंग स्टेशनों तक गुरुग्राम मेट्रोपालिटन डेवलपमेंट अथारिटी (जीएमडीए) द्वारा की जाती है। इसकी एवज में जीएमडीए नगर निगम से बिलों की रिकवरी करता है।

    1.84 लाख पानी के कनेक्शन

    शहर में पानी के कुल 1.84 लाख कनेक्शन हैं, लेकिन सभी कनेक्शनों पर पानी के मीटर नहीं लगने से पानी की बर्बादी होने के साथ ही बिलों की रिकवरी भी नहीं हो रही है। लगभग 30 लाख आबादी को देखते हुए कनेक्शनों की संख्या काफी कम है। पानी की खपत तो ज्यादा है, लेकिन उसकी एवज में बिलों की रिकवरी नहीं होने से निगम को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।

    हर महीने दस करोड़ के बिल, रिकवरी सिर्फ तीन करोड़

    जीएमडीए नगर निगम गुरुग्राम को बल्क वाटर सप्लाई के हर महीने दस करोड़ रुपये से ज्यादा के बिल भेजा है, लेकिन नगर निगम इसमें से अपने उपभोक्ताओं से सिर्फ तीन करोड़ रुपये ही वसूल पा रहा है।

    बिलों की कुल रिकवरी की बात करें तो निगम हर साल सिर्फ लगभग 35 से 36 करोड़ रुपये ही उपभोक्ताओं से वसूल पा रहा है, लेकिन जीएमडीए ने हर महीने दस करोड़ रुपये के बिल निगम को भेज रहा है। नगर निगम को जीएमडीए के सौ करोड़ रुपये से ज्यादा पानी के बिलों का भुगतान करना है।