गुरुग्राम में 300 नए मकानों को नोटिस जारी, नियमों को ताक पर रखकर चल रही अवैध गतिविधियां
गुरुग्राम के डीएलएफ फेज-3 में अवैध निर्माण और रिहायशी मकानों में चल रही व्यावसायिक गतिविधियों के खिलाफ टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग ने सख्त कार्रवाई की है। विभाग ने हाल ही में 300 नए मकानों को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। अब तक कुल 1438 मकानों को नोटिस जारी किए जा चुके हैं। इस कार्रवाई से गुरुग्राम में अवैध निर्माण और व्यावसायिक गतिविधियों पर लगाम लगने की उम्मीद है।
संवाद सहयोगी, नया गुरुग्राम। डीएलएफ फेज-तीन में अवैध निर्माण और रिहायशी मकानों में अवैध व्यावसायिक गतिविधियों के खिलाफ टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग की कार्रवाई तेज हो गई है। हाल ही में विभाग ने 300 नए मकानों को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। अब तक कुल 1,438 मकानों को नोटिस जारी किए जा चुके हैं।
अब तक कितने मकानों पर चस्पा हुए नोटिस
इन नोटिसों को मकानों के बाहर चस्पा करने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। अब तक 1100 मकानों पर नोटिस चस्पा किए जा चुके हैं। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के इन्फोर्समेंट कार्यालय की तरफ से 31 जनवरी तक डीएलएफ फेस एक से पांच के बीच किए गए सर्वे के हिसाब से नोटिस जारी करने हैं।
4200 मकानों में है अवैध निर्माण
रिपोर्ट के हिसाब से करीब 4200 मकानों में अवैध निर्माण और व्यावसायिक गतिविधियों का संचालन किया जा रहा हैं। इसमें से सबसे अधिक मकानों में अवैध निर्माण और व्यावसायिक गतिविधियों का संचालन डीएलएफ फेस तीन के ईडब्ल्यूएस मकानों में हैं।
अकेले 83 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस के मकानों में नियमों का जमकर उल्लंघन किया हुआ है। विभाग की तरफ से नोटिस चस्पा करने का कार्य भी लगातार किया जा रहा है। फिर रेस्टोरेशन के आदेश जारी होंगे।
हाई कोर्ट ने पूछा- क्या मकानों के अवैध निर्माण कंपाउंडिंग के दायरे में
डीएलएफ फेस एक से पांच के बीच अवैध निर्माण और रिहायशी मकानों में चल रही व्यावसायिक गतिविधियों के मामले में बुधवार को पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई।
इस मामले की सुनवाई न्यायाधीश सुरेश्वर ठाकुर और न्यायाधीश विकास सूरी की डबल बेंच कर रही है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार के वकील से पूछा कि सर्वे किए गए मकानों के अवैध निर्माण कंपाउंडिंग नियमावली के दायरे में आते हैं।
23 जनवरी को होगी अगली सुनवाई
अब अगली सुनवाई 23 जनवरी को है और उससे पहले टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग को इस संबंध में जवाब दायर करना है। यह याचिका डीएलएफ सिटी आरडब्लूए की तरफ से 2021 में दायर की गई थी।
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के डीटीपीई की तरफ से पिछली सुनवाई पर अब तक की गई कार्रवाई की रिपोर्ट और आगे की कारवाई के रोड मैप को लेकर जवाब दाखिल किया गया था।
मकानों में चल रही व्यावसायिक गतिविधियों पर होगा फैसला
बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान प्रदेश सरकार और टाउन कंट्री प्लानिंग विभाग की तरफ से पैरवी कर रहे अतिरिक्त एडवोकेट जनरल अंकुर मित्तल ने कोर्ट को बताया कि गुरुग्राम की रिहायशी लाइसेंस कॉलोनियों में अवैध निर्माण और व्यावसायिक गतिविधियों के संचालन को लेकर टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग की तरफ से नोटिस दिए जाने के बाद लोग लोकल कोर्ट का सहारा लेते हैं और कारवाई पर स्टे ले लेते हैं, जिसके चलते विभाग को काफी परेशानी हो रही है।
अकेले डीएलएफ इलाके के लोकल कोर्ट में कुल 227 मामले विचाराधीन हैं, जिसमें से 167 मामलों में कोर्ट ने स्टे भी दिया हुआ है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इस विषय को गंभीरता से लिया और इस पर तल्ख टिप्पणी भी की है।
बुधवार को हुई सुनवाई के बाद इस मामले में कोर्ट गंभीर नजर आ रहा है और 23 जनवरी को होने वाली सुनवाई पर कोई बड़ा आदेश भी हो सकता है। इसके बाद गुरुग्राम के रिहायशी मकानों में चल रही व्यावसायिक गतिविधियों पर कोई बड़ा संकट भी पैदा हो सकता है।
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